टीकमगढ़। जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर बल्देवगढ़ विकासखंड के शासकीय माध्यमिक शाला कुड़ीला में बच्चों को मध्याह्न भोजन के लिये या तो घर से बर्तन लेकर आना होता है या फिर हाथों पर भोजन खाने को मजबूर होना पड़ता है. इतना ही नहीं बच्चों को गंदगी के बीच जमीन पर बैठाकर हाथ में रोटी पर सब्जी देकर मध्याह्न भोजन परोसा जा रहा है. खरगापुर विधानसभा के शासकीय माध्यमिक शाला कुड़ीला गांव में जब से स्कूल खुला है तब से यही हालात हैं.
कुछ बच्चे घर से लाते हैं बर्तन : छात्र-छात्राओं का मध्याह्न भोजन के लिए अपने घर से बर्तन लाना पड़ते हैं या फिर हाथों पर रखकर गंदगी और आवारा कुत्तों से बचाकर खाना खाना पड़ता है. स्कूली बच्चों का कहना है कि स्कूल में भरपेट भोजन नहीं दिया जाता है और जो मिलता है, उसमें भी कीडे़ मकोड़े मिलते हैं, जिससे बच्चे खाना कुत्तों को खिला देते हैं. इस मामले में शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ प्रधानाध्यापक गौरीशंकर बरार का कहना है कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने से मध्याह्न भोजन वाले बर्तनों में जंग लग जाने के कारण बच्चों को हाथों में भोजन दिया जा रहा है.
एसडीएम बोले- जांच कराएंगे : इस मामले में बल्देवगढ़ एसडीएम का कहना है कि शासकीय माध्यमिक शाला कुड़ीला स्कूल में अगर बच्चों को गंदगी के बीच हाथों में मध्याह्न भोजन वितरित किया जा रहा है तो ये आपत्तिजनक है. इसकी जांच के आदेश बीआरसी को दिए हैं. जांच रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. MP midday meal, Midday meal system destroyed, Food distribute like beggars