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Sidhi Sinrauli Highway: सड़क के लिए राज्यसभा में BJP के 2 दिग्गज नेताओं में भिड़ंत! सीधी-सिंगरौली हाईवे पर गड़करी बोले लिखें किताब

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Published : Aug 2, 2023, 7:25 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 7:33 PM IST

मध्य प्रदेश में एक ऐसा नेशनल हाईवे बन रहा जो कई सरकारों के बदलने के बाद भी पूरा नहीं हो पा रहा. अब इसे लेकर देश की संसद में जो तल्ख सवाल जवाब हुए उसे सुन लोग हैरत में पड़ गए. मोदी के सबसे स्टार्ट मंत्रियों में गिने जाने वाले नितिन गडकरी ने तो सीधी-सिंगरौली हाईवे कब बनेगा, इस पर एक किताब लिखने की सलाह दे ड़ाली. पढ़ें कि आखिर क्या है पूरा माजरा.

Why Sidhi Sinrauli Highway Construction underway
सीधी सिंगरौली हाईवे पर गड़करी बोले लिखें किताब

सीधी-सिंगरौली। देश की संसद में मध्यप्रदेश की सीधी-सिंगरौली हाईवे का मुद्दा गूंजा. मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह हाईवे पिछले करीबन डेढ़ दशक में पूरा ही नहीं हो सका. 2008 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हो सका है. जवाब में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ ऐसा कहा कि सदन में जमकर ठहाके लगे. मगर मामला गंभीर है, लिहाजा गडकरी ने कहा कि इस हाईवे पर आ रही परेशानियों पर पूरी एक किताब लिखी जा सकती है. एक बार कोशिश कर के तो देखें.

केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने जवाब देते हुए कहा कि देश में यह सड़क क्यों पूरी नहीं हो पा रही इस पर चिंतन-मंथन की जरुरत है. उन्होने इस समस्याओं को सदन में सिलसिलेवार गिनाया, साथ ही इसको लेकर अफसोस भी जताया.
राज्यसभा सांसद ने यह उठाया था सवाल: मध्यप्रदेश की सीधी-सिंगरोली एनएच की हालत बेहद बदतर है. इसका टेंडर 2008 में हुआ था और सड़क निर्माण की डेडलाइन 2014 में खत्म भी हो चुकी है. इस नेशनल हाईवे की खस्ता हालत को लेकर पूर्व में भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नाराजगी जता चुके हैं. इस मुद्दे पर राज्य सभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने सदन में जब फिर से सवाल पूछा तो गडकरी का दर्द भी साफ नजर आया.

गडकरी ने गिनाई परेशानियां: उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को 2008 में मंजूर किया गया था, लेकिन 15 साल बीतने के बाद भी यह अब भी नहीं बन पाया. इसका मुझे कारण बताया गया है कि भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाया है. भूमि अधिग्रहण में देरी के लिए क्या राज्य सरकार को लिखा जाएगा और इसके लिए प्रदेश के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी? जवाब में केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इसका काम 2013 में प्रायमिकता के आधार पर गैमन इंडिया को दिया गया, लेकिन कई समस्याओं के चलते कंपनी काम नहीं कर सकी. बाद में कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया.

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क्यों अब भी अधूरा है BJP का सपना: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 530 करोड़ की लागत से 105 किलोमीटर लंबे इस NH के लिए फिर से टेंडर निकालकर काम शुरू किया गया है. हमारी कोशिश है कि इसे दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए, अगर फिर से कोई नई परेशानी ना खड़ी हो तो. मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2 प्रोजेक्ट की निगरानी वे खुद कर रहे हैं, क्योंकि यह दोनों अटके हुए हैं. हालांकि सर्विस रोड और हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अभी बचा हुआ है.

ऐसे 2 NH जिस पर लिखी जा सकती है किताब: नितिन गडकरी के जवाब के बाद सांसद के पास जब कुछ भी कहने के लिए नहीं बचा तो उन्होने कहा कि वो जवाब से संतुष्ट हैं. सांसद अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आपके काम की पूरे देश में तारीफ होती है, लेकिन क्षेत्र के लोग अक्सर पूछते हैं कि आखिर सीधी-सिंगरौली मामले ही में उन्हें क्या हो जाता है. जवाब में मंत्री ने कहा कि देश में मुंबई-गोवा और सीधी-सिंगरौली इन दोनों नेशनल हाईवे पर तो पूरी एक किताब लिखी जा सकती है, लेकिन मुझे अफसोस है कि इसमें इतना लंबा समय लग गया.

सीधी-सिंगरौली। देश की संसद में मध्यप्रदेश की सीधी-सिंगरौली हाईवे का मुद्दा गूंजा. मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह हाईवे पिछले करीबन डेढ़ दशक में पूरा ही नहीं हो सका. 2008 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हो सका है. जवाब में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ ऐसा कहा कि सदन में जमकर ठहाके लगे. मगर मामला गंभीर है, लिहाजा गडकरी ने कहा कि इस हाईवे पर आ रही परेशानियों पर पूरी एक किताब लिखी जा सकती है. एक बार कोशिश कर के तो देखें.

केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने जवाब देते हुए कहा कि देश में यह सड़क क्यों पूरी नहीं हो पा रही इस पर चिंतन-मंथन की जरुरत है. उन्होने इस समस्याओं को सदन में सिलसिलेवार गिनाया, साथ ही इसको लेकर अफसोस भी जताया.
राज्यसभा सांसद ने यह उठाया था सवाल: मध्यप्रदेश की सीधी-सिंगरोली एनएच की हालत बेहद बदतर है. इसका टेंडर 2008 में हुआ था और सड़क निर्माण की डेडलाइन 2014 में खत्म भी हो चुकी है. इस नेशनल हाईवे की खस्ता हालत को लेकर पूर्व में भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नाराजगी जता चुके हैं. इस मुद्दे पर राज्य सभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने सदन में जब फिर से सवाल पूछा तो गडकरी का दर्द भी साफ नजर आया.

गडकरी ने गिनाई परेशानियां: उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को 2008 में मंजूर किया गया था, लेकिन 15 साल बीतने के बाद भी यह अब भी नहीं बन पाया. इसका मुझे कारण बताया गया है कि भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाया है. भूमि अधिग्रहण में देरी के लिए क्या राज्य सरकार को लिखा जाएगा और इसके लिए प्रदेश के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी? जवाब में केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इसका काम 2013 में प्रायमिकता के आधार पर गैमन इंडिया को दिया गया, लेकिन कई समस्याओं के चलते कंपनी काम नहीं कर सकी. बाद में कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया.

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क्यों अब भी अधूरा है BJP का सपना: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 530 करोड़ की लागत से 105 किलोमीटर लंबे इस NH के लिए फिर से टेंडर निकालकर काम शुरू किया गया है. हमारी कोशिश है कि इसे दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए, अगर फिर से कोई नई परेशानी ना खड़ी हो तो. मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2 प्रोजेक्ट की निगरानी वे खुद कर रहे हैं, क्योंकि यह दोनों अटके हुए हैं. हालांकि सर्विस रोड और हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अभी बचा हुआ है.

ऐसे 2 NH जिस पर लिखी जा सकती है किताब: नितिन गडकरी के जवाब के बाद सांसद के पास जब कुछ भी कहने के लिए नहीं बचा तो उन्होने कहा कि वो जवाब से संतुष्ट हैं. सांसद अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आपके काम की पूरे देश में तारीफ होती है, लेकिन क्षेत्र के लोग अक्सर पूछते हैं कि आखिर सीधी-सिंगरौली मामले ही में उन्हें क्या हो जाता है. जवाब में मंत्री ने कहा कि देश में मुंबई-गोवा और सीधी-सिंगरौली इन दोनों नेशनल हाईवे पर तो पूरी एक किताब लिखी जा सकती है, लेकिन मुझे अफसोस है कि इसमें इतना लंबा समय लग गया.

Last Updated : Aug 2, 2023, 7:33 PM IST
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