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मोहन यादव सरकार को 16 फरवरी की मोहलत, मध्य प्रदेश के कर्मचारी आर या पार मोड में - MP GOVT EMPLOYEES PROTEST

मोहन यादव सरकार को कर्मचारियों ने दिया 16 फरवरी तक का अल्टीमेटम. हडताल पर जाएंगे मध्य प्रदेश के 4 लाख कर्मचारी.

mohan yadav govt
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की सरकार को चेतावनी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 3, 2025, 4:34 PM IST

Updated : Feb 3, 2025, 5:04 PM IST

सागर : मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार के लिए प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों की मांगें सिरदर्द बनती जा रही हैं. कर्मचारी संघों ने सरकार को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि अगर उनकी 51 सूत्रीय मांगों का निराकरण 16 फरवरी तक नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. मध्यप्रदेश कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने कहा, '' हम सभी कर्मचारियों अधिकारियों की 51 सूत्रीय मांगों को लेकर चार चरणों में आंदोलन का एलान किया था. फिलहाल हमारे दो चरण पूरे हो चुके हैं. मांगे नहीं मानी गईं, तो कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स हड़ताल पर जाने मजबूर होंगे.''

सागर में अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक

दरअसल, सागर में रविवार 2 फरवरी को मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन को लेकर समीक्षा बैठक की और आगे की रणनीति बनाई. बैठक में प्रदेश भर के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए थे. बैठक में चर्चा हुई कि मोर्चा की 51 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार का ध्यान खींचने के लिए चार चरणों में आंदोलन की शुरूआत की गई थी लेकिन अब तक इन मांगों को लेकर सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है. ऐसे में संयुक्त मोर्चा ने आगामी दो चरणों के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.

जानकारी देते मध्यप्रदेश कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष (Etv Bharat)

अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में कहा गया, आंदोलन के तीसरे चरण में 7 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर धरना और 16 फरवरी को भोपाल के अंबेडकर पार्क में प्रदेश व्यापी धरना देने के बाद सरकार का रूख देखेंगे और सरकार ने मांगे नहीं मानी, तो फिर हडताल पर चले जाएंगे।

एमपी सरकार से कर्मचारियों की क्या हैं मांगें?

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र निगम ने बताया, '' हमारी प्रमुख मांगों में कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र लागू किया जाए, पुरानी पेंशन योजना को फिर लागू किया जाए, लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान ग्रेड पे और वेतनमान में सुधार, शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, समस्त संवर्गीय कर्मचारियों के वेतनमान में सुधार, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नाम और वेतनमान में सुधार, कोटवार, अंशकालीन कर्मचारी, अस्थाई कर्मचारी, हैंडपंप टेक्नीशियन, संविदा कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी और वन विभाग के कर्मचारियों की मांगों को प्राथमिकता से नियमित किया जाए.

mp govt employees protest
सागर में अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक (Etv Bharat)

DA और अन्य भत्तों का हो शीघ्र भुगतान

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र निगम ने आगे कहा, '' हमारी ये भी मांग है कि शासन द्वारा लंबित महंगाई भत्ते (DA) का शीघ्र भुगतान किया जाए. मकान भाड़ा समेत अन्य सुविधाओं को लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाए. हमारी मांगों को लेकर शासन ने किसी भी स्तर पर सहयोगात्मक रवैया पेश नहीं किया है. इसलिए हम पूर्व निर्धारित चार चरणों के कार्यक्रम के बाद दूसरे चरण में 7 फरवरी को जिला मुख्यालय पर और तीसरे चरण में 16 फरवरी को प्रदेश स्तर पर धरना कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे और शासन पर अपनी मांगें पूरी करने के लिए दबाव बनाएंगे.''

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सागर : मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार के लिए प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों की मांगें सिरदर्द बनती जा रही हैं. कर्मचारी संघों ने सरकार को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि अगर उनकी 51 सूत्रीय मांगों का निराकरण 16 फरवरी तक नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. मध्यप्रदेश कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने कहा, '' हम सभी कर्मचारियों अधिकारियों की 51 सूत्रीय मांगों को लेकर चार चरणों में आंदोलन का एलान किया था. फिलहाल हमारे दो चरण पूरे हो चुके हैं. मांगे नहीं मानी गईं, तो कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स हड़ताल पर जाने मजबूर होंगे.''

सागर में अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक

दरअसल, सागर में रविवार 2 फरवरी को मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन को लेकर समीक्षा बैठक की और आगे की रणनीति बनाई. बैठक में प्रदेश भर के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए थे. बैठक में चर्चा हुई कि मोर्चा की 51 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार का ध्यान खींचने के लिए चार चरणों में आंदोलन की शुरूआत की गई थी लेकिन अब तक इन मांगों को लेकर सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है. ऐसे में संयुक्त मोर्चा ने आगामी दो चरणों के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.

जानकारी देते मध्यप्रदेश कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष (Etv Bharat)

अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में कहा गया, आंदोलन के तीसरे चरण में 7 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर धरना और 16 फरवरी को भोपाल के अंबेडकर पार्क में प्रदेश व्यापी धरना देने के बाद सरकार का रूख देखेंगे और सरकार ने मांगे नहीं मानी, तो फिर हडताल पर चले जाएंगे।

एमपी सरकार से कर्मचारियों की क्या हैं मांगें?

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र निगम ने बताया, '' हमारी प्रमुख मांगों में कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र लागू किया जाए, पुरानी पेंशन योजना को फिर लागू किया जाए, लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान ग्रेड पे और वेतनमान में सुधार, शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, समस्त संवर्गीय कर्मचारियों के वेतनमान में सुधार, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नाम और वेतनमान में सुधार, कोटवार, अंशकालीन कर्मचारी, अस्थाई कर्मचारी, हैंडपंप टेक्नीशियन, संविदा कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी और वन विभाग के कर्मचारियों की मांगों को प्राथमिकता से नियमित किया जाए.

mp govt employees protest
सागर में अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक (Etv Bharat)

DA और अन्य भत्तों का हो शीघ्र भुगतान

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र निगम ने आगे कहा, '' हमारी ये भी मांग है कि शासन द्वारा लंबित महंगाई भत्ते (DA) का शीघ्र भुगतान किया जाए. मकान भाड़ा समेत अन्य सुविधाओं को लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाए. हमारी मांगों को लेकर शासन ने किसी भी स्तर पर सहयोगात्मक रवैया पेश नहीं किया है. इसलिए हम पूर्व निर्धारित चार चरणों के कार्यक्रम के बाद दूसरे चरण में 7 फरवरी को जिला मुख्यालय पर और तीसरे चरण में 16 फरवरी को प्रदेश स्तर पर धरना कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे और शासन पर अपनी मांगें पूरी करने के लिए दबाव बनाएंगे.''

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Last Updated : Feb 3, 2025, 5:04 PM IST
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