टीकमगढ़| जिले में किसानों का अनाज खरीदने के लिए जिला प्रशासन ने 88 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए हैं. इन केंद्रों पर किसानों का अनाज 18-40 रुपया में खरीदा जाता है और 160 रुपया का बोनस बाद में दिया जाता है. बोनस मिलाकर किसानों का गेंहू 20 हजार रुपया प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाता है. लेकिन जिले के सभी खरीद केंद्रों पर किसानों को लूटा जा रहा है. किसान इन केंद्रों पर समिति प्रबन्धकों और सर्वेयरों को पैसे नहीं देते तो उनके गेहूं को फेल कर दिया जाता है, जिससे किसान परेसान होते हैं और उसको मजबूरी बस इन दलालों को रिश्वत देनी पड़ती है.
टीकमगढ़ जिले के किसानों का कहना है कि सरकार किसी की भी हो खरीदी केंद्रों पर किसान हमेशा से लुटता आया है. बिना सुविधा शुल्क दिए किसान का अनाज नहीं खरीदा जाता है. टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर सहकारी समिति का खरीद केंद्र लक्ष्मी वेयर हाउस में बनाया गया जहां पर खुलेआम लूट जारी है. किसानों के प्रति ट्रॉली अनाज पर यह लोग 2 हजार रुपया लेते हैं और जो किसान पैसा नहीं देता उसके अनाज का सैंपल फेल कर दिया जाता है. किसानों को अनाज की तुलाई के नाम पर भी लूटा जाता है. जिसमे प्रत्येक क्विंटल 15 रुपया के हिसाब से तुलाई का भी पैसा वसूला जाता है. जबकि खरीद के दौरान किसानों के अनाज की तुलाई का पैसा शासन देता है.
टीकमगढ़ जिले के सभी 88 खरीदी केंद्रों का यही आलम है. इधर किसान अपनी मेहनत से पैदा किए अनाज को रिश्वत देकर बेचने को मजबूर हैं और वही अधिकारी चुनाव में व्यस्त हैं. तहसीलदार सतीश वर्मा टीकमगढ़ तहसील के अंदर आने बाले दर्जनों खरीद केंद्रों के निगरानी अधिकारी हैं, लेकिन ये आज तक किसी भी खरीद केंद्र पर किसानों की समस्या सुनने नहीं गए और कई किसान इनके पास अपनी समस्या लेकर गए तो तहसीलदार ने किसानों को भगा दिया.