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कैसे भरेंगे इस मासूम के जख्म, 5 साल के बच्चे ने दी पिता को मुखाग्नि, दृश्य देख नम हुई सबकी आंखे

सीधी में हुए एक सड़क हादसे में कई लोगों की परिवार की खुशियां हमेशा के लिए छिन गई है. इसमें एक परिवार ऐसा भी है, जिसके 5 साल के बच्चे से अपने पिता को मुखाग्नि दी. इस बच्चे को देख आपकी आंखें भी नम हो जाएगी.

5 year old child lit fire to father in sidhi
सीधी में 5 साल के बच्चे ने पिता को मुखाग्नि दी
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Published : Feb 27, 2023, 7:31 AM IST

Updated : Feb 27, 2023, 8:46 AM IST

सीधी। जिले के चोभरा में रहने वाला एक परिवार पूरी तरह से उजड़ गया है. कुछ दिनों पहले हुए सड़क हादसे में इस परिवार के मुखिया की जान चली गई, जिसकी वजह से इस परिवार के लोगों की जिंदगी तबाह हो गई. इस घर में एक मासूम अपने पिता के आने का इंतजार कर रहा था. उसके पिता अमित शाह की रैली में सतना गए हुए थे, लेकिन उस मासूम को ये नहीं पता था कि उसके पिता आएंगे जरूर पर सफेद कपड़े में लपेटे हुए. इस मासूम की उम्र महज 5 साल है. वह अपने पिता को मुखाग्नि दे रहा है, लेकिन उसकी आंखें अभी भी अपने पिता को खोज रही है. उसे ये पता नहीं है कि उसके पिता अब वापस नहीं आने वाले हैं, वह हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़ चले गए हैं.

मासूम के सिर से उठा पिता का साया: कुछ दिनों पहले सतना में आयोजित हुई अमित शाह की रैली से वापस लौट रही 3 बसें मोहनिया टनल के पास रुकी थी. बसों में सवार रैली में गए यात्रियों को जलपान कराया जा रहा था. इसी दौरान सीमेंट से लदा ट्रक तेजी से आ रहा था, जिसका टायर बस्ट होने के कारण ट्रक असंतुलित होकर बस से भिड़ गया था. इस घटना में 3 बसें क्षतिग्रस्त होकर पलट गई थी. इसी बस में उस मासूम के पिता भी सवार थे, जिसकी मौत हो गई. इस हादसे में 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. 5 साल के मासूम के पिता रमेश कोल की उम्र 21 वर्ष थी. वो अपने घर से ये कहकर निकला था कि, वो सतना अमित शाह की रैली में जा रहा है. वहां उसे सरकार के द्वारा कुछ योजनाएं दी जाएंगी, जिसका लाभ उसे मिलेगा. वह गया जरूर पर वापस नहीं आया, उसकी सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई.

Sidhi Road Accident की ये खबरें जरुर पढ़ें...

5 साल के मासूम ने दी पिता को मुखाग्नि: मासूम के पिता का शव 25 फरवरी की सुबह 6 बजे उसके गांव पहुंचा. शव वाहन नहीं मिलने से काफी परेशानी से उसके शव को गांव तक पहुंचाया गया. शव को जब मुखाग्नि देने की बात आई तो सबके चेहरे उतर गए, क्योंकि उस घर में कोई ऐसा नहीं था जो रमेश को मुखाग्नि दे सके. बाद में उस मासूम के हाथ में जलती हुई लड़की पकड़ाई गई, जिसे इसकी जरा भी समझ नहीं थी. उसने अपने पिता को मुखाग्नि दी. जब 5 साल का मासूम बेटा अपने पिता को मुखाग्नि दे रहा था, उस समय शायद ही ऐसा कोई भी व्यक्ति रहा हो जिसकी आंखों से आंसू ना झलका हो. लेकिन उसे आज ही पता नहीं है कि उसके पिता का साया उसके ऊपर से उठ चुका है. सभी उसे सांत्वना दे रहे थे पर उस बच्चे की आंखों में आंसू नहीं थे, क्योंकि उस मासूम को पता ही नहीं था कि आखिर उसके साथ यह हो क्या रहा है.

सीधी। जिले के चोभरा में रहने वाला एक परिवार पूरी तरह से उजड़ गया है. कुछ दिनों पहले हुए सड़क हादसे में इस परिवार के मुखिया की जान चली गई, जिसकी वजह से इस परिवार के लोगों की जिंदगी तबाह हो गई. इस घर में एक मासूम अपने पिता के आने का इंतजार कर रहा था. उसके पिता अमित शाह की रैली में सतना गए हुए थे, लेकिन उस मासूम को ये नहीं पता था कि उसके पिता आएंगे जरूर पर सफेद कपड़े में लपेटे हुए. इस मासूम की उम्र महज 5 साल है. वह अपने पिता को मुखाग्नि दे रहा है, लेकिन उसकी आंखें अभी भी अपने पिता को खोज रही है. उसे ये पता नहीं है कि उसके पिता अब वापस नहीं आने वाले हैं, वह हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़ चले गए हैं.

मासूम के सिर से उठा पिता का साया: कुछ दिनों पहले सतना में आयोजित हुई अमित शाह की रैली से वापस लौट रही 3 बसें मोहनिया टनल के पास रुकी थी. बसों में सवार रैली में गए यात्रियों को जलपान कराया जा रहा था. इसी दौरान सीमेंट से लदा ट्रक तेजी से आ रहा था, जिसका टायर बस्ट होने के कारण ट्रक असंतुलित होकर बस से भिड़ गया था. इस घटना में 3 बसें क्षतिग्रस्त होकर पलट गई थी. इसी बस में उस मासूम के पिता भी सवार थे, जिसकी मौत हो गई. इस हादसे में 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. 5 साल के मासूम के पिता रमेश कोल की उम्र 21 वर्ष थी. वो अपने घर से ये कहकर निकला था कि, वो सतना अमित शाह की रैली में जा रहा है. वहां उसे सरकार के द्वारा कुछ योजनाएं दी जाएंगी, जिसका लाभ उसे मिलेगा. वह गया जरूर पर वापस नहीं आया, उसकी सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई.

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5 साल के मासूम ने दी पिता को मुखाग्नि: मासूम के पिता का शव 25 फरवरी की सुबह 6 बजे उसके गांव पहुंचा. शव वाहन नहीं मिलने से काफी परेशानी से उसके शव को गांव तक पहुंचाया गया. शव को जब मुखाग्नि देने की बात आई तो सबके चेहरे उतर गए, क्योंकि उस घर में कोई ऐसा नहीं था जो रमेश को मुखाग्नि दे सके. बाद में उस मासूम के हाथ में जलती हुई लड़की पकड़ाई गई, जिसे इसकी जरा भी समझ नहीं थी. उसने अपने पिता को मुखाग्नि दी. जब 5 साल का मासूम बेटा अपने पिता को मुखाग्नि दे रहा था, उस समय शायद ही ऐसा कोई भी व्यक्ति रहा हो जिसकी आंखों से आंसू ना झलका हो. लेकिन उसे आज ही पता नहीं है कि उसके पिता का साया उसके ऊपर से उठ चुका है. सभी उसे सांत्वना दे रहे थे पर उस बच्चे की आंखों में आंसू नहीं थे, क्योंकि उस मासूम को पता ही नहीं था कि आखिर उसके साथ यह हो क्या रहा है.

Last Updated : Feb 27, 2023, 8:46 AM IST
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