शिवपुरी। भीषण गर्मी में जलसंकट गहराता जा रहा है. नगर के कई क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी समस्या बनी हुई है. आलम यह है कि जिले के कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां महीनें भर से पीने का पानी नहीं आने से लोगों को गर्मी में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. भीषण जल की समस्या से अधिकांश जल के स्त्रोत नलकूप सूख चुके हैं, सिंधु जल आवर्धन योजना का पानी आना बंद हो गया है. वर्षा नहीं होने के कारण यहां के बचे-खुचे प्राकृतिक जल स्रोत भी दम तोड़ते जा रहे हैं. पानी की किल्लत से परेशान क्षेत्र की महिलाओं ने पीने के पानी के लिए गले में फांसी का फंदा लगाकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया. (Shivpuri women demonstraiton for water)
अधिकांश जल के स्त्रोत सूखे: शिवपुरी में सिंध नदी का पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने "महती सिंध जल आवर्धन योजना" लागू की गई जो कागजों में तो पूर्ण हो गई लेकिन आज भी शिवपुरी की जनता को सिंध का पानी नहीं मिल पा रहा है. अधिकांश जल के स्त्रोत सूख चुके हैं. यहां के लोग जैसे तैसे पानी जुटा रहे हैं. शिवपुरी के मुख्य बाजार स्थित कई इलाकों में महिलाओं ने गले में फांसी का फंदा लगा सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर नपा अधिकारियों को चेताने का प्रयास किया. ( Shivpur water crisis)
शिकायत की नहीं होती सुनवाई: प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि, "यदि पानी की व्यवस्था नहीं की जाती है तो हम सभी फांसी लगाने को मजबूर हो जाएंगे. इनका कहना है कि जरूरतमंदों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा. इस संबंध में जहां भी शिकायत की जाती है वहां कोई सुनवाई नहीं होती. मजबूरन हमें इस तरह विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. महिलाओं का साफ कहना है कि बिना भोजन तो गुजरा किया जा सकता है. लेकिन पानी के बिना जीना संभव नहीं. जब पीने का पानी नहीं मिलेगा तो फांसी लगाकर मर जाना ही पड़ेगा. आपको बता दें कि, सन 2010 में लगभग 55 करोड़ रूपयों की लागत से प्रारंभ हुई सिंध नदी से पानी लाने की जलावर्धन योजना 12 साल में 120 करोड़ की पहुंच गई. इसके बाद भी नगर के कई स्थानों पर आज भी पानी की समस्या बनी हुई है. (shivpuri drinking water problem)