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सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे फुटबॉल खिलाड़ी

अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई बार प्रतिभाएं दबकर रह जाती हैं. श्योपुर में भी सुविधाओं के आभाव में फुटबॉल खिलाड़ी अपनी प्रतिभा खोने की कगार पर हैं.

अधिकारियों की लापरवाही से सुविधाओं से वंचित जिले के फुटबॉल खिलाड़ी
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Published : Oct 5, 2019, 10:37 PM IST

श्योपुर। अपने हुनर के दम पर स्टेट और नेशनल स्तर पर खेल चुके जिले के फुटबॉलर खेल युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं. जिला मुख्यालय में एक भी ऐसा ग्राउंड नहीं है, जहां फुटबॉल खेला जा सके. वहीं लापरवाह अधिकारियों के चलते खिलाड़ियों को फुटबॉल सहित अन्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई जाती है.

अधिकारियों की लापरवाही से सुविधाओं से वंचित जिले के फुटबॉल खिलाड़ी

खिलाड़ियों का कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से सुविधाएं मुहैया कराए जाने की गुहार लगा चुके है, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. फुटबॉल कोच इकरार मोहम्मद का कहना है कि श्योपुर से नेशनल लेवल पर खेल चुके खिलाड़ी सुविधाओं के आभाव में उच्च स्तर पर खेलने से वंचित रह गए.

श्योपुर। अपने हुनर के दम पर स्टेट और नेशनल स्तर पर खेल चुके जिले के फुटबॉलर खेल युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं. जिला मुख्यालय में एक भी ऐसा ग्राउंड नहीं है, जहां फुटबॉल खेला जा सके. वहीं लापरवाह अधिकारियों के चलते खिलाड़ियों को फुटबॉल सहित अन्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई जाती है.

अधिकारियों की लापरवाही से सुविधाओं से वंचित जिले के फुटबॉल खिलाड़ी

खिलाड़ियों का कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से सुविधाएं मुहैया कराए जाने की गुहार लगा चुके है, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. फुटबॉल कोच इकरार मोहम्मद का कहना है कि श्योपुर से नेशनल लेवल पर खेल चुके खिलाड़ी सुविधाओं के आभाव में उच्च स्तर पर खेलने से वंचित रह गए.

Intro:एंकर
श्योपुर-अपने हुनर की दम पर स्टेट और नेशनल स्तर पर खेल चुके जिले के फुटबॉल खिलाड़ी खेल युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार हो रहे है। फुटबॉल प्लेयरों की प्रक्टिस के लिए कभी पीजी कॉलेज में कॉफी बड़ा ग्राउंड हुआ करता था लेकिन अब हालात ऐसे है कि फुटबॉल खिलाड़ियों को नियमित प्रक्टिस करने के लिए जिला मुख्यायल पर कोई फुटवाल ग्राउंड तक नही है और नही खिलाड़ियों को फुटबॉल से लेकर अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है। जिससे परेशान खिलाड़ी वीर साबरकर स्टेडियम में बिना फुटबॉल पोल के खुद की फुटबॉल और अन्य सामान खरीदकर सामान्य प्रक्टिस करने को मजबूर है। Body:विओ-1
खिलाड़ियों की माने तो वह जिला प्रशासन के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से सुविधाए मुहैया कराए जाने की गुहार लगा चुके है। लेकिन उनकी सुनवाई तक नही की जा रही है। जिससे उनकी प्रतिभा बिलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें फुटबॉल सहित अन्य कोई सामग्री नहीं मिल पा रही है जिससे वह परेशान है ... Conclusion:विओ-2 फुट बॉल कोच इकरार मोहम्बद का कहना है श्योपुर से नेशनल लेबल पर खेले हुए खिलाड़ियों को भी बापिश श्योपुर लौटकर आना पड़ता है क्यो की श्योपुर में नही तो फुट बॉल के लिए कोई मैदान है नही कोई व्यवस्था है जिसके चलते श्योपुर में स्टेडियम में फूट बॉल खेलने को मजबूर हैं
बाइट-राघवेंद्र जाट फुटबॉल खिलाड़ी
इकरार मोहम्मद फुटबॉल कोच
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