भोपाल: नए साल की शुरुआत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश के आम लोगों को जनता दरबार की सौगात दे सकते हैं. उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ जिस तरह से यूपी में जनता से जुड़ी समस्याओं का दरबार में निपटारा करते हैं. उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में मोहन यादव का जनता दरबार होगा.
सीएम सचिवालय कर रहा प्लान तैयार
जानकारी के मुताबिक सीएम सचिवालय इसका खाका तैयार कर रहा है. जनसमस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो सके इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहेंगे. मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के दौर में उमा भारती ने मुख्यमंत्री रहते जनता दरबार की शुरुआत की थी. बड़ी तादात में प्रदेश भर से लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते थे.
योगी के नक्शेकदम पर मोहन यादव का न्यू ईयर प्लान
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नक्शेकदम पर चलते हुए मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव मध्य प्रदेश में जनता दरबार शुरू करने की तैयारी में है. यूपी में जनता की सुनवाई के लिए ऐसा दरबार पहले ही चल रहा है. जिसमें सरकार के संबंधित विभागों के सारे अधिकारी मौजूद रहते हैं. इस दरबार में पहुंचने वाले आम लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण करने के प्रयास किए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में इसी तरह के जनता दरबार की शुरुआत करने की तैयारी मोहन सरकार भी कर रही है. नए साल के आगाज के साथ मध्यप्रदेश वासियों को ये सौगात दे दी जाएगी.
बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं "मोहन सरकार जनता के सेवा के लिए समर्पित सरकार है और जनता की समस्याओं के लिए तो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हमेशा से त्वरित निराकरण के पक्षधर हैं. उनका ये प्रयास होता है कि समाज के हर वर्ग की समस्याओं के समाधान में तेजी आए और प्रशासन का हर संभव सहयोग जनता को मिल सके."
शिवराज ने शुरू करवाई थी जनसुनवाई
मोहन यादव के पहले शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व काल में शिवराज ने मध्यप्रदेश में जनसुनवाई की शुरुआत की थी. जिसमें हर मंगलवार को आम लोग प्रशासन से जुड़ी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए यहां पहुंचते हैं और कलेक्टर स्तर के अधिकारी जनसुनवाई करके समस्या का मौके पर ही निराकरण करने का प्रयास करते हैं.
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उमा भारती के दौर में लगता था जनता दरबार
बीजेपी के ही शासन काल की बात करें तो उमा भारती के दौर में जनता दरबार की शुरुआत हुई थी. जिसमें उमा भारती सप्ताह के निश्चित दिनों में सीधे जनता से मिलती थीं और मौके पर मौजूद अधिकारियों के साथ तत्काल उनकी समस्याओं का निराकरण करती थीं. बाद में इस जनता दरबार में इतनी भीड़ जुटने लगी कि संभालना मुश्किल होने लगा. इसके बाद जनता दरबार को बंद कर दिया गया.
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "जनता से फीडबैक का भी ये सबसे सही प्लेटफार्म है. असल में सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्या रिस्पांस है. वो कितने नीचे तक पहुंची है. जनता दरबार के जरिए एक तरीके से आप सब कुछ परख सकते हैं. मोहन यादव अगर इस तरह की शुरुआत करते हैं तो जाहिर है उनको प्रदेश के जमीनी हालात समझना और आसान हो जाएगा."