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नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड की दौड़ में शहडोल जिला अस्पताल, पहला पड़ाव किया पार - nqas award

शहडोल जिला चिकित्सालय ने एनक्यूएएस अवार्ड के लिए राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफलता प्राप्त कर ली है. इसके तय माप दंडों में 84 फीसदी अंक प्राप्त किये. राष्ट्रीय स्तर के मुल्यांकन में चिकित्सालय तय मापदंडों पर खरा उतरता है तो अस्पताल को एनक्यूएएस अवार्ड मिल जाएगा.

नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड की दौड़ में शहडोल जिला अस्पताल
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Published : Aug 31, 2019, 6:25 PM IST

शहडोल। शहर का जिला चिकित्सालय एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार अपनी कमियों को लेकर नहीं, बल्कि अपनी सफलता को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल शहडोल ज़िला चिकित्सालय ने एनक्यूएएस अवार्ड के लिए राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफलता हासिल कर ली है. इसके तय माप दंडों में 84 फीसदी अंक प्राप्त किये हैं. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर का टीम अस्पताल का मूल्यांकन करेगी.

नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड की दौड़ में शहडोल जिला अस्पताल

बता दें एनक्यूएएस अर्थात नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड मिलने के बाद अस्पताल के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बेड के हिसाब से एक तय राशि मिलेगी. जो जिला अस्पताल के लिए बड़ी कामयाबी होगी.

एनक्यूएएस अवार्ड के लिए पहले राज्यस्तरीय मूल्यांकन होता है, जिसके लिए दूसरे जिले से मूल्यांकन टीम पहुंचती हैं और मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट भोपाल भेज दी जाती है. रिपोर्ट के अनुसार शहडोल को 84 फीसदी अंक मिले हैं, राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफल होने के लिए 70 फीसदी या इससे अधिक अंक की जरूरत होती है. फिर नेशनल लेवल के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय स्तर की टीम अस्पताल का मुल्यांकन करती है. अब जिला अस्पताल को एनक्यूएएस अवार्ड मिलेगा या नहीं, ये फैसला राष्ट्रीय मुल्यांकन टीम की रिपोर्ट करेगी.

जिला अस्पताल एनक्यूएएस अवार्ड जीतने में सफलता करता है, चिकित्सालय को केंन्द्र सरकार की ओर से प्रति बेड 10 हज़ार रुपये की राशि मिलेगी. 300 बिस्तर का अस्पताल है, इसके आधार पर अस्पताल को हर साल 30 लाख रुपये मिलेंगे, जो अस्पताल के विकास में सहायक होगा.

शहडोल। शहर का जिला चिकित्सालय एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार अपनी कमियों को लेकर नहीं, बल्कि अपनी सफलता को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल शहडोल ज़िला चिकित्सालय ने एनक्यूएएस अवार्ड के लिए राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफलता हासिल कर ली है. इसके तय माप दंडों में 84 फीसदी अंक प्राप्त किये हैं. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर का टीम अस्पताल का मूल्यांकन करेगी.

नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड की दौड़ में शहडोल जिला अस्पताल

बता दें एनक्यूएएस अर्थात नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड मिलने के बाद अस्पताल के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बेड के हिसाब से एक तय राशि मिलेगी. जो जिला अस्पताल के लिए बड़ी कामयाबी होगी.

एनक्यूएएस अवार्ड के लिए पहले राज्यस्तरीय मूल्यांकन होता है, जिसके लिए दूसरे जिले से मूल्यांकन टीम पहुंचती हैं और मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट भोपाल भेज दी जाती है. रिपोर्ट के अनुसार शहडोल को 84 फीसदी अंक मिले हैं, राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफल होने के लिए 70 फीसदी या इससे अधिक अंक की जरूरत होती है. फिर नेशनल लेवल के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय स्तर की टीम अस्पताल का मुल्यांकन करती है. अब जिला अस्पताल को एनक्यूएएस अवार्ड मिलेगा या नहीं, ये फैसला राष्ट्रीय मुल्यांकन टीम की रिपोर्ट करेगी.

जिला अस्पताल एनक्यूएएस अवार्ड जीतने में सफलता करता है, चिकित्सालय को केंन्द्र सरकार की ओर से प्रति बेड 10 हज़ार रुपये की राशि मिलेगी. 300 बिस्तर का अस्पताल है, इसके आधार पर अस्पताल को हर साल 30 लाख रुपये मिलेंगे, जो अस्पताल के विकास में सहायक होगा.

Intro:Note_वर्जन शहडोल जिला चिकित्सालय के आरएमओ और दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएस परिहार का है।

आदिवासी अंचल के इस जिला चिकित्सालय को मिली पहली सफलता, अब आखिरी मूल्यांकन बाकी, जानिये उसके बाद क्या होगा फायदा

शहडोल- शहडोल का जिला चिकित्सालय एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, इस बार अपनी कमियों को लेकर नहीं बल्कि अपनी सफलता को लेकर सुर्खियों में है। दरअसल शहडोल ज़िला चिकित्सालय ने एनक्यूएएस अवार्ड के लिए राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफलता हासिल कर ली है। इसके तय माप दंडों में 84 फीसदी अंक अर्जित किये हैं।
एनक्यूएएस मतलब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड अवार्ड इसके लिए जिला चिकित्सालय ने पहली बाधा पार कर ली है और अब राष्ट्रीय स्तर का मूल्यांकन होना बाकी है। अगर इसमें जिला अस्पताल कामयाबी हासिल कर लेता है तो अस्पताल के विकास के लिए बेड के हिसाब से एक तय राशि मिलेगी। जो इस जिला अस्पताल के लिए बड़ी कामयाबी होगी।


Body:एनक्यूएएस के लिए ऐसे होता है मूल्याकंन

शहडोल जिला चिकित्सालय के दन्त रोग विशेषज्ञ और आरएमओ डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि एनक्यूएएस अवार्ड के लिए पहले राज्य स्तरीय लेवल पर मूल्यांकन होता है जिसके लिए दूसरे जिले से लोग मूल्यांकन करने पहुँचते हैं और फिर मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट भोपाल भेज देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार शहडोल को 84 फीसदी अंक मिले है, राज्य स्तरीय मूल्यांकन में सफल होने के लिए 70 फीसदी या इससे अधिक अंक की जरूरत होती है। असेसमेंट के लिए 8 मापदंडों के आधार पर हॉस्पिटल का मूल्यांकन किया गया था।

राज्य स्तरीय मूल्यांकन के बाद राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र जाता है और फिर वहां से नेशनल लेवल के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय स्तर की टीम मूल्यांकन करने के लिए पहुंचती है। और इसी 8 मापदंडों के तहत सभी 16 विभागों का असेस्मेंट किया जाएगा।




Conclusion:एनक्यूएएस में सफलता मिलने पर ये होगा फायदा

जिला चिकित्सालय के दंत रोग विशेषज्ञ और आरएमओ डॉक्टर जी एस परिहार बताते हैं कि अगर एनक्यूएएस अवार्ड जीतने में सफलता मिल जाती है तो जिला चिकित्सालय में पर बेड के हिसाब से अस्पताल के विकास के लिए 10 हज़ार रुपये मिलते हैं ये केंद्र की ओर से मिलता है रोगी कल्याण समिति को, अगर शहडोल जिला चिकित्सालय को सफलता मिल जाती है तो यहां 300 बिस्तर के अस्पताल है मतलब करीब 30 लाख रुपये प्रति साल मिलेगा, जो अस्पताल के विकास में सहायक होगा।

एमपी से अबतक दो अस्पतालों को मिला है ये अवार्ड

एनक्यूएएस अवार्ड एमपी में अबतक दो जिला चिकित्सालय सतना और भिंड को मिला है।
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