टीकमगढ़। बुंदेलखंड अंचल में वैसे ही किसान बारिश और अन्य कारणों से फसल खराब होने से परेशान हैं. अब रही सही कसर जिले की बीच समितियां कर रही हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है तिलवारण गांव से, जहां एक बुजुर्ग को 130 रुपए प्रति किलों के रेट से उड़द का बीज खरीदा. बोवनी के बाद पौधे तो उग आए, लेकिन उसमें फल ही नहीं लगे. जिससे किसान की पूरी लागत और मेहनत बेकार चली गई.
किसान का नाम करिया अहिरवार है, जिसका कहना है कि, उसने रामराजा उत्पादन समिति से उड़द का 40 किलो बीज लिया था. जिसे उसने आठ एकड़ जमीन पर लगाया था. लेकिन बीज घटिया और अमानक निकला. जिससे उनकी पूरी मेहनत बेकार चली गई. किसान ने इस मामले में हर जगह शिकायत भी की, लेकिन कोई उसकी बात सुनने को तैयार नहीं है. जबकि बीज समिति के संचालक चाली यादव शिकायत करने पर किसान को जान से मारने की धमकी देते हैं. किसान का कहना है कि, अगर उसे इस मामले में न्याय नहीं मिला, तो वो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा. जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
जब बीज समिति के संचालक से बात की गई, तो उसने किसानों के सभी आरोपों को खारिज किया. चाली यादव का कहना है, उसने इस तरह की कोई धमकी किसी किसान को नहीं दी है. वही जब कृषि विभाग के उपसंचालक वीके श्रीवास्तव को मामले की जानकारी दी गई, तो वे भी बीज समिति के संचालका का पक्ष लेते नजर आए. हालांकि अधिकारी ने मामले में जांच की बात भी कही है.
टीकमगढ़ में चल रही है 50 से ज्यादा बीज समितियां
टीकमगढ़ जिले में 50 से ज्यादा बीज समितियां चल रही हैं. जिले के किसानों का आरोप है कि, इन बीज समितियों में अधिकारियों की मिलीभगत से अमानक बीज दिया जाता है. जिससे किसानों को नुकसान होता है. बड़ा सवाल ये है कि, बाहर से आने वाला यह बीज टेस्टिंग में पास कैसे हो जाता है. इस तरह की गड़बड़ियों से किसानों को हर साल लाखों रुपए का नुकसान होता है.