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सीधीः गरीबों को पीडीएस के तहत बांटा जा सड़ा हुआ गेहूं व चावल, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

सीधी जिले की बैरिहा ग्राम पंचायत में गरीब तबके के लोगों को पीडीएस के तहत घटिया और निम्न गुणवत्ता का राशन दिया जा रहा है. इसके अलावा जिन हितग्राहियों को मुफ्त में राशन मिलना चाहिए उनसे भी पैसे लिए जा रहे हैं.

Rotten wheat and rice to be distributed under PDS
पीडीएस के तहत बांटा जा सड़ा हुआ गेहूं व चावल
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Published : Oct 21, 2020, 3:59 AM IST

Updated : Oct 21, 2020, 2:40 PM IST

सीधी। जिले की बैरिहा पूर्व ग्राम पंचायत में गरीब की मदद करने के बजाय उन्हें अनाज के नाम पर घटिया राशन बांटा जा रहा था. गरीबों के भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से कई वादे किए गए, कई स्कीमें निकाली गईं. लेकिन इस गांव में पीडीएस के तहत बांटे गए गेहूं और चावल की गुणवत्ता ना केवल घटिया है, बल्कि इंसानों के खाने लायक ही नहीं है. मंगलवार को निम्न गुणवत्ता राशन पाकर ग्रामीण भड़क उठे और उन्होंने हंगामा कर दिया.

पीडीएस के तहत बांटा जा सड़ा हुआ गेहूं व चावल

शासन द्वारा दिए जाने वाला गेंहू और चावल देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंद पैसों के लिए अधिकारी गरीबों का शोषण करने में कोई गुरेज नही करते. बेरिह पूर्व पंचायत में करीब साढ़े चार सौ के आस पास लोग ऐसे हैं जिनका बीपीएल में नाम दर्ज है. इनमें कई नाम अति गरीबी रेखा वाले हितग्राही भी हैं, जिन्हें मुफ्त में राशन देने का प्रावधान है. लेकिन इनसे भी पैसे लिए जा रहे हैं. साथ ही घटिया क्वालिटी का राशन दिया जा रहा है.

हालांकि कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने मामले में जांच कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि गरीबों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, तो इसकी जांच करा लेते है,परीक्षण के बाद जो भी सामने आएगा, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सीधी। जिले की बैरिहा पूर्व ग्राम पंचायत में गरीब की मदद करने के बजाय उन्हें अनाज के नाम पर घटिया राशन बांटा जा रहा था. गरीबों के भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से कई वादे किए गए, कई स्कीमें निकाली गईं. लेकिन इस गांव में पीडीएस के तहत बांटे गए गेहूं और चावल की गुणवत्ता ना केवल घटिया है, बल्कि इंसानों के खाने लायक ही नहीं है. मंगलवार को निम्न गुणवत्ता राशन पाकर ग्रामीण भड़क उठे और उन्होंने हंगामा कर दिया.

पीडीएस के तहत बांटा जा सड़ा हुआ गेहूं व चावल

शासन द्वारा दिए जाने वाला गेंहू और चावल देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंद पैसों के लिए अधिकारी गरीबों का शोषण करने में कोई गुरेज नही करते. बेरिह पूर्व पंचायत में करीब साढ़े चार सौ के आस पास लोग ऐसे हैं जिनका बीपीएल में नाम दर्ज है. इनमें कई नाम अति गरीबी रेखा वाले हितग्राही भी हैं, जिन्हें मुफ्त में राशन देने का प्रावधान है. लेकिन इनसे भी पैसे लिए जा रहे हैं. साथ ही घटिया क्वालिटी का राशन दिया जा रहा है.

हालांकि कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने मामले में जांच कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि गरीबों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, तो इसकी जांच करा लेते है,परीक्षण के बाद जो भी सामने आएगा, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Oct 21, 2020, 2:40 PM IST
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