मुरैना: मुरैना में वन विभाग की फिर किरकिरी हुई. मुरैना का वन विभाग चंबल नदी में नौका विहार कराने VVIP के लिए एक अच्छी वोट की व्यवस्था तक नहीं कर सका. जब कोई VVIP आता है तो पड़ोसी राज्य राजस्थान से बोट लेकर काम चलाना पड़ता है. सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चंबल नदी के राजघाट पर पहुंचे. यहां सीएम को 10 घड़ियालों को नदी में प्रवाहित करना था.
मुरैना प्रशासन ने धौलपुर से मंगाई दो बोट
मुख्यमंत्री मोहन यादव चंबल की सैर करने के लिए निकले तो वन विभाग द्वारा राजस्थान से बोट उधार लेनी पड़ी. उधार मांगी गई बोट में मुख्यमंत्री को नौका विहार करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. मुख्यमंत्री के आने पर मुरैना वन विभाग ने राजस्थान के धौलपुर जिले से दो बोट उधार ली. वन विभाग की लापरवाही का आलम यह था कि जो दो बोट चंबल सैर के लिए लाई गई थी, उनमें से एक बोट पर मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य लोग सवार थे तो वहीं दूसरी बोट पर CM सिक्योरिटी गार्ड के अलावा कलेक्टर, एसपी मौजूद थे.
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काफी देर बाद स्टार्ट हो सकी दूसरी बोट
जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की बोट चंबल नदी में आगे बढ़ने लगी तो दूसरी बोट ख़राब हो गई. इसे चालू करने की काफी कोशिश की गई. लगभग 15-20 मिनट बाद उसे ठीक किया जा सका. तब उसमें कलेक्टर, एसपी और CM सिक्योरिटी के लोग दौड़कर बैठे. तब कहीं जाकर सिक्योरिटी अफसर मुख्यमंत्री की बोट कि तरफ निकल सके. खास बात ये है कि जब बोट आगे बड़ी तो वह आगे नहीं जा रही थी, क्योंकि बोट रस्सी से बंधी हुई थी. इसके बाद रस्सी खोली गई, तब कहीं जाकर बोट आगे बढ़ी. इस मामले में मुरैना ADM सीबी प्रसाद ने बताया "राजस्थान की बोट अच्छी थी. इसलिए प्रशासन ने दो बोट मांगी थी. वन विभाग के पास अच्छी वोट क्यों नहीं है, ये उनका मामला है, वही बता पाएंगे."