सीधी। जिला आदिवासी अंचल माना जाता है. यह जिला स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में कोरोना काल में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जिले को सौगात के रूप में प्रस्तावित तीन ऑक्सीजन प्लांट दिए गए, जिसमें से एक का श्री गणेश आज तक नहीं हो पाया है. प्लांट के रख-रखाव के लिए टीन-शेड आदि बनाकर जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है. महामारी के दौर में सैकड़ों जान जाने के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं सीखा है. लोगों का कहना है कि प्रस्तावित प्लांट के शुरू हो जाने के बाद जिले में ऑक्सीजन की किल्लत से निजात मिल जाएगी.
प्रमुख सचिव ने एक माह पहले किया था दौरा
बता दें कि लगभग एक माह पहले कोरोना व्यवस्थाओं का जायजा लेने प्रमुख सचिव गुलशन बाबर पहुंचे थे. इस दौरान प्रमुख सचिव गुलशन बाबरा ने 15 से 21 दिनों में ऑक्सीजन प्लाट चालू होने की बात कही थी. परंतु आज कोरोना वैश्विक महामारी ने जिले में लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा.
Oxygen plant से हो रहा Gas का रिसाव, आंधी तूफान के कारण हुआ हादसा
महामारी के दौर में रीवा एवं सिंगरौली जिले से ऑक्सीजन की पूर्ति की जा रही है. वहीं प्रस्तावित प्लांट के न शुरू होने से लोगों के मन में सवाल उठना लाजमी है. ऐसे में आम जनमानस के द्वारा जनप्रतिनिधी को जिमेदार ठहराना वाजिब है. लोगों ने अपनों को महामारी के संकट के दौर में खोया.