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टीकमगढ़: जिले के सभी 88 गेंहू क्रय केंद्रों पर किसानों के साथ हो रही लूट, चुनाव में व्यस्त प्रशासन - किसान परेशान

टीकमगढ़ के 88 गेंहू खरीदी केंद्रों पर किसानों को लूटा जा रहा है. आलम ये है कि किसानों की परेशानियों को देखने की बजाए प्रशासन चुनावों में व्यस्त होने का हवाला दे रहा है.

किसानों के साथ हो रही लूट
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Published : May 18, 2019, 7:12 PM IST

टीकमगढ़| जिले में किसानों का अनाज खरीदने के लिए जिला प्रशासन ने 88 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए हैं. इन केंद्रों पर किसानों का अनाज 18-40 रुपया में खरीदा जाता है और 160 रुपया का बोनस बाद में दिया जाता है. बोनस मिलाकर किसानों का गेंहू 20 हजार रुपया प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाता है. लेकिन जिले के सभी खरीद केंद्रों पर किसानों को लूटा जा रहा है. किसान इन केंद्रों पर समिति प्रबन्धकों और सर्वेयरों को पैसे नहीं देते तो उनके गेहूं को फेल कर दिया जाता है, जिससे किसान परेसान होते हैं और उसको मजबूरी बस इन दलालों को रिश्वत देनी पड़ती है.

किसानों के साथ हो रही लूट

टीकमगढ़ जिले के किसानों का कहना है कि सरकार किसी की भी हो खरीदी केंद्रों पर किसान हमेशा से लुटता आया है. बिना सुविधा शुल्क दिए किसान का अनाज नहीं खरीदा जाता है. टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर सहकारी समिति का खरीद केंद्र लक्ष्मी वेयर हाउस में बनाया गया जहां पर खुलेआम लूट जारी है. किसानों के प्रति ट्रॉली अनाज पर यह लोग 2 हजार रुपया लेते हैं और जो किसान पैसा नहीं देता उसके अनाज का सैंपल फेल कर दिया जाता है. किसानों को अनाज की तुलाई के नाम पर भी लूटा जाता है. जिसमे प्रत्येक क्विंटल 15 रुपया के हिसाब से तुलाई का भी पैसा वसूला जाता है. जबकि खरीद के दौरान किसानों के अनाज की तुलाई का पैसा शासन देता है.

टीकमगढ़ जिले के सभी 88 खरीदी केंद्रों का यही आलम है. इधर किसान अपनी मेहनत से पैदा किए अनाज को रिश्वत देकर बेचने को मजबूर हैं और वही अधिकारी चुनाव में व्यस्त हैं. तहसीलदार सतीश वर्मा टीकमगढ़ तहसील के अंदर आने बाले दर्जनों खरीद केंद्रों के निगरानी अधिकारी हैं, लेकिन ये आज तक किसी भी खरीद केंद्र पर किसानों की समस्या सुनने नहीं गए और कई किसान इनके पास अपनी समस्या लेकर गए तो तहसीलदार ने किसानों को भगा दिया.

टीकमगढ़| जिले में किसानों का अनाज खरीदने के लिए जिला प्रशासन ने 88 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए हैं. इन केंद्रों पर किसानों का अनाज 18-40 रुपया में खरीदा जाता है और 160 रुपया का बोनस बाद में दिया जाता है. बोनस मिलाकर किसानों का गेंहू 20 हजार रुपया प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाता है. लेकिन जिले के सभी खरीद केंद्रों पर किसानों को लूटा जा रहा है. किसान इन केंद्रों पर समिति प्रबन्धकों और सर्वेयरों को पैसे नहीं देते तो उनके गेहूं को फेल कर दिया जाता है, जिससे किसान परेसान होते हैं और उसको मजबूरी बस इन दलालों को रिश्वत देनी पड़ती है.

किसानों के साथ हो रही लूट

टीकमगढ़ जिले के किसानों का कहना है कि सरकार किसी की भी हो खरीदी केंद्रों पर किसान हमेशा से लुटता आया है. बिना सुविधा शुल्क दिए किसान का अनाज नहीं खरीदा जाता है. टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर सहकारी समिति का खरीद केंद्र लक्ष्मी वेयर हाउस में बनाया गया जहां पर खुलेआम लूट जारी है. किसानों के प्रति ट्रॉली अनाज पर यह लोग 2 हजार रुपया लेते हैं और जो किसान पैसा नहीं देता उसके अनाज का सैंपल फेल कर दिया जाता है. किसानों को अनाज की तुलाई के नाम पर भी लूटा जाता है. जिसमे प्रत्येक क्विंटल 15 रुपया के हिसाब से तुलाई का भी पैसा वसूला जाता है. जबकि खरीद के दौरान किसानों के अनाज की तुलाई का पैसा शासन देता है.

टीकमगढ़ जिले के सभी 88 खरीदी केंद्रों का यही आलम है. इधर किसान अपनी मेहनत से पैदा किए अनाज को रिश्वत देकर बेचने को मजबूर हैं और वही अधिकारी चुनाव में व्यस्त हैं. तहसीलदार सतीश वर्मा टीकमगढ़ तहसील के अंदर आने बाले दर्जनों खरीद केंद्रों के निगरानी अधिकारी हैं, लेकिन ये आज तक किसी भी खरीद केंद्र पर किसानों की समस्या सुनने नहीं गए और कई किसान इनके पास अपनी समस्या लेकर गए तो तहसीलदार ने किसानों को भगा दिया.

Intro:एंकर इंट्रो /टीकमगढ़ जिले में बनाये गए समर्थन मूल्य के गेंहू उपार्जन केंद्रों पर अनाज खरीदी के नाम पर सरेआम लूट खसोट जारी है बगैर पैसे के नही खरीदा जाता अनाज किसान परेसान


Body:वाईट /01 राजा यादव किसान घाट खिरिया

वाईट /02 सी पी पटेल sdm टीकमगढ़

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में किसानों का अनाज गेंहू खरिदने के लिए जिला प्रसासन ने 88 गेंहू उपार्जन समर्थन मूल्य के खरीद केंद्र बनाए है इन केंद्रों पाए किसानों का अनाज 18 40 रुपया में खरीदा जाता है और 160 रुपया का बोनस बाद में दिया जाता है और बोनस मिलाकर किसानों का गेंहू 20000 रुपया प्रति कुंतल की दर से खरीदा जाता है ! लेकिन जिले के सभी खरीद केंद्रों पर किसानों के साथ सोसन ओर खुली लूट जारी है गेंहू उपार्जन केंद्रों पर किसानों का अनाज बगैर सुबिधा सुल्क के नही खरीदा जाता है जो किसान इन केंद्रों पर समिति प्रबन्धको ओर सर्वेयरों को पैसे नही देते तो उनका गेंहू का सेम्पल निरस्त कर दिया जाता है जिससे किसान परेसान होजाता है और उसको मजबूरी बस इन दलालों को रिस्वत देनी पड़ती है क्योकी किसान की साल भर की पूंजी यही अनाज होता है जिससे वह अपनी सारी जरूरते पूरी करता है और अभी तो बेसे भी शादियों का सीजन चल रहा है और हर किसान के घर मे सादिया है किसी की बेटी की तो किसे के बेटे की ओर उसे इस समय पैसे की अति आवश्यकता पड़ती है जिससे किसान को मजबूरी में लूटना पड़रहा है और शिकायत करने के वाद भी कोई कार्यवाही नही होती क्योकि अधिकारी पहिले चुनाव में व्यस्त रहे और अभी मतगड़ना की तैयारी में इस लिए इन खरीद केंद्रों पर जो निरीक्षण अधिकारी तहसीलदारों को बनाया गया वह एक भी दिन इन गेंहू उपार्जन केंद्रों पर चेक करने नही गए जिससे खुलेआम भ्रस्टाचार जारी है और किसान लूटने को मजबूर


Conclusion:टीकमगढ़ वही किसानों का कहना रहा सरकार किसी की भी हो समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर किसान हमेशा से लुटता आया है उसको बगैर सुबिधा सुल्क दिए उसका अनाज नही ख़रीदा जाता है टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर सहकारी समिति का खरीद केंद्र लक्ष्मी बेयर हाउस में बनाया गया जहाँ पर खुलेआम लूट जारी है किसानों के साथ प्रति ट्राली अनाज पर यह लोग 2000 रुपया लेते है और जो किसान पैसा नही देता उसको अनाज का सेम्पिल निरस्त कर दियाजाता है और तो ओर यहां पर किसानों तुलाई के नाम पर भी लुटा जाता है जिसमे प्रत्येक कुटल पर 15 रुपया के हिसाव से तुलाई का भी पैसा बसूला जाता है जबकि खरीद के दौरान किसानों के अनाज की तुलाई का पैसा सासन देता है हम्मालों को लेकिन फिर भी तुलाई के नाम भी लुटा जाता है और अनाज बेचने के नाम पर प्रति ट्राली की दर से 2000 रुपया तो लिया ही जाता है यह आलम टीकमगढ़ जिले के सभी 88 खरीद केंद्रों का है इधर किसान अपनी मेहनत से पैदा किये अनाज को रिस्वत देकर बेचने को मजबूर है ओर वही अधिकारी चुनाव में मस्त है टीकमगढ़ तहसील की बात की जावे तो यहांके तहसीलदार सतीश वर्मा टीकमगढ़ तहसील के अंदर आने बाले दर्ज़नो खरीद केंद्रों के निगरानी अधिकारी है लेकिन यह आजतक किसी भी खरीद केंद्र पर किसानों की समस्या सुनने नही गए और कई किसान इनके पास अपनी समस्या लेकर गए तो तहसीलदार ने किसानों को हड़काकर भगा दिया जाइये अभी हम चुनाव में व्यस्त है कलेक्टर ने मना किया है खरीद केंद्रों पर जाने को ओर यह किसानों की सिकायत पर भी खरीद केंद्रों पर जांच करने नही गए जिससे खरीद केंद्रों पर जमकर लूट मची है देखने मे लगता है कि कही तहसीलदार की मिली भगत से तो यह सारा कमीशन का खेल तो नही चल रहा है ऐसा किसानों ने दबी जुबान में बया किया है वही इस सम्बंध में टीकमगढ़ एस डी एम का कहना रहा कि यह गलत है यदि किसानों के साथ अबैध बसूली की जाती है समर्थन खरीद केंद्रों पर तो उसकी जांच करवाकर कार्यवाही की जाबेगी अब देखना होगा कि क्या बाकाई में इन घुस खोर दलालों कर्मचारियो ओर अधिकारियों पर कार्यवाही होगी क्या जो किसानों की खून पसीने की कमाई में से चोंच मारकर उनकी मेहनत का पैसे की अबैध बसूली करने में जुटे हुए है
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