सिंगरौली। नवरात्रि के पांचवे दिन दुर्गा मां के स्कंदमाता के रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. स्कंदमाता भगवान स्कंद को गोदी में लिए हुए हैं. इसलिए उन्हें स्कंदमाता कहा जाता है.
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार सच्चे मन से मां की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को माता मोक्ष प्रदान करती हैं. इतना ही नहीं स्कंदमाता की पूजा करने वाले भक्तों को संतान की प्राप्ति के साथ सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है. स्कंद माता भगवान स्कंद को गोद में लिए हुए हैं.
मां का यह स्वरूप दर्शाता है कि की माता अपने सभी भक्तों को बच्चों के समान समझती हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. स्कंदमाता की चार भुजाएं होती हैं. पंडित बताते हैं कि जीवन स्वयं ही अच्छे बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है और हम स्वयं अपने सेनापती हैं. हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहे, इसलिए स्कंदमाता की पूजा आराधना करनी चाहिए. इसके लिए साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए, जिससे कि ध्यान एकाग्रह हो सके.
इस तरह करें मां को प्रशन्न
नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं और गरीबों को दान करें, इससे परिवार में सुख शांति हमेशा बनी रहेगी.