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रिश्वत लेने के मामले में वनरक्षक को चार साल की सजा, 15 हजार का लगाया जुर्माना

वनरक्षक राजेंद्र पाल को जिला विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत लेने के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

Four year sentence given to forest guard in case of taking bribe
कोर्ट ने सुनाई वनरक्षक को चार साल की सजा
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Published : Feb 4, 2020, 9:33 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 10:44 PM IST

टीकमगढ़। जिले के एक वनरक्षक राजेन्द्र पाल को जिला विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत लेने के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं सजा के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है.

कोर्ट ने सुनाई वनरक्षक को चार साल की सजा

वनसमिति का सदस्य प्रभान सिंह घोष सेराई का रहने वाला है. जिसने वनसमिति में सचिव पद पर अपना चयन करवाने के लिए वनरक्षक राजेन्द्र पाल से कहा था. जिसके लिए राजेन्द्र पाल ने उससे 25 हजार रुपए की डिमांड की थी, लेकिन प्रभान ने कहा कि 25 हजार रुपए ज्यादा होते हैं. वहीं राजेंद्र पाल के नहीं मानने पर प्रभान ने लोकायुक्त से इसकी रिकॉर्डिंग सहित शिकायत की. जिसके बाद सागर लोकायुक्त ने प्लानिंग कर पैसे देने की बात कही. वहीं प्रभान 10 हजार रुपए लेकर वनरक्षक राजेंद्र पाल के यहां पहुंचा, जिसे रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया. जिसके बाद वनरक्षक पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जमानत पर छोड़ दिया था. जिसका मामला जिला न्यायालय में चल रहा था और उसपर सजा सुनाई गई.

न्यायालय ने वनरक्षक राजेन्द्र पाल को रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत तीन साल की सजा और 7,500 रुपए का अर्थदंड लगाया है. साथ ही रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत चार साल का सश्रम कारावास की सजा और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

टीकमगढ़। जिले के एक वनरक्षक राजेन्द्र पाल को जिला विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत लेने के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं सजा के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है.

कोर्ट ने सुनाई वनरक्षक को चार साल की सजा

वनसमिति का सदस्य प्रभान सिंह घोष सेराई का रहने वाला है. जिसने वनसमिति में सचिव पद पर अपना चयन करवाने के लिए वनरक्षक राजेन्द्र पाल से कहा था. जिसके लिए राजेन्द्र पाल ने उससे 25 हजार रुपए की डिमांड की थी, लेकिन प्रभान ने कहा कि 25 हजार रुपए ज्यादा होते हैं. वहीं राजेंद्र पाल के नहीं मानने पर प्रभान ने लोकायुक्त से इसकी रिकॉर्डिंग सहित शिकायत की. जिसके बाद सागर लोकायुक्त ने प्लानिंग कर पैसे देने की बात कही. वहीं प्रभान 10 हजार रुपए लेकर वनरक्षक राजेंद्र पाल के यहां पहुंचा, जिसे रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया. जिसके बाद वनरक्षक पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जमानत पर छोड़ दिया था. जिसका मामला जिला न्यायालय में चल रहा था और उसपर सजा सुनाई गई.

न्यायालय ने वनरक्षक राजेन्द्र पाल को रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत तीन साल की सजा और 7,500 रुपए का अर्थदंड लगाया है. साथ ही रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत चार साल का सश्रम कारावास की सजा और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ बिसेस कोर्ट ने सुनाई एक बनरक्षक को 4 साल की सजा रिस्वत लेने के मामले ओर 15 हजार का लगाया जुर्माना


Body:वाईट /01संदीप सरावगी सहायक अभियोजन अधिकारी जिला न्यायालय टीकमगढ

वाइस ओबर / टीकमगढ जिला बिसेस न्यायालय ने आज भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामले में रिस्वत लेने पर एक बन बिभाग के बनरक्षक को सुनाई 4 साल की सजा ओर 15000 रुपया का लगाया जुर्माना ओर सजा के वाद आरोपी को भेजा जेल दरअसल यह मामला टीकमगढ जिले के बछोडा बीट का है !यहां पर पदस्थ बनरक्षक ने बन समिति के सदस्य प्रभानं सिंह घोष जो सेराई का रहने बाला है !यह बन समिति का सदस्य था और उसने बनसमिति में सचिब पद पर अपना चयन करवाने के लिए बनरक्षक राजेन्द्र पाल से कहा था तो राजेन्द्र पाल ने उससे 25000 रुपया की डिमांड की थी कि आप 25,000 रुपया दो तो तुम्हे सचिव बनवा देंगे लेजिन प्रभानं ने कहा ज्यादा पैसे होते है !मगर वह नहीं माना और प्रभानं उसको लोकायुक्त से पकड़वाना चाहता था सो उंसने इसकी बात रिकॉर्ड कर लोकायुक्त सागर में शिकायत की ओर संतुष्टि के वाद लोकायुक्त सागर ने इससे उसे प्लानिकर पैसे देने की बात कही गई तो प्रभानं ने उससे कहा कि अभी 10,000 रुपया लेलो बाकी वाद में दूंगा ओर प्रि प्लानिग के कर उसको 5 05 2016 को उसके घर से लोकायुक्त टीम सागर के द्वारा ट्रेप किया गया था और 10 हजार रुपया लेते हुए उसे टीम ने रंगे हाथों पकड़ा था और उसपर भ्रस्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जमानत पर छोड़ दिया था ओर उसका मामला जिला न्यायालय में चल रहा था और उसे सजा सुनाई गई


Conclusion:ओर माननीय न्यायालय ने आज बनरक्षक राजेन्द्र पाल को रिस्वत मांगने ओर रिस्वत लेने के आरोप में दोष सिद्ध पाते हुए रिस्वत मांगने के आरोप में धारा 7भ्रस्टाचार अधिनियम के तहत 3 साल की सश्रम कारावास की सजा ओर 7,500 रुपया का अर्थदंड लगाया गया और रिस्वत लेने के आरोप में धारा 13(2) भ्रस्टाचार अधिनियम के तहत 4 साल का सश्रम कारावास की सजा ओर 15,000 रुपया का जुर्माना कर दंडित किया गया और दोनों जुर्माने मिलाकर 22,500 रुपया जा अर्थदंड लगाया गया और 4 साल की सजा होने पर उसे जमानत नहि दी गई और आरोपी बनरक्षक को जेल भेज दिया गया
Last Updated : Feb 4, 2020, 10:44 PM IST
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