श्योपुर। जिले में आदिवासी कल्याण योजना के अंतर्गत आदिवासी महिलाओं को पोषण आहार के लिए हर माह मिलने वाली 1 हजार रुपए की राशि 10 महीनों से नहीं मिली है. जिसे लेकर मंगलवार को जिले के सलमानिया गांव की सैकड़ों महिलाएं जिला मुख्यालय पहुंची. जहां उन्होंने एसडीएम नवजीवन पंवार को ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कई महिलाओं 6 बार मुख्यालय आकर राशि नहीं मिलने की पीड़ा अफसरों के सामने बयां कर चुकी हैं. लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है.
- कैसे मिटेगा कुपोषण का कलंक ?
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कुपोषण के खिलाफ जंग का ऐलान करते हुए महिलाओं को कुपोषण मिटाने के लिए उनके बैंक खातों में एक हजार रुपए प्रति माह डालने की घोषणा की. जिस पर हजारों की संख्या में परिवार चिन्हित किए गए थे, लेकिन अभी भी जिले की कुछ महिलाएं ऐसी हैं. उनके खाते में अभी तक एक भी रुपए नहीं आया है, और कुछ महिलाओं के खाते में बीते 10 महीने से पोषण आहार की राशि नहीं आई है. यही वजह है कि प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में बदनाम श्योपुर जिले के माथे से कुपोषण का बदनुमा दाग मिटने का नाम नहीं ले रहा है.
- महिलाओं ने लगाई गुहार
आदिवासी महिलाओं का कहना है कि 10 महीनों से पोषण आहार की राशि नहीं मिल रही है. जिस वजह से हम लोग बहुत परेशान हैं. ऐसे में फिर से एक बार कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. ऐसे में हम लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है, इधर पिछले 10 महीने से हमें पोषण आहार की राशि नहीं मिली है. महिलाओं का कहना है कि उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है. कई बार अधिकारियों के पास आकर भी पीड़ा सुना चुकी हैं. लेकिन अभी तक कोई निराकरण नहीं किया गया है.
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- सीएम शिवराज ने शुरू की थी पोषण आहार योजना
गरीब आदिवासी महिलाओं को पोषण आहार की राशि हर माह एक हज़ार रुपये देने की योजना की शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी. इस योजना के तहत आदिवासी महिलाओं को पोषण आहार के लिए हर माह एक हजार की राशि दी जाती है. जिससे कई गरीब परिवारों को लाभ भी मिल रहा है. लेकिन जिले के सलमानिया गांव में पिछले 10 महीने से राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे उन्हें परिवार का गुजारा करने में बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.