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सीधी के पर्यटकों के लिए आई खुशखबरी बाघिन को जंगल में छोड़ा में - टाईगर रिजर्व

सीधी के पर्यटकों के दीदार के लिए एक फिर मादा बाघिन और शावकों को जंगल में छोड़ा गया .लोगों को बांघों के घूमने की चेतावनी दी है कि वह जंगल में अकेले न जाए.

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बाघिन को जंगल में छोड़ा में
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Published : Jun 12, 2021, 10:58 PM IST

सीधी (SIDHI)। टाईगर रिजर्व (tiger reserve)के मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र संचालक संजय वाय. पी. सिंह ने जानकारी देकर बताया है कि पिछले दिनों बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व, उमरिया से जो मादा बाघ लाकर कुसमी के जंगल मांचमहुआ में बने अस्थाई बाड़े में छोड़ी गई थी. उसके लिए 09 जून की शाम को बाड़े का गेट खोल दिया गया. लेकिन रातभर मादा बाघ बाड़े से नहीं निकली. बाघनी 10 जून 2021 को सुबह 06 बजे बाड़े से निकल कर बीट खरसोती के जंगल में लगभग दो से तीन किलोमीटर तक चलकर मांचमहुआ के पास जंगल में रह रही है.

नर बाघ को रखा गया मादा बाघिन के बाड़े में

इस मादा बाघ के लिए 11 जून को एक नर बाघ को रेस्क्यू वाहन से फिर से कुसमी के जंगल मांचमहुआ में बने अस्थाई बाड़े में शिफ्ट किया गया है. जिसे 02-03 दिन बाद जंगल में विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा. इस नर बाघ को अस्थाई बाड़े में रखा जाएगा जिसमें पूर्व में मादा बाघ को रखा गया है. ताकि वह मादा बाघ के गंध, यूरिन आदि को सूंघ कर जंगल में जोड़े बना सके. इससे संजय टाईगर रिजर्व बाघों की संख्या में इजाफा होगा.

बाघों को छोड़ा गया जंगल में


10 जून 2021 को दुबरी परिक्षेत्र के गोंईदवार में स्थाई रूप से रह रही मादा बाघ को 4 साल पहले लगाया गया था. ज्यादा टाइगर हो जाने के कारण उनका कालर हटाकर फिर से मादा बाघ को जंगल में छोड़ दिया गया. मादा बाघा के 06 माह के 03 शावक उसके साथ रह रहे हैं.कुसमी, भदौरा, सोनगढ़, खरसोती आदि गांवों में मुनादी कराकर आम जनता को बाघो के घूमने के संबंध में सूचना दी गई है. आम जनता से यह अपील की गयी है कि वे जंगल में अकेले न जाए . जब भी जंगल में जाए चौकन्ने रहे और सतर्क रहें.

सीधी (SIDHI)। टाईगर रिजर्व (tiger reserve)के मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र संचालक संजय वाय. पी. सिंह ने जानकारी देकर बताया है कि पिछले दिनों बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व, उमरिया से जो मादा बाघ लाकर कुसमी के जंगल मांचमहुआ में बने अस्थाई बाड़े में छोड़ी गई थी. उसके लिए 09 जून की शाम को बाड़े का गेट खोल दिया गया. लेकिन रातभर मादा बाघ बाड़े से नहीं निकली. बाघनी 10 जून 2021 को सुबह 06 बजे बाड़े से निकल कर बीट खरसोती के जंगल में लगभग दो से तीन किलोमीटर तक चलकर मांचमहुआ के पास जंगल में रह रही है.

नर बाघ को रखा गया मादा बाघिन के बाड़े में

इस मादा बाघ के लिए 11 जून को एक नर बाघ को रेस्क्यू वाहन से फिर से कुसमी के जंगल मांचमहुआ में बने अस्थाई बाड़े में शिफ्ट किया गया है. जिसे 02-03 दिन बाद जंगल में विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा. इस नर बाघ को अस्थाई बाड़े में रखा जाएगा जिसमें पूर्व में मादा बाघ को रखा गया है. ताकि वह मादा बाघ के गंध, यूरिन आदि को सूंघ कर जंगल में जोड़े बना सके. इससे संजय टाईगर रिजर्व बाघों की संख्या में इजाफा होगा.

बाघों को छोड़ा गया जंगल में


10 जून 2021 को दुबरी परिक्षेत्र के गोंईदवार में स्थाई रूप से रह रही मादा बाघ को 4 साल पहले लगाया गया था. ज्यादा टाइगर हो जाने के कारण उनका कालर हटाकर फिर से मादा बाघ को जंगल में छोड़ दिया गया. मादा बाघा के 06 माह के 03 शावक उसके साथ रह रहे हैं.कुसमी, भदौरा, सोनगढ़, खरसोती आदि गांवों में मुनादी कराकर आम जनता को बाघो के घूमने के संबंध में सूचना दी गई है. आम जनता से यह अपील की गयी है कि वे जंगल में अकेले न जाए . जब भी जंगल में जाए चौकन्ने रहे और सतर्क रहें.

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