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किसानों को 4 दशकों से नहीं मिला जमीन का मुआवजा, आंदोलन की चेतावनी - corona case in Singrauli

1984 में हवाई पट्टी के लिए इलाके में भूमि अधिग्रहण किया गया था, जिसके लिए कई किसानों ने अपनी जमीनें दी थी. लेकिन अब तक किसानों को इसका मुआवजा नहीं मिल पाया है.

Compensation of land
भूमि का मुआवजा
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Published : Apr 18, 2021, 8:55 PM IST

सिंगरौली। जिले के सिंगरौली और खजूरी गांव में रहने वाले गरीब मजदूर किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अभिशाप साबित हो रही है. दरअसल, 1984 में हवाई पट्टी के लिए इलाके में भूमि अधिग्रहण किया गया था, जिसके लिए कई किसानों ने अपनी जमीनें दी थी. लेकिन अब तक किसानों को इसका मुआवजा नहीं मिल पाया है.

भूमि का मुआवजा
  • 4 दशकों के बाद भी नहीं मिला मुआवजा

जिले के सिंगरौली और खजूरी गांव में रहने वाले किसानों का प्रशासन पर आरोप है कि 4 दशक बीत जाने के बाद भी उन्हें उनकी जमीन-मकान का मुआवजा नहीं दिया गया है. वहीं, इलाके की महिला संजू देवी ने बताया कि उनके घर के चारों तरफ गड्ढे खोद दिए गए हैं, हवाई पट्टी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है लेकिन मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. जिससे उन्हें अपने घरों से निकलने में भी परेशानी होने लगी है. मुआवजा न मिलने को लेकर अन्य स्थानीय किसानों का कहना है कि हम प्रदेश के विकास में बाधा नहीं करना चाहते. हमारी मांग है कि सरकार हमें हमारी जमीन के मुआवजे दे दें या हमें उसके बदले दूसरी जमीन दें ताकि हम कहीं जाकर अपना गुजर-बसर कर सकें.

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  • उग्र आंदोलन की चेतावनी

मुआवजा नहीं मिलने को लेकर सिंगरौलीया के किसान अजय पांडे ने बताया कि 1984 से मुआवजा नहीं मिलने के चलते यहां रहने वाले लोग बेहद परेशान हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस जमीन और घर के अलावा हम लोगों के पास किसी भी प्रकार का रहने और खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह जिलाधिकारी को कई बार बात कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. वहीं, मुआवजा नहीं मिलने से परेशान गांव के किसानों ने अब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो आने वाले वक्त में उग्र आंदोलन करेंगे.

सिंगरौली। जिले के सिंगरौली और खजूरी गांव में रहने वाले गरीब मजदूर किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अभिशाप साबित हो रही है. दरअसल, 1984 में हवाई पट्टी के लिए इलाके में भूमि अधिग्रहण किया गया था, जिसके लिए कई किसानों ने अपनी जमीनें दी थी. लेकिन अब तक किसानों को इसका मुआवजा नहीं मिल पाया है.

भूमि का मुआवजा
  • 4 दशकों के बाद भी नहीं मिला मुआवजा

जिले के सिंगरौली और खजूरी गांव में रहने वाले किसानों का प्रशासन पर आरोप है कि 4 दशक बीत जाने के बाद भी उन्हें उनकी जमीन-मकान का मुआवजा नहीं दिया गया है. वहीं, इलाके की महिला संजू देवी ने बताया कि उनके घर के चारों तरफ गड्ढे खोद दिए गए हैं, हवाई पट्टी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है लेकिन मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. जिससे उन्हें अपने घरों से निकलने में भी परेशानी होने लगी है. मुआवजा न मिलने को लेकर अन्य स्थानीय किसानों का कहना है कि हम प्रदेश के विकास में बाधा नहीं करना चाहते. हमारी मांग है कि सरकार हमें हमारी जमीन के मुआवजे दे दें या हमें उसके बदले दूसरी जमीन दें ताकि हम कहीं जाकर अपना गुजर-बसर कर सकें.

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  • उग्र आंदोलन की चेतावनी

मुआवजा नहीं मिलने को लेकर सिंगरौलीया के किसान अजय पांडे ने बताया कि 1984 से मुआवजा नहीं मिलने के चलते यहां रहने वाले लोग बेहद परेशान हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस जमीन और घर के अलावा हम लोगों के पास किसी भी प्रकार का रहने और खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह जिलाधिकारी को कई बार बात कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. वहीं, मुआवजा नहीं मिलने से परेशान गांव के किसानों ने अब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो आने वाले वक्त में उग्र आंदोलन करेंगे.

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