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मिल गया सुरक्षा कवच, पश्चिम मध्य रेलवे में लगी दुनिया की सबसे बेस्ट सुरक्षा प्रणाली - Kavach technology WCR - KAVACH TECHNOLOGY WCR

दक्षिण मध्य रेलवे के बाद पश्चिम मध्य रेलवे भारत का दूसरा डिवीजन बन गया है जहां रेल मंत्रालय ने कवच सुरक्षा प्रणाली लगाई है. पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों का कहना कि जल्द ही उनके दूसरे डिवजन पर भी इस सुरक्षा प्रणाली को लगाने की तैयारी की जा रही है. कवच सिस्टम लगाने के बाद मानवीय भूल से रेल एक्सीडेंट होने की संभावना खत्म हो जाएगी.

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मध्य प्रदेश को मिल गया सुरक्षा कवच (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 3, 2024, 1:59 PM IST

जबलपुर : रेल एक्सीडेंट को रोकने के लिए रेलवे ने कवच सिस्टम बनाया, जिसे अब पश्चिम मध्य रेलवे के ट्रैक्स पर इंस्टॉल किया गया है. रेल मंत्रालय का दावा है कि इस सिस्टम के लग जाने के बाद मानवीय भूल के आधार पर एक्सीडेंट की संभावनाएं घट जाएंगी. पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, '' कवच सिस्टम में एक आरएफआईडी (RFID) रेलवे ट्रैक पर लगाया जाएगा. यह रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस है और एक आरएफआईडी रीडर ट्रेन इंजन के भीतर लगाया जाएगा.''

जानकारी देते मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (Etv Bharat)

इस तरह काम करेगा कवच

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने आगे कहा, रेलवे ट्रैक और इंजन पर लगे दोनों आरएफआईडी (RFID) रेलवे स्टेशन को भी अपनी जानकारी भेजते रहेंगे. वहीं कई आरएफआईडी रेल ट्रैक पर नियत दूरी पर लगे रहेंगे. अभी तक ट्रेन इंजन चलाने वाला ड्राइवर विंडो से ट्रैक देखता है. इसके साथ ही स्टेशन के माध्यम से जारी किए गए सिग्नल के आधार पर ट्रेन चलाता है. इसमें ट्रैक में यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो इसकी पूरी जानकारी होने की संभावना 100% नहीं होती लेकिन आरएफआईडी लगने के बाद लोकोमोटिव पायलट को ट्रैक के बारे में ज्यादा जानकारी होगी.''

ट्रेनें आमने सामने आने पर भी नहीं होगा एक्सिडेंट

रेलवे के मुताबिक कवच प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोहरे या जीरो विजिबिलिटी होने की स्थिति में भी ट्रैक की पूरी जानकारी लोकोमोटिव पायलट को मिलती रहेगी. इसके अलावा कवच सिस्टम की सबसे खास बात ये है कि यदि रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने-सामने आ जाती हैं तो यह सिस्टम ऑटोमेटिक ब्रेक लगाकर ट्रेन को पहले ही सुरक्षित दूरियों पर रोक देगा. यही वजह है कि इस प्रणाली को दुनिया की सबसे सुरक्षित ट्रेन टेक्नोलॉजी कहा जा रहा है.

45 हजार करोड़ की योजना

पश्चिम मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि बीते दिनों पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में कवच सिस्टम लगाया गया है और इसका सफलतापूर्वक ट्रायल भी पूरा हो चुका है. पूरे भारत में 10 हजारो रेलवे इंजनों में कवच सिस्टम लगाए जाने हैं. यह लगभग 45,000 करोड़ की योजना है लेकिन इसे पूरा होने में बहुत समय लगेगा.

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दक्षिण मध्य रेलवे के एक क्षेत्र में कवच सिस्टम पूरी तरह लगाया जा चुका है. वहीं दक्षिण भारत के बाद पश्चिम मध्य रेलवे उत्तर भारत का पहला क्षेत्र है, जहां कवच सिस्टम लगाया गया है. पश्चिम मध्य रेलवे को उम्मीद है कि वह धीरे-धीरे अपने तीनों डिवीजन में इसे लगवाने की कोशिश करेंगे.

जबलपुर : रेल एक्सीडेंट को रोकने के लिए रेलवे ने कवच सिस्टम बनाया, जिसे अब पश्चिम मध्य रेलवे के ट्रैक्स पर इंस्टॉल किया गया है. रेल मंत्रालय का दावा है कि इस सिस्टम के लग जाने के बाद मानवीय भूल के आधार पर एक्सीडेंट की संभावनाएं घट जाएंगी. पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, '' कवच सिस्टम में एक आरएफआईडी (RFID) रेलवे ट्रैक पर लगाया जाएगा. यह रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस है और एक आरएफआईडी रीडर ट्रेन इंजन के भीतर लगाया जाएगा.''

जानकारी देते मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (Etv Bharat)

इस तरह काम करेगा कवच

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने आगे कहा, रेलवे ट्रैक और इंजन पर लगे दोनों आरएफआईडी (RFID) रेलवे स्टेशन को भी अपनी जानकारी भेजते रहेंगे. वहीं कई आरएफआईडी रेल ट्रैक पर नियत दूरी पर लगे रहेंगे. अभी तक ट्रेन इंजन चलाने वाला ड्राइवर विंडो से ट्रैक देखता है. इसके साथ ही स्टेशन के माध्यम से जारी किए गए सिग्नल के आधार पर ट्रेन चलाता है. इसमें ट्रैक में यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो इसकी पूरी जानकारी होने की संभावना 100% नहीं होती लेकिन आरएफआईडी लगने के बाद लोकोमोटिव पायलट को ट्रैक के बारे में ज्यादा जानकारी होगी.''

ट्रेनें आमने सामने आने पर भी नहीं होगा एक्सिडेंट

रेलवे के मुताबिक कवच प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोहरे या जीरो विजिबिलिटी होने की स्थिति में भी ट्रैक की पूरी जानकारी लोकोमोटिव पायलट को मिलती रहेगी. इसके अलावा कवच सिस्टम की सबसे खास बात ये है कि यदि रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने-सामने आ जाती हैं तो यह सिस्टम ऑटोमेटिक ब्रेक लगाकर ट्रेन को पहले ही सुरक्षित दूरियों पर रोक देगा. यही वजह है कि इस प्रणाली को दुनिया की सबसे सुरक्षित ट्रेन टेक्नोलॉजी कहा जा रहा है.

45 हजार करोड़ की योजना

पश्चिम मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि बीते दिनों पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में कवच सिस्टम लगाया गया है और इसका सफलतापूर्वक ट्रायल भी पूरा हो चुका है. पूरे भारत में 10 हजारो रेलवे इंजनों में कवच सिस्टम लगाए जाने हैं. यह लगभग 45,000 करोड़ की योजना है लेकिन इसे पूरा होने में बहुत समय लगेगा.

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दक्षिण मध्य रेलवे के एक क्षेत्र में कवच सिस्टम पूरी तरह लगाया जा चुका है. वहीं दक्षिण भारत के बाद पश्चिम मध्य रेलवे उत्तर भारत का पहला क्षेत्र है, जहां कवच सिस्टम लगाया गया है. पश्चिम मध्य रेलवे को उम्मीद है कि वह धीरे-धीरे अपने तीनों डिवीजन में इसे लगवाने की कोशिश करेंगे.

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