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इस वजह से बाबा महाकाल की सांकेतिक रूप से निकाली गई शाही सवारी - Baba Mahakal royal ride

शुजालपुर मंडी में पिछले 40 साल से बाबा महाकाल की शाही सवारी भाद्रपद मास के सोमवार को निकाली जाती रही है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते महाकाल मंदिर समिति ने सांकेतिक रूप से सवारी निकाली.

ride of Baba Mahakal
बाबा महाकाल की शाही सवारी
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Published : Aug 17, 2020, 8:21 PM IST

शाजापुर। शुजालपुर में भाद्रपद मास के दूसरे सोमवार को मंडी स्थित महाकाल मंदिर से बाबा महाकाल की हर साल शाही सवारी निकाली जाती है. इस साल प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए शाही सवारी सांकेतिक रूप में निकाली गई. सवारी के नगर भ्रमण के पहले मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की गई. जिसके बाद भक्तों ने बाबा के स्वरूप मुखौटे को ट्रॉली में विराजित कर नगर भ्रमण कराया.

बाबा महाकाल की शाही सवारी

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन ने पहले ही आदेश जारी कर दिया था कि शहर में निकाली जाने वाली बाबा महाकाल की शाही सवारी का मार्ग छोटा रहेगा और श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रहेगी. इसी निर्देश के परिपालन में सीमित भक्तों के साथ सांकेतिक रुप से शाही सवारी निकाली गई. सवारी मार्ग पर भक्तों ने बाबा की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की.

ये भी पढे़ं- सालों की अनोखी परंपरा, बरसते पत्थर, खून से लथपथ होते जिस्म, गोटमार मेले का डरावना रहस्य

शाजापुर। शुजालपुर में भाद्रपद मास के दूसरे सोमवार को मंडी स्थित महाकाल मंदिर से बाबा महाकाल की हर साल शाही सवारी निकाली जाती है. इस साल प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए शाही सवारी सांकेतिक रूप में निकाली गई. सवारी के नगर भ्रमण के पहले मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की गई. जिसके बाद भक्तों ने बाबा के स्वरूप मुखौटे को ट्रॉली में विराजित कर नगर भ्रमण कराया.

बाबा महाकाल की शाही सवारी

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन ने पहले ही आदेश जारी कर दिया था कि शहर में निकाली जाने वाली बाबा महाकाल की शाही सवारी का मार्ग छोटा रहेगा और श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रहेगी. इसी निर्देश के परिपालन में सीमित भक्तों के साथ सांकेतिक रुप से शाही सवारी निकाली गई. सवारी मार्ग पर भक्तों ने बाबा की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की.

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