शहडोल। शहडोल जिले में सुबह से ही कोहरा छाया हुआ था जिसकी वजह से लगभग 10 मीटर की विजिबिलिटी थी. ये कोहरा लगभग दिन भर गिरता रहा. धूप भी निकली, लेकिन नाम के लिए ही निकली थी. शाम होते-होते एक बार फिर से ठंडी हवाएं चलने लग गईं. आसमान में घने बादल छा गए और फिर बारिश जैसा माहौल बन गया. तापमान में गिरावट देखी जा रही है और जिस तरह का मौसम नजर आ रहा है उसे देखकर यही लग रहा है कि कभी भी बारिश हो सकती है.
बिगड़े मौसम ने बढ़ाई परेशानी
इस बिगड़े हुए मौसम ने परेशानी बढ़ा दी है, क्योंकि स्कूलों की छुट्टियां खत्म हो गई हैं और बच्चों को स्कूल जाना था. वह भी परेशान होते नजर आये. इसके साथ ही जिस तरह से अचानक मौसम में ठंड बढ़ी है और बारिश का माहौल बना है, उससे लोग भी परेशान होते नजर आ रहे हैं. डॉक्टर की माने तो जिस तरह से मौसम बदला है, उससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है. इसका असर बच्चों और बुजुर्गों पर भी देखने को मिल सकता है. इन्हें और सावधानी पूर्वक रहने की जरूरत है.
क्या है मौसम का अनुमान ?
मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि "सुबह से ही शहडोल में घना कोहरा छाया हुआ था, आसमान में घने बादल छाए थे, शाम होते ही ठंडी हवाएं चलने लग गईं और बारिश जैसा मौसम बन गया. आने वाले दिनों में अभी कुछ दिन ऐसा ही मौसम बना रहने की संभावना है. आसमान में बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश की भी संभावना रहेगी." बात करें मिनिमम तापमान की तो ये लगातार बढ़ रहा है. अभी 12 डिग्री के आसपास मिनिमम तापमान दर्ज हुआ है.
फसलों को होगा नुकसान
इस बदले हुए मौसम का असर फसलों पर भी देखने को मिल सकता है, कृषि वैज्ञानिक डॉ. बृज किशोर प्रजापति बताते हैं कि जिस तरह से बादल छा हुए हैं, घना कोहरा गिर रहा है, उसकी वजह से सब्जियों की फसल पर रस चूचक कीट माहू की समस्या देखने को मिल सकती है, जिससे फसलों का नुकसान हो सकता है, इसके अलावा सरसों की फसल पर भी माहू और रस चूसक कीट की समस्या देखने को मिल सकती है. आलू टमाटर जैसे फसलों पर भी कई तरह के रोग लग सकते हैं, ऐसे में किसानों को फसलों का सतत निरीक्षण करना चाहिए और किसी भी तरह का कोई लक्षण अगर नज़र आता है, तो तुरंत उसका उपचार करना चाहिए.
ये भी पढ़ें: |
इसके अलावा जिस तरह का मौसम है, उससे फसलों पर पाले की भी समस्या देखने को मिल सकती है, ऐसे में तापमान को मेंटेन करने के लिए कोशिश करें की फसलों की सिंचाई स्प्रिंकलर से करें, जिससे फसलों का तापमान सही बना रहेगा. फसलों की मेढ़ों पर अगर सूखा घास फूस पड़ा हुआ है तो वहां आग लगायें जिससे तापमान मेंटेन रहेगा.