ग्वालियर: भोपाल कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कोशिश कर रहा है. सौरभ के वकील का कहना है कि आर्डर की कॉपी मिलने के बाद वह अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर करेंगे. उन्होंने लोकायुक्त के छापे की कार्रवाई को गलत ठहराया है.
सौरभ के वकील ने कहा, लोकायुक्त का छापा गलत था क्योंकि वह लोक सेवक की परिधि में नहीं आता
सौरभ के वकील सौरभ पाराशर का कहना है "उनका मुवक्किल लोक सेवक की परिधि में नहीं आता है, इसलिए यह छापा गलत था. उनका मुवक्किल जांच एजेंसियों के सामने अपनी स्थिति साफ करना चाहता है. लेकिन उसे जांच एजेंसियों द्वारा अपनी प्रताड़ना का खतरा है. जांच एजेंसियां पूछताछ के नाम पर घंटों संबंधित व्यक्ति को बिठाकर रखती हैं. इसके साथ ही वह उसे तरह-तरह से प्रताड़ित करती हैं."
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सौरभ पाराशर ने कहा "इसलिए कोर्ट के आदेश पर उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिलता है तो वह खुद ही जांच एजेंसियों के सामने आकर पूछताछ में सहयोग करना चाहता है."
ईडी और आयकर विभाग की टीम ने ग्वालियर में सौरभ शर्मा आवास मारा छापा
उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके दोस्त राजकुमार सिकरवार के ठिकानों से करोड़ों की चल-अचल संपत्ति मिल चुकी है. एक दिन पहले ही ईडी और आयकर विभाग की टीम ने ग्वालियर में सौरभ शर्मा के विनय नगर सेक्टर 2 स्थित आवास और उसके दोस्त चेतन सिंह गौड़ के लक्कड़खाना पुल स्थित आवास पर छापा मार कार्रवाई की थी. यहां से करोड़ों के लेनदेन के कागजात बरामद हुए हैं.
ईडी ने सौरभ के खिलाफ पीएमएलए के तहत दर्ज किया है केस
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों की नगदी और अकूत संपत्ति बरामद होने के बाद मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की एंट्री हो गई है. ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केस दर्ज किया. इस मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं.