सिंगरौली। मध्यप्रदेश में 'टीबी हारेगा, प्रदेश जीतेगा' के तहत अभियान चलाया जा रहा है. वहीं जिसमें राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मुक्त मध्यप्रदेश बनाने के लिए जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर के मलेरिया विभाग के सभागार में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया.
- 2025 तक टीबी मुक्त होगा प्रदेश
कार्यशाला में बताया गया कि टीबी से मुक्त के लिए समाज के हर वर्ग को इस अभियान से जुड़ना है. डॉ. अतुल तोमर ने बताया कि जिले में टीबी के 1196 मरीज चिन्हित हैं. जिन का इलाज चल रहा है. टीबी कोई बड़ी बीमारी नहीं है, इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में देश भर में लोगों की इस बीमारी से मौत होती है. अब राष्ट्रीय क्षय कार्यक्रम का नाम बदलकर क्षय उन्मूलन कर दिया गया है. देश को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' अभियानः 2025 तक टीबी मुक्त होगा प्रदेश
- 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी हो सकती है टीबी
मीडिया कार्यशाला के दौरान प्रेजेंटेशन में बताया गया कि टीबी के मरीजों का इलाज डॉक्टर के माध्यम से किया जाता है. टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष देखरेख में टीबी रोधी दवाओं का सेवन कराया जाता है. 2 सप्ताह से अधिक समय तक खांसी या 2 सप्ताह से ज्यादा बुखार वजन, बलगम में खून का आना, छाती के एक्सरे का धनात्मक में आना इसके लक्षण है. यदि इस तरह के लक्षण दिखाई दे, तो मरीज बलगम की जांच से ही इसकी पुष्टि की जा सकती है.