भोपाल। राजधानी में 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों ने नियमितीकरण की मांग के लिए प्रदर्शन किया. अतिथि शिक्षक सुंदरकांड का पाठ कर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे थे. दिनभर पुलिस ने अतिथि शिक्षकों को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाने की चेतावनी दी. इसके बावजूद अतिथि शिक्षक धरनास्थल पर डटे रहे. ऐसे में रात होते ही अंधेरे में पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया. जिससे एक दर्जन से अधिक अतिथि शिक्षक घायल हुए.
बिना पूर्व सूचना के पुलिस ने किया लाठीचार्ज
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रवक्ता सतीश भार्गव ने बताया "प्रदेशभर से आए करीब 3 हजार अतिथि शिक्षक राजधानी के अंबेडकर मैदान में अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच पुलिस ने अतिथियों को भगाने के लिए गोली चलाने की चेतावनी दी. साथ ही एक बैनर भी लगाया, जिसमें लिखा था कि बलवाइयों आपका मजमा गैरकानूनी करार दिया गया है. तितर-बितर हो जाइए. पुलिस ने हमें बलवा करने वाला मानकर गोली चलाने की चेतावनी दी. हालांकि विरोध के बाद बैनर हटा लिया गया. लेकिन रात होते ही पुलिस ने अंबेडकर मैदान के आसपास की लाइटें बंद करवा दी और बिना किसी पूर्व सूचना के लाठीचार्ज शुरू कर दिया."
अब दिल्ली पहुंचकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार तानाशाह हो गई है. इसी सरकार ने साल 2023 में अतिथि शिक्षकों की महापंचायत बुलाकर लंबित मांगों का निराकरण करने का ऐलान किया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके आदेश जारी करने के निर्देश भी दिए थे. इसके बावजूद अब तक उनकी घोषणा के अनुसार आदेश जारी नहीं हुए. जबकि पहले भी यही सरकार थी. लेकिन अतिथियों की सुनवाई नहीं कर रही है. सतीश भार्गव ने बताया "अब हम एमपी सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. हम अपने नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाएंगे."
इस बार ढाई लाख गेस्ट टीचर्स ने कराया रजिस्ट्रेशन
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया "इस बार ढाई लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. पिछले सत्र में 75 हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत थे. लेकिन इस बार तीन गुना से भी अतिथि शिक्षक के लिए लोगों ने आवेदन किया. ऐसे में पुराने अतिथि शिक्षक बाहर हो जाएंगे. क्योंकि उनके पास इसकी डिग्री नहीं है". वहीं अतिथियों के स्कोर कार्ड में अनुभव के अंक नहीं जोड़े जा रहे. जिससे नया रजिस्ट्रेशन कराने वालों को फायदा मिलेगा और पुराने अतिथि शिक्षक बाहर हो जाएंगे. अब तक केवल 35 हजार पुराने अतिथितियों को ही बुलाया गया है.
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अन्य राज्यों में सरकारों ने अतिथि शिक्षकों को राहत दी
अतिथि शिक्षक रविकांत गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में केजरीवाल ने अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करते हुए उन्हें 62 वर्ष की आयु तक सेवाएं देने का फैसला लिया है. छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तराखं में भी अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित किया है. लेकिन एमपी में 10 महीने पढ़ाने के लिए भी अतिथि शिक्षकों को लाठियां खानी पड़ रही हैं. वर्तमान में अतिथि शिक्षक रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे हैं तो किसी का स्कोर कार्ड जनरेट नहीं हो रहा है तो कहीं उम्मीदवार की डबल आईडी बन गई है.