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सिंगरौली जिला अस्पताल में समय पर दवा नहीं मिलने से हुई बच्चे की मौत - Singrauli district hospital

सिंगरौली जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में 15 वर्षीय किशोर को समय पर इंजेक्शन नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई.

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सिंगरौली
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Published : May 2, 2020, 10:22 AM IST

Updated : May 2, 2020, 1:19 PM IST

सिंगरौली। जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेन्टर में तेलगवां के15 वर्षीय बच्चे की मौत काल का मामला सामने आया है, परिजनों आरोप है कि, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के वजह से किशोर की मौत हुई है, समय रहते यदि इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया गया होता, तो उसकी मौत न होती. वहीं परिजनों का आरोप है की, अस्पताल में सर्पदंश उपचार किट, टिटनेस इंजेक्शन, सिरिंज तक नहीं थी.

समय पर दवा नहीं मिलने से हुई बच्चे की मौत

मृतक के पिता का कहना है कि, बाजार से ट्रामा सेंटर दूर होने की वजह से आने- जाने में भी लेट हुआ और किसी तरह का सहयोग अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों ने नहीं किया, इसलिए उनके बेटे की मौत हुई. देवसर विधायक सुभाष वर्मा के हस्तक्षेप के बाद इंजेक्शन उपलब्ध कराया गया, लेकिन काफी देर हो चुकी थी.

परिजनों के आरोप पर जब जिम्मेदारों से बात की गई, तो सहायक कलेक्टर को इस जांच के लिए नियुक्त किया. जो जांच की गई, उसमें अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों को क्लीन चिट दे गई, प्रबंधन का कहना है कि, बच्चे के परिजन झाड़-फूंक में पड़ गए थे, अस्पताल से बिना बताए बाहर चले गए थे. इसमें किसी भी तरह की अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही नहीं है और इंजेक्शन समय पर लगाया गया है.

अब सवाल उठता है कि, इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी किसी के ऊपर कार्रवाई नहीं हुई. भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता ने आरोप लगाया कि, जिला चिकित्सालय में लगातार अव्यवस्था बनी रहती है, इसमें सुधार होना चाहिए जिससे फिर किसी का बेटा, किसी की बेटी, किसी के परिजन इस तरह के अव्यवस्था के शिकार ना हों, नहीं तो सरकारी व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ जाएगा.

सिंगरौली। जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेन्टर में तेलगवां के15 वर्षीय बच्चे की मौत काल का मामला सामने आया है, परिजनों आरोप है कि, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के वजह से किशोर की मौत हुई है, समय रहते यदि इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया गया होता, तो उसकी मौत न होती. वहीं परिजनों का आरोप है की, अस्पताल में सर्पदंश उपचार किट, टिटनेस इंजेक्शन, सिरिंज तक नहीं थी.

समय पर दवा नहीं मिलने से हुई बच्चे की मौत

मृतक के पिता का कहना है कि, बाजार से ट्रामा सेंटर दूर होने की वजह से आने- जाने में भी लेट हुआ और किसी तरह का सहयोग अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों ने नहीं किया, इसलिए उनके बेटे की मौत हुई. देवसर विधायक सुभाष वर्मा के हस्तक्षेप के बाद इंजेक्शन उपलब्ध कराया गया, लेकिन काफी देर हो चुकी थी.

परिजनों के आरोप पर जब जिम्मेदारों से बात की गई, तो सहायक कलेक्टर को इस जांच के लिए नियुक्त किया. जो जांच की गई, उसमें अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों को क्लीन चिट दे गई, प्रबंधन का कहना है कि, बच्चे के परिजन झाड़-फूंक में पड़ गए थे, अस्पताल से बिना बताए बाहर चले गए थे. इसमें किसी भी तरह की अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही नहीं है और इंजेक्शन समय पर लगाया गया है.

अब सवाल उठता है कि, इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी किसी के ऊपर कार्रवाई नहीं हुई. भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता ने आरोप लगाया कि, जिला चिकित्सालय में लगातार अव्यवस्था बनी रहती है, इसमें सुधार होना चाहिए जिससे फिर किसी का बेटा, किसी की बेटी, किसी के परिजन इस तरह के अव्यवस्था के शिकार ना हों, नहीं तो सरकारी व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ जाएगा.

Last Updated : May 2, 2020, 1:19 PM IST
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