टीकमगढ़। जिले में कुपोषण अभियान के जरिये अधिकारियो ने गांव गांव जाकर कुपोषित बच्चों का निरीक्षण कर उनसे मुलाकात की और उनके परिजनों से मुलाकात कर एक-एक बच्चा को गोद लेकर उनको सुपोषित करने का जिम्मा उठाया है.
तीन प्रकार का होता है कुपोषण
अधिकारियों ने बच्चों के माता-पिता को जागरूक करते हुए बताया कि कुपोषण तीन प्रकार का होता है. जिसमें अतिकुपोषित बच्चे लाल श्रेणी में आते हैं जो काफी कमजोर होते हैं. ऐसे बच्चे को एनआरसी सेंटर में भर्ती करवाने की सलाह दी गई. ये भी बताया कि वहां पर कुपोषित बच्चों का निशुल्क इलाज किया जाता. वहीं दूसरा कुपोषण मध्यम होता है, जिसमें लम्बाई से मापकर निकाला जाता है, जिसे सेम कुपोषण भी बोला जाता है और उन्हें भी भर्ती करवाया जाता है. वहीं परिजनों को बच्चों को संतुलित आहार देने की सलाह दी गई. वहीं गर्भवती महिलाओं को भी बताया गया कि वह सम्पूर्ण आहार लें, जिससे जन्म के समय बच्चे कुपोषित न हो.
एसडीएम ने बच्चों को लिया गोद
जिले में चलाए जा रहे कुपोषण अभियान के तहत टीकमगढ़ एस डी एम सौरभ मिश्रा ने श्रीनगर और मबई गांव जाकर बच्चों में पहले गुड़ और चना का वितरण किया. उन्होंने बताया गुड़ और चना से आयरन की कमी पूरी होती है. एस डी एम और तहसीलदार ने एक-एक कुपोषित बच्चा गोद लेकर उनको ठीक करने की जिममेदारी ली, तो वहीं एक बच्चा परियोजना अधिकारी ने गोद लिया.