शिवपुरी। पोहरी उपजेल में बंद एक युवक के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. युवक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पहले तो उसे झूठे मामले में जेल में बंद कर दिया गया, फिर जेल में मारपीट की गई. युवक की जमानत के बाद जब परिजन मारपीट की रिपोर्ट लिखाने पहुंचे तो पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया. राज्यमंत्री सुरेश रांठखेड़ा के हस्तक्षेप के बाद SDOP ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
युवक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि "युवक ने पुलिस को अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ जानकारी दी थी, उल्टा पुलिस ने उसे ही आरोपी बनाकर पोहरी उपजेल में बंद कर दिया. युवक को छोड़ने के लिए 25 हजार रुपए की मांग की गई, लेकिन सिर्फ 5 हजार रुपए देने पर युवक के साथ मारपीट की गई." इस मामले में युवक के परिजनों ने पुलिस पर रिपोर्ट नहीं लिखने का भी आरोप लगाया है.
राज्यमंत्री ने कलेक्टर, एसपी से की शिकायत
इसकी शिकायत लेकर युवक के परिजन राज्यमंत्री सुरेश रांठखेड़ा के पास पहुंचे. सुरेश रांठखेड़ा ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर और एसपी से मामले की शिकायत की है. साथ ही SDOP, टीआई को मौके पर बुलाकर बात की है. युवक को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है. साथ ही सुरेश रांठखेड़ा ने खुद पीड़ित के साथ उपजेल जाकर आरोपियों की पहचान करने की बात कही है.
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जेलर ने मामले की जांच की कही बात
इस मामले में उपजेल के जेलर मुकेश मांझी रटा-रटाया जवाब देते नजर आए. जेलर ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. "युवक को 9 अगस्त को लाया गया था, 13 अगस्त को उसकी जमानत करवाई गई थी. इस संबंध में हम जांच करेंगे. युवक को छोड़ने से पहले की गई जांच में वो सामान्य पाया गया था, डॉक्टर ने उसे सामान्य एंटीबायोटिक गोलियां दी थी."