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मंगल का अमंगल! 47 यात्रियों को मौत की आगोश में ले गई बस - 47 passengers killed

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में सुबह का सूरज निकलने से पहले ही कई लोगों के घरों का चिराग बुझ गया. सीधी से सतना जा रही बस अनियंत्रित होकर बाणसागर बांध की नहर में जा गिरी. इस हादसे में 47 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि सात लोगों को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाल लिया है.

The uncontrolled bus fell into the canal in Sidhi,
सीधी में अनियंत्रित बस नहर में गिरी
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Published : Feb 16, 2021, 8:51 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 9:16 PM IST

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी में सुबह बड़ा बस हादसा हो गया. हादसे में 47 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने कर दी है. सीधी से सतना जा रही बस में 58 यात्री सवार थे. बस सुबह अपने तय रुट पर थी. आगे रास्ते में जाम लगने की वजह से ड्राइवर ने नहर वाला अलग रूट अपनाया. जब बस रामपुर के नैकिन इलाके से सुबह करीब 7.30 बजे गुजर रही थी. तभी ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से खत्म हो गया. इसके बाद अनियंत्रित बस बाणसागर नहर में गिर गई. आनन-फानन में रेस्क्यू शुरू किया गया, फिर भी 45 यात्रियों को नहीं बचाया जा सका, उनके शव नहर से निकाल लिये गये हैं और रेस्क्यू भी खत्म हो चुका है. जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस समय नहर में पानी ज्यादा था. पानी का बहाव भी तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला. ये नहर बाणसागर डैम से निकलती है, जोकि करीब 22 फीट गहरी है. तेज बहाव की वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आईं. हादसे के करीब 4 घंटे बाद सुबह 11.45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया.

सीधी में अनियंत्रित बस नहर में गिरी

हादसा कैसे हुआ

नहर में गिरी बस जबलनाथ ट्रेवेल्स की है, जोकि हर दिन छुहिया घाटी के रास्ते सतना जाती थी. हादसे का सबसे बड़ा कारण रास्ते का संकरा होना माना जा रहा है. बस अपने तय रुट नेशनल हाई-वे नंबर 39 से सीधी से सतना जा रही थी, लेकिन घाटी के रास्ते में खराब सड़क और गढ्ढे की वजह से जाम लगा था. ड्राइवर जाम की वजह से बस को संकरे रास्ते से ले गया, जो नहर से लगकर निकलती है. ड्राइवर ने संतुलन खोया और हादसा हो गया. कहा जा रहा है कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी. इसमें अवैध तरीके से 58 यात्रियों को ले जाया जा रहा था. रूट बदलने और संकरे रास्ते के चलते ये दुर्घटना हुई. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. रेलवे, एनटीपीसी और एएनएम के विभिन्न पदों के लिए एग्जाम के चलते बस में सवारियों की संख्या ज्यादा थी.

सीधी में अनियंत्रित बस नहर में गिरी

सरकार का मौत पर 'मरहम'

रामपुर नेकिन दुर्घटना में मौत का आंकड़ा 45 हो गया है. इस बीच राज्य और केंद्र सरकार ने मौत पर मरहम लगाने का एलान किया है. दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने का एलान राज्य सरकार ने किया है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का एलान किया है. मृतकों में ज्यादा छात्र थे, जो प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए सतना जा रहे थे. मध्य प्रदेश सरकार गृह-प्रवेशमं कार्यक्रम करने जा रही थी, जिसमें केंदीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होने वाले थे. इस हादसे के चलते इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.

शिवराज का स्टेटमेंट

सीएम शिवराज सिंह ने ट्विटर पर लिखा- इस दुर्घटना में हमारे जो भाई-बहन नहीं रहे, उनके परिजनों को पांच लाख रुपए की सहायता राशि तत्काल दी जाएगी. मेरी अपील है कि सभी धैर्य रखें. दुःख की इस घड़ी में सरकार और प्रदेश की जनता आपके साथ है. घटना पर सीएम लगातार नजर बनाए थे. उन्होंने बुधवार तक के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए. इस दुर्घटना के बाद दो लोगों की जान बचाने वाली बच्ची के साहस की तारीफ भी सीएम ने की है. सीएम ने ट्विटर पर लिखा- परहित सरिस धर्म नहि भाई, बेटी शिवरानी के साहस को प्रणाम करता हूं. अपनी जान की परवाह न करते हुए इस बेटी ने सीधी में घटनास्थल पर नहर में छलांग लगाकर दो नागरिकों की जान बचाई है. मैं बेटी को धन्यवाद देता हूं. पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है.

बस का परमिट रद्दः परिवहन मंत्री

सीधी बस हादसे के बाद प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने ईटीवी भारत से कहा कि बस का परमिट, फिटनेस और बीमा दुरुस्त था, लेकिन हादसे के बाद बस का परमिट निरस्त कर दिया गया है. जांच में ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं ड्राइवर की लापरवाही से तो यह हादसा नहीं हुआ. अगर ऐसा है तो चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. दुर्घटना के तत्काल बाद ड्राइवर नहर से तैरकर खुद बाहर निकल गया. फिलहाल पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है.

मंत्री का अजीबो-गरीब तर्क

बस में 58 यात्रियों के बैठने की बात कही जा रही है, जबकि कैपेसिटी सिर्फ 32 यात्रियों की ही थी. इसे लेकर परिवहन मंत्री ने अजीबो-गरीब तर्क देते हुए कहा कि- कोविड-19 की वजह से बसें खाली चल रही हैं. बस सुबह 5:30 बजे चली थी. जिसके बाद रास्ते में रेलवे के एग्जाम देने वाले कुछ बच्चे बैठ गए, कुछ क्रिकेट खेलने वाले बच्चे भी इसी बस में चढ़ गए, लेकिन यह बच्चे खुद बैठे थे या इन्हें बैठाया गया था, यह जांच का विषय है.

परिजनों का दर्द

मृतक के परिजनों का हाल-बेहाल है. उनके घरों में चूल्हे नहीं जले. गांवों में मातम पसरा है. एक साथ 45 शव देख ग्रामीण व्यथित हैं. परिजनों को ढांढ़स बंधाने 2-2 मंत्री पहुंचे. गमगीन माहौल में लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें सरकार अकेला नहीं छोड़ेगी. हादसे के बाद जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल विशेष विमान से चोरहटा पहुंचे. उनके लिए भी इस माहौल में लोगों को ढांढ़स बंधाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

एमपी में अब तक के हादसे

सीधी से सतना जा रही जबलनाथ ट्रेवेल्स की MP 19P 1882 यात्री बस बेकाबू होकर पटना पुल के पास अंतरराज्जीय बाणसागर परियोजना की नहर में गिर गई. बस में लगभग 58 यात्री सवार थे. 45 यात्रियों के शव नहर से निकाल लिए गए हैं. सात यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकला गया है. SDRF की टीम का ऑपरेशन खत्म हो गया है.

मध्यप्रदेश में बड़े सड़क हादसे

  • 3 अक्टूबर 2019: रायसेन में बस नदी में गिरी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई, 20 यात्री जख्मी हो गए. 45 सवारियों को लेकर बस छतरपुर से भोपाल जा रही थी. रास्ते में गड्ढा आने के कारण बस का संतुलन बिगड़ गया था.
  • फरवरी, 2019: तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज कुंभ से बस नागपुर जा रही थी. जबलपुर में आधारताल के पास बस पुल से तालाब में गिर गई. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, 40 यात्री घायल हो गए.
  • अप्रैल 2018: भोपाल से लगभग 680 किलोमीटर दूर सीधी जिले में, जोगदाहा पुल से बस सोन नदी में गिर गई. बस को मिनी ट्रक ने टक्कर मार दी थी. बस में सवार लोग शादी समारोह से लौट रहे थे. हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई, 20 से ज्यादा घायल हो गए.
  • सितंबर 2018: दमोह के पास पुलिया से बस नदी में गिर गई. हादसे में एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई और 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
  • 13 सितंबर 2017: टीकमगढ़ क्षेत्र में जामनी नदी में गिरी बस. 30 लोग घायल हुए.
  • 11 दिसंबर 2017: टीकमगढ़ क्षेत्र में जामनी नदी में बस गिर गई थी. हादसे में 20 यात्री घायल हुए.
  • 14 अक्टूबर 2016: रतलाम में नामली शहर के पास एक प्राइवेट बस पानी के गड्ढे में गिर गई. हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई.
  • अक्टूबर 2016: विदिशा में संजय सागर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में प्राइवेट बस गिरी. हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई. बस भोपाल से शमसाबाद जा रही थी. बस में 50 यात्री सवार थे.
  • दिसंबर 2015: होशंगाबाद जिले में एक बस पुल से नीचे गिर गई. हादसे में 15 यात्रियों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए.

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी में सुबह बड़ा बस हादसा हो गया. हादसे में 47 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने कर दी है. सीधी से सतना जा रही बस में 58 यात्री सवार थे. बस सुबह अपने तय रुट पर थी. आगे रास्ते में जाम लगने की वजह से ड्राइवर ने नहर वाला अलग रूट अपनाया. जब बस रामपुर के नैकिन इलाके से सुबह करीब 7.30 बजे गुजर रही थी. तभी ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से खत्म हो गया. इसके बाद अनियंत्रित बस बाणसागर नहर में गिर गई. आनन-फानन में रेस्क्यू शुरू किया गया, फिर भी 45 यात्रियों को नहीं बचाया जा सका, उनके शव नहर से निकाल लिये गये हैं और रेस्क्यू भी खत्म हो चुका है. जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस समय नहर में पानी ज्यादा था. पानी का बहाव भी तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला. ये नहर बाणसागर डैम से निकलती है, जोकि करीब 22 फीट गहरी है. तेज बहाव की वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आईं. हादसे के करीब 4 घंटे बाद सुबह 11.45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया.

सीधी में अनियंत्रित बस नहर में गिरी

हादसा कैसे हुआ

नहर में गिरी बस जबलनाथ ट्रेवेल्स की है, जोकि हर दिन छुहिया घाटी के रास्ते सतना जाती थी. हादसे का सबसे बड़ा कारण रास्ते का संकरा होना माना जा रहा है. बस अपने तय रुट नेशनल हाई-वे नंबर 39 से सीधी से सतना जा रही थी, लेकिन घाटी के रास्ते में खराब सड़क और गढ्ढे की वजह से जाम लगा था. ड्राइवर जाम की वजह से बस को संकरे रास्ते से ले गया, जो नहर से लगकर निकलती है. ड्राइवर ने संतुलन खोया और हादसा हो गया. कहा जा रहा है कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी. इसमें अवैध तरीके से 58 यात्रियों को ले जाया जा रहा था. रूट बदलने और संकरे रास्ते के चलते ये दुर्घटना हुई. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. रेलवे, एनटीपीसी और एएनएम के विभिन्न पदों के लिए एग्जाम के चलते बस में सवारियों की संख्या ज्यादा थी.

सीधी में अनियंत्रित बस नहर में गिरी

सरकार का मौत पर 'मरहम'

रामपुर नेकिन दुर्घटना में मौत का आंकड़ा 45 हो गया है. इस बीच राज्य और केंद्र सरकार ने मौत पर मरहम लगाने का एलान किया है. दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने का एलान राज्य सरकार ने किया है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का एलान किया है. मृतकों में ज्यादा छात्र थे, जो प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए सतना जा रहे थे. मध्य प्रदेश सरकार गृह-प्रवेशमं कार्यक्रम करने जा रही थी, जिसमें केंदीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होने वाले थे. इस हादसे के चलते इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.

शिवराज का स्टेटमेंट

सीएम शिवराज सिंह ने ट्विटर पर लिखा- इस दुर्घटना में हमारे जो भाई-बहन नहीं रहे, उनके परिजनों को पांच लाख रुपए की सहायता राशि तत्काल दी जाएगी. मेरी अपील है कि सभी धैर्य रखें. दुःख की इस घड़ी में सरकार और प्रदेश की जनता आपके साथ है. घटना पर सीएम लगातार नजर बनाए थे. उन्होंने बुधवार तक के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए. इस दुर्घटना के बाद दो लोगों की जान बचाने वाली बच्ची के साहस की तारीफ भी सीएम ने की है. सीएम ने ट्विटर पर लिखा- परहित सरिस धर्म नहि भाई, बेटी शिवरानी के साहस को प्रणाम करता हूं. अपनी जान की परवाह न करते हुए इस बेटी ने सीधी में घटनास्थल पर नहर में छलांग लगाकर दो नागरिकों की जान बचाई है. मैं बेटी को धन्यवाद देता हूं. पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है.

बस का परमिट रद्दः परिवहन मंत्री

सीधी बस हादसे के बाद प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने ईटीवी भारत से कहा कि बस का परमिट, फिटनेस और बीमा दुरुस्त था, लेकिन हादसे के बाद बस का परमिट निरस्त कर दिया गया है. जांच में ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं ड्राइवर की लापरवाही से तो यह हादसा नहीं हुआ. अगर ऐसा है तो चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. दुर्घटना के तत्काल बाद ड्राइवर नहर से तैरकर खुद बाहर निकल गया. फिलहाल पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है.

मंत्री का अजीबो-गरीब तर्क

बस में 58 यात्रियों के बैठने की बात कही जा रही है, जबकि कैपेसिटी सिर्फ 32 यात्रियों की ही थी. इसे लेकर परिवहन मंत्री ने अजीबो-गरीब तर्क देते हुए कहा कि- कोविड-19 की वजह से बसें खाली चल रही हैं. बस सुबह 5:30 बजे चली थी. जिसके बाद रास्ते में रेलवे के एग्जाम देने वाले कुछ बच्चे बैठ गए, कुछ क्रिकेट खेलने वाले बच्चे भी इसी बस में चढ़ गए, लेकिन यह बच्चे खुद बैठे थे या इन्हें बैठाया गया था, यह जांच का विषय है.

परिजनों का दर्द

मृतक के परिजनों का हाल-बेहाल है. उनके घरों में चूल्हे नहीं जले. गांवों में मातम पसरा है. एक साथ 45 शव देख ग्रामीण व्यथित हैं. परिजनों को ढांढ़स बंधाने 2-2 मंत्री पहुंचे. गमगीन माहौल में लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें सरकार अकेला नहीं छोड़ेगी. हादसे के बाद जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल विशेष विमान से चोरहटा पहुंचे. उनके लिए भी इस माहौल में लोगों को ढांढ़स बंधाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

एमपी में अब तक के हादसे

सीधी से सतना जा रही जबलनाथ ट्रेवेल्स की MP 19P 1882 यात्री बस बेकाबू होकर पटना पुल के पास अंतरराज्जीय बाणसागर परियोजना की नहर में गिर गई. बस में लगभग 58 यात्री सवार थे. 45 यात्रियों के शव नहर से निकाल लिए गए हैं. सात यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकला गया है. SDRF की टीम का ऑपरेशन खत्म हो गया है.

मध्यप्रदेश में बड़े सड़क हादसे

  • 3 अक्टूबर 2019: रायसेन में बस नदी में गिरी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई, 20 यात्री जख्मी हो गए. 45 सवारियों को लेकर बस छतरपुर से भोपाल जा रही थी. रास्ते में गड्ढा आने के कारण बस का संतुलन बिगड़ गया था.
  • फरवरी, 2019: तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज कुंभ से बस नागपुर जा रही थी. जबलपुर में आधारताल के पास बस पुल से तालाब में गिर गई. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, 40 यात्री घायल हो गए.
  • अप्रैल 2018: भोपाल से लगभग 680 किलोमीटर दूर सीधी जिले में, जोगदाहा पुल से बस सोन नदी में गिर गई. बस को मिनी ट्रक ने टक्कर मार दी थी. बस में सवार लोग शादी समारोह से लौट रहे थे. हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई, 20 से ज्यादा घायल हो गए.
  • सितंबर 2018: दमोह के पास पुलिया से बस नदी में गिर गई. हादसे में एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई और 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
  • 13 सितंबर 2017: टीकमगढ़ क्षेत्र में जामनी नदी में गिरी बस. 30 लोग घायल हुए.
  • 11 दिसंबर 2017: टीकमगढ़ क्षेत्र में जामनी नदी में बस गिर गई थी. हादसे में 20 यात्री घायल हुए.
  • 14 अक्टूबर 2016: रतलाम में नामली शहर के पास एक प्राइवेट बस पानी के गड्ढे में गिर गई. हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई.
  • अक्टूबर 2016: विदिशा में संजय सागर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में प्राइवेट बस गिरी. हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई. बस भोपाल से शमसाबाद जा रही थी. बस में 50 यात्री सवार थे.
  • दिसंबर 2015: होशंगाबाद जिले में एक बस पुल से नीचे गिर गई. हादसे में 15 यात्रियों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए.
Last Updated : Feb 16, 2021, 9:16 PM IST
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