उज्जैन। बाबा महाकाल मंदिर में नो दिन महाशिवरात्रि पर्व पर साल में एक बार दोपहर में होने वाली महाकाल बाबा की भस्मारती हुई. इसके साथ महाकाल मंदिर में चल रहे महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो गया. आज सुबह महाकाल बाबा को प्राकृतिक फूलों का सेहरा बांधा गया और बाबा को दूल्हा बनाया गया. श्रद्धालुओं ने इस सेहरे के दर्शन 9 बजे तक किए. इसके बाद पुजारियों ने बाबा का सेहरा उतारा. इसके बाद दोपहर में महाकाल बाबा की भस्मारती हुई. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी ने 9 दिन से बाबा के विवाह उत्सव को लेकर धूम थी. कल महाशिवरात्रि पर विवाह के बाद बाबा महाकाल को देर रात विशेष कर सुबह 4 बजे फलों और चमक से सेहरा बांधा जो अपने आप में अद्भुत है. सेहरा दर्शन के महत्व को समझते हुए साल वर्ष लाखों श्रद्धालुओं यहां पहुंचेते हैं.
पंचामृत अभिषेक पूजन
उज्जैन के महाकाल मंदिर के पंडे-पूजारियों ने महाकालेश्वर का दुध, दही, शहद, पंचामृत, फलों के रस सहित विभिन्न द्रव्य प्रदार्थो से महाकाल को स्नान कराया गया और पुजारियों ने बाबा का आकर्षक भांग का श्रंगार किया. बाबा को एक विशेष पगड़ी पहनाई गई और विधि-विधान से महाकालेश्वर की भस्मारती हुई. शुक्रवार को महंत विनीत गुरु ने बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाई. जिसके बाद बाबा को भोग लगाकर आरती की गई. साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मारती का शिवभक्तों को पूरे साल इंतजार रहता है. श्रद्धालु आज के दिन महाकाल बाबा के दर्शन करके अपने आपको धन्य मानते हैं.
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श्रद्धालु को प्रवेश नहीं मिला
कोरोना महामारी को लेकर महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है. जिसके चलते आज होने वाली भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया और बिना श्रद्धालुओं के ही भस्म आरती संम्पन्न हुई. हालांकि भस्म आरती को देखते हुए मंदिर समिति ने सुबह 9 बजे से ही मंदिर को खाली कराना शुरू कर दिया था. महाकाल मंदिर में नौ दिवसीय शिव नवरात्रि पर्व में सुबह सेहरा दर्शन के बाद दोपहर बजे से भस्म आरती शुरू हुई. भस्म आरती के बाद से आम श्रद्धालुओं के दर्शन महाकाल मंदिर दोबारा शुरू हो जाएंगे.