टीकमगढ़/सागर। किसानों की कर्ज माफी और अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को मुद्दा बनाकर कांग्रेस से बगावत करने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब इन्हीं सवालों से बचते हुए नजर आते हैं. आज जब टीकमगढ़ में मीडिया ने उनसे सवाल पूछा कि "कांग्रेस से बगावत की वजह आप अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण बताते थे, लेकिन यह तो भाजपा की सरकार में भी नहीं हुआ?" तो ज्योतिरादित्य सिंधिया टालमटोल जवाब देते आए.
सिंधिया ने सिर्फ इतना कहा कि "जनता से धोखा करने वाली सरकार को धरातल पर लाने का काम मैंने किया था", यहां उन्होंने अतिथि शिक्षकों का नाम लेना भी उचित नहीं समझा और कहने लगे कि "किसानों और युवाओं के साथ धोखा करने वाली सरकार को मैंने धरातल पथ लाने का काम किया था."बता दें कि आज ज्योतिरादित्य सिंधिया टीकमगढ़ में अपने पिता माधवराव सिंधिया की मूर्ति के अनावरण के लिए पहुंचे थे. खास बात यह थी कांग्रेस सरकार के समय कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में तल्खी टीकमगढ़ में ही बढ़ी थी, जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे.
अतिथि शिक्षकों के सवाल पर क्या बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया: ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब पूछा गया कि "आपने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को बड़ा मुद्दा बताते हुए कांग्रेस से बगावत की बात कही थी, लेकिन बीजेपी सरकार के भी साढ़े 3 साल बीत जाने के बाद अतिथि शिक्षक आज भी नियमित नहीं हुए हैं. तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवाब देते हुए कहा कि "मैंने उसी समय जिस पार्टी ने विश्वासघात किया था, उस पार्टी को धरातल पर लाने का काम किया था. जो किसानों के साथ विश्वासघात हुआ था, जो नौजवानों के साथ विश्वासघात हुआ था. आज हम किसानों की बात करें, जहां 6 हजार रूपए किसान सम्मान निधि केंद्र सरकार से मिल रही है, वहीं 6 हजार रुपए शिवराज सिंह सरकार से मिल रहे हैं." अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि "विकास और प्रगति जिस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में डाला था, मैंने उसी समय कहा था, तो उस पार्टी को धरातल पर लाने का काम किया था."
पिता की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे थे सिंधिया: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज टीकमगढ़ अपने पिता स्वर्गीय माधव राव सिंधिया की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे थे. माधवराव सिंधिया की मूर्ति टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में स्थापित की गई है, जिसका विरोध स्थानीय जनता कर रही है. स्थानीय जनता ने विरासत बचाओ आंदोलन के तहत माधवराव सिंधिया के मूर्ति के अनावरण का विरोध किया था और मांग की थी कि टीकमगढ़ में उन लोगों की मूर्ति स्थापित की जाएं जिन लोगों ने टीकमगढ़ के विकास और प्रगति में ही योगदान दिया है. विरासत बचाओ आंदोलन के आंदोलनकारी ने चेतावनी भी दी थी कि अगर मूर्ति का अनावरण किया गया, तो भाजपा को सबक सिखाया जाएगा, लेकिन विरोध को ताक पर रखते हुए आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया गया.