उज्जैन। महाकालेश्वर में सावन की पहली सवारी सोमवार शाम महाकाल मंदिर परिसर से पूजन के बाद निकली, लेकिन इस बार शाही सवारी के दौरान भक्तों की संख्या सीमित दिखी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सवारी के लिए मार्ग छोटा कर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. सोमवार से ही सावन महीने की शुरूआत हुई है, ऐसे में बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया था और सुबह से ही भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे थे.
बाबा महाकाल की पहली सवारी महाकाल मंदिर से निकली, लेकिन इस बार सवारी का स्वरूप बिल्कुल बदला दिखाई दिया, क्योंकि भगवान इस बार सवारी में श्रद्धालु नजर नहीं आए. कोरोना वायरस के चलते प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पहली सवारी में श्रद्धालुओं को प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. सवारी मार्ग भी छोटा किया था.
अलग-अलग माध्यमों से घर बैठे श्रद्धालुओं को सवारी के दर्शन की व्यवस्था प्रशासन ने की थी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने भी आज बाबा महाकाल के दर्शन किए.
सवारी 4:00 बजे मंदिर से शुरू हुई. इस दौरान पुलिस बैंड और पुलिस सशस्त्र बल द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
इसके बाद आगे-आगे पुलिस घुड़सवार और झांझ मंजीरे के साथ बाबा महाकाल की पालकी नगर भ्रमण पर निकली.
बाबा महाकाल की सवारी जैसे ही महाकाल मंदिर से निकली तो इस बार नए रूट से होते हुए बड़े गणेश, हरसिद्धि, नरसिंह घाट, सिद्धा आश्रम, होते हुए शिप्रा नदी पहुंची. यहां पर पालकी का शिप्रा नदी के जल से पूजन अभिषेक किया गया.
इसके बाद बाबा महाकाल की सवारी रामानुज कोट होते हुए हरसिद्धि बड़े गणेशजी होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंची.