ETV Bharat / state

रिलायंस कंपनी ने अब तक नहीं दी विस्थापितों को नौकरी और पुनर्वास सुविधा, एक दशक से परेशान है ये लोग - Job and Rehabilitation

सिंगरौली में रिलायंस कंपनी द्वारा कुछ विस्थापितों को विस्थापन एक दशक बीत जाने के बाद भी लोगों को नौकरी व पुनर्वास नीति का पालन नहीं किया गया है. जिससे विस्थापित परेशान है.

विस्थापतियों को लिए नौकरी और पुनर्वास हकीकत से दूर
author img

By

Published : Oct 18, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 10:49 PM IST

सिंगरौली। रिलायंस कंपनी द्वारा विस्थापतियों को दिखाई गए नौकरी, घर के सपने सपने जैसे ही बनकर रह गए है. एक दशक से भी ज्यादा समय बीत जाने पर लोग नौकरी और पुनर्वास के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. मामले में जिला कलेक्टर विस्थापितों को नौकरी दिए जाने की बात कर रहे हैं. लेकिन विस्थापितों के लिए नौकरी पाना फिलहाल किसी सपने जैसा है.

अब तक नहीं दी विस्थापितों को नौकरी और पुनर्वास सुविधा

विस्थापित भगवान दास साहू ने बताया कि 2011 से लगातार जनसुनवाई में लेटर दिया इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री को भी मामले से अवगत कराया गया था. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है. वहीं मामले में सिंगरौली कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि रिलायंस कंपनी द्वारा किसी कान्ट्रैक्ट के तहत रिलायंस कंपनी द्वारा नौकरी दिए जाने की बात कही जा रही है.

सिंगरौली में पिछले 10 सालों से रिलायंस कंपनी विस्थापितों को रिलायंस द्वारा नौकरी दिए जाने के सपने दिखाए जा रहे हैं. लेकिन हर बार की तरह रिलायंस कंपनी ग्रामीणों को सिर्फ और सिर्फ नौकरी और पुनर्वास का आश्वासन देकर ग्रामीणों को झांसे में लेती है.

सिंगरौली। रिलायंस कंपनी द्वारा विस्थापतियों को दिखाई गए नौकरी, घर के सपने सपने जैसे ही बनकर रह गए है. एक दशक से भी ज्यादा समय बीत जाने पर लोग नौकरी और पुनर्वास के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. मामले में जिला कलेक्टर विस्थापितों को नौकरी दिए जाने की बात कर रहे हैं. लेकिन विस्थापितों के लिए नौकरी पाना फिलहाल किसी सपने जैसा है.

अब तक नहीं दी विस्थापितों को नौकरी और पुनर्वास सुविधा

विस्थापित भगवान दास साहू ने बताया कि 2011 से लगातार जनसुनवाई में लेटर दिया इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री को भी मामले से अवगत कराया गया था. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है. वहीं मामले में सिंगरौली कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि रिलायंस कंपनी द्वारा किसी कान्ट्रैक्ट के तहत रिलायंस कंपनी द्वारा नौकरी दिए जाने की बात कही जा रही है.

सिंगरौली में पिछले 10 सालों से रिलायंस कंपनी विस्थापितों को रिलायंस द्वारा नौकरी दिए जाने के सपने दिखाए जा रहे हैं. लेकिन हर बार की तरह रिलायंस कंपनी ग्रामीणों को सिर्फ और सिर्फ नौकरी और पुनर्वास का आश्वासन देकर ग्रामीणों को झांसे में लेती है.

Intro:सिंगरौली जिले के विस्थापितों को रिलायंस कंपनी के द्वारा एक दशक विस्थापन के बीत जाने के बाद भी लोगों को नौकरी व पुनर्वास नीति का पालन नहीं करने पर विस्थापित परेशान है जिसको लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैBody:दरअसल सिंगरौली जिले मे 10 वर्ष पहले रिलायंस कंपनी के द्वारा पावर प्लांट स्थापित किया गया जिसमें करीब आधा दर्जन से अधिक गांव विस्थापित हुए उन विस्थापितों को रिलायंस के द्वारा नौकरी नहीं दिया गया जबकि रिलायंस कंपनी के द्वारा विस्थापन के समय लिखित में दिया गया था कि योग्यता के अनुसार विस्थापितों को नौकरी दी जाएगी पर लोगों को आज तक ना नौकरी दी गई और नहीं पुनर्वास नीति का पालन किया जा रहा है जिससे विस्थापित जिला प्रशासन के पास चक्कर लगाने को मजबूर है

वही आपको बता दें कि रिलायंस कंपनी के विस्थापित भगवानदास शाह ने करीब 10 वर्ष से लगातार जिला प्रशासन व मंत्रियों के पास अपनी गुहार लगाने के बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई तो अंत ने विवश होकर जिला प्रशासन से आत्महत्या करने को अनुमति लेने पहुंचा

वही भगवान दास साहू का कहना है कि 2011 से लगातार हम जनसुनवाई में भी लेटर दिया और पूर्व भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी लेटर देकर अवगत कराया वर्तमान सरकार कांग्रेस के मंत्री प्रदीप जयसवाल वह कमलेश्वर पटेल को भी ले कर दिया लेकिन आज तक किसी ने हमारी गुहार नहीं सुने

वहीं जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि रिलायंस कंपनी के द्वारा किसी कांटेक्ट कंपनी में नौकरी देने को कहा जा रहा है पर भगवानदास शाह का कहना है कि हम रिलायंस कंपनी में ही नौकरी करेंगे


बाइट जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी

बाइट भगवानदास साह विस्थापितConclusion:
Last Updated : Oct 18, 2019, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.