ETV Bharat / state

गड्ढों से पब्लिक परेशान, लेकिन प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - Shahdol divisional headquarters

सड़क पर कीचड़, गड्ढे और उनमें भरा पानी और यहां से गुजर रही ये हैवी गाड़ियां, ये हालात किसी गांव की सड़क के नहीं हैं, बल्कि शहडोल सम्भागीय मुख्यालय में स्थित वार्ड नंबर 28 और 29 के बीच से होकर गुजरने वाले नरसरहा डिपो रोड के हैं. ये रास्ता गणेश मंदिर से होकर होटल बगिया की ओर जाता है, ये हालत उस रोड की है, जिसे बनवाने के लिए कॉलोनी के लोग पिछले कई महीने से गुहार लगा रहे हैं.

Public troubled by pits
गड्ढों से पब्लिक परेशान
author img

By

Published : Feb 26, 2020, 10:42 AM IST

Updated : Feb 26, 2020, 11:30 AM IST

शहडोल। बेमौसम बरसात में ही कीचड़ से सनी सड़क, गड्ढों में भरा लबालब पानी. ये गड्ढे कितने बड़े हैं, पानी भरा होने से अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे. इन गड्ढ़ों वाली सड़क को देखकर आप भी कुछ देर के लिए हैरत में पड़ जाएंगे कि गड्ढे में रोड है या रोड में गड्ढा. ये हालात हैं नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 28 और 29 के बीच से होकर गुजरने वाली नरसरहा डिपो रोड की, जो गणेश मंदिर से होकर होटल बगिया की ओर जाती है.

शहडोल की नरसरहा डिपो रोड पर गड्ढों से पब्लिक परेशान है

सड़क खस्ताहाल, दिनभर गुजरती हैं हैवी गाड़ियां

कॉलोनी वासी इस खस्ताहाल सड़क से परेशान हैं उनका कहना है की बरसात हो जाये तो कीचड़ से परेशान, सूख जाए तो धूल से परेशान. आये दिन इन गड्ढों में छोटी छोटी दुर्घटनाएं होती ही रहती हैं. इस रोड में गाड़ी चलाना दूभर हर पल खतरा मंडराता रहता है और कॉलोनी वासियों का कहना है कि कभी भी यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

इतना ही नहीं कॉलोनी वाले बताते हैं कि रिहायशी इलाके को बायपास बना दिया है, हर दिन सैकड़ों हैवी गाडियां इन सड़कों से गुजरती हैं वो भी ओवरलोडेड उन्हें देखने वाला कोई नहीं है और न ही उन पर कोई लगाम लगा रहा है.

कॉलोनी वाले बताते हैं कि दिसम्बर 2019 में इस सड़क को लेकर उन्होंने धरना भी दिया था, जिसके बाद नगरपालिका ने उन्हें आश्वाशन दिया था कि 2 महीने में कुछ न कुछ जरूर किया जाएगा. लेकिन यहां रोड तो नहीं बनी पर दो महीने में गड्ढों की साइज और बढ़ गई.

एस्टीमेट बना लिया है, परिषद में पास होते ही टेंडर निकालेंगे

नगरपालिका सीएमओ अजय श्रीवास्तव कहते हैं कि उसका एस्टीमेट बन गया है, उसका करीब सवा 2 करोड़ का प्रोजेक्ट कॉस्ट आया है. जिसमें रोड के साथ ड्रेन भी है. इसका टेंडर करेंगे लेकिन इससे पहले परिषद में प्रस्ताव लाया जाएगा, परिषद की स्वीकृति मिलने के बाद ही कुछ हो पायेगा. हमारी बाध्यता है कि उससे पहले हम कुछ नहीं कर सकते. ़

खुद नगरपालिका सीएमओ भी मानते हैं कि यहां संकरी गलियां हैं कभी भी दुर्घटना हो सकती है. इसलिए बाईपास रोड कहीं और से निकालना होगा, जिससे ट्रक शहर के बाहर ही बाहर निकल जाएं.

दुर्घटना का इंतजार

गौरतलब है कि इस सड़क को लेकर इस कॉलोनी के लोग कई बार अपनी आवाज उठा चुके हैं, शासन प्रशासन हर किसी के नजर में ला चुके हैं, यहां तक कि धरना भी कर चुके हैं. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता. ऐसे में सवाल यही है की और क्या करें जिससे ये रोड बने, क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है.

शहडोल। बेमौसम बरसात में ही कीचड़ से सनी सड़क, गड्ढों में भरा लबालब पानी. ये गड्ढे कितने बड़े हैं, पानी भरा होने से अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे. इन गड्ढ़ों वाली सड़क को देखकर आप भी कुछ देर के लिए हैरत में पड़ जाएंगे कि गड्ढे में रोड है या रोड में गड्ढा. ये हालात हैं नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 28 और 29 के बीच से होकर गुजरने वाली नरसरहा डिपो रोड की, जो गणेश मंदिर से होकर होटल बगिया की ओर जाती है.

शहडोल की नरसरहा डिपो रोड पर गड्ढों से पब्लिक परेशान है

सड़क खस्ताहाल, दिनभर गुजरती हैं हैवी गाड़ियां

कॉलोनी वासी इस खस्ताहाल सड़क से परेशान हैं उनका कहना है की बरसात हो जाये तो कीचड़ से परेशान, सूख जाए तो धूल से परेशान. आये दिन इन गड्ढों में छोटी छोटी दुर्घटनाएं होती ही रहती हैं. इस रोड में गाड़ी चलाना दूभर हर पल खतरा मंडराता रहता है और कॉलोनी वासियों का कहना है कि कभी भी यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

इतना ही नहीं कॉलोनी वाले बताते हैं कि रिहायशी इलाके को बायपास बना दिया है, हर दिन सैकड़ों हैवी गाडियां इन सड़कों से गुजरती हैं वो भी ओवरलोडेड उन्हें देखने वाला कोई नहीं है और न ही उन पर कोई लगाम लगा रहा है.

कॉलोनी वाले बताते हैं कि दिसम्बर 2019 में इस सड़क को लेकर उन्होंने धरना भी दिया था, जिसके बाद नगरपालिका ने उन्हें आश्वाशन दिया था कि 2 महीने में कुछ न कुछ जरूर किया जाएगा. लेकिन यहां रोड तो नहीं बनी पर दो महीने में गड्ढों की साइज और बढ़ गई.

एस्टीमेट बना लिया है, परिषद में पास होते ही टेंडर निकालेंगे

नगरपालिका सीएमओ अजय श्रीवास्तव कहते हैं कि उसका एस्टीमेट बन गया है, उसका करीब सवा 2 करोड़ का प्रोजेक्ट कॉस्ट आया है. जिसमें रोड के साथ ड्रेन भी है. इसका टेंडर करेंगे लेकिन इससे पहले परिषद में प्रस्ताव लाया जाएगा, परिषद की स्वीकृति मिलने के बाद ही कुछ हो पायेगा. हमारी बाध्यता है कि उससे पहले हम कुछ नहीं कर सकते. ़

खुद नगरपालिका सीएमओ भी मानते हैं कि यहां संकरी गलियां हैं कभी भी दुर्घटना हो सकती है. इसलिए बाईपास रोड कहीं और से निकालना होगा, जिससे ट्रक शहर के बाहर ही बाहर निकल जाएं.

दुर्घटना का इंतजार

गौरतलब है कि इस सड़क को लेकर इस कॉलोनी के लोग कई बार अपनी आवाज उठा चुके हैं, शासन प्रशासन हर किसी के नजर में ला चुके हैं, यहां तक कि धरना भी कर चुके हैं. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता. ऐसे में सवाल यही है की और क्या करें जिससे ये रोड बने, क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है.

Last Updated : Feb 26, 2020, 11:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.