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MP Shahdol अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा, किसी भी हालात से निपटने को तैयार, घबराने की जरूत नहीं

एक बार फिर से कोरोना डरा रहा है. इसका खौफ लोगों में देखने को मिलने लगा है. कोरोना को लेकर शहडोल जिले के स्वास्थ्य विभाग की क्या है तैयारी है. ऑक्सीजन की क्या है व्यवस्था. साथ ही पिछली गलतियों से स्वास्थ्य विभाग ने क्या और कितना सीखा. इस बार कितना अपडेटेड होकर स्वास्थ्य विभाग कोरोना से लड़ने को तैयार है. इस बारे में शहडोल सीएमएचओ डॉ.आरएस पांडे से ETV भारत ने खास बातचीत की.

MP Shahdol claims perfect arrangements in hospitals
MP Shahdol अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा
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Published : Dec 31, 2022, 1:44 PM IST

MP Shahdol अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा

शहडोल। जिले के सीएमएचओ डॉ.आरएस पांडेय ने बताया कि चाइना, दक्षिण कोरिया, जापान, अमेरिका, ब्राजील, साउथ अफ्रीका जैसे देशों में काफी केस आ रहे हैं. भारत या मध्य प्रदेश में इतने केस नहीं है कि घबराने की जरूरत पड़े. लेकिन वहां वायरस है तो इंफेक्शन यहां कभी भी आ सकता है. माना जा रहा है कि जनवरी के लास्ट तक यहां भी अपने हिसाब से कोरोना वायरस पीक पर हो सकता है. इसकी तैयारी के लिए राज्य शासन के निर्देश हैं. उसी के तहत टीम काम कर रही है.

फीवर क्लीनिक नाम से टेस्टिंग : फीवर क्लीनिक नाम से टेस्टिंग करने के लिए सभी चिकित्सालय को निर्देशित किया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लैब टेक्नीशियन से सैंपल के लिए कहा है. इसके साथ ही हमारी जो पुरानी व्यवस्था थीं. आईसीयू, ऑक्सीजन प्लांट, नान आईसीयू बेड्स, आइसोलेशन बेड, उन सबके लिए हमने 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल का आयोजन किया. सीएमएचओ ने बताया कि शहडोल जिले में 6 ऑक्सीजन प्लांट हैं. जिला अस्पताल में ही 3 ऑक्सीजन प्लांट हैं. जिसमें दो पीएसए प्लांट हैं, जिसमें से एक है एक हज़ार एलपीएम का, दूसरा 570 एलपीएम का और तीसरा हमारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन एलएमओ टैंक है. ये तीनों ऑक्सीजन प्लांट हमारी सही स्थिति में हैं. इसमें किसी भी तरह की समस्या नहीं है.

आईसीयू में 10 बेड : पांडेय बताते हैं कि शहडोल जिला अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू भी है. वो भी वर्किंग कंडीशन में है. उसमें भी पूरा साफ-सफाई करके जो भी इक्विपमेंट्स थे, उनको रेडी कर लिया गया है. यहां पर जो ऑक्सीजन बेड्स हैं, उनको भी देखकर के किसी भी समय वार्ड को खाली कराकर व्यवस्था बनाई जा सकती है. बाकी हमारी मेडिकल कॉलेज के प्रशासन से भी चर्चा हुई है. उन्होंने भी अपनी पूरी तैयारी बेहतर की है. इसके अलावा सिविल अस्पताल ब्यौहारी में ऑक्सीजन बेड्स हैं. एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट भी है. पीएसए प्लांट में थोड़ी सी प्रॉब्लम है, जिसकी जानकारी राज्य सरकार को दे दी गई है. शहडोल जिला किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है. घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है.

वैक्सीनेशन बड़ी ताकत : सीएमएचओ ने बताया कि वैक्सीनेशन भी बहुत अच्छा हुआ है. हमारे यहां वैक्सीनेशन के रिजल्ट के कारण भी केस कम होने की संभावना है, लेकिन भविष्य तो कोई नहीं जानता और ना ही भविष्यवक्ता के तौर पर बताया जा सकता है. इस समय जो स्ट्रेन आ रहा है और अगर उसमें गंभीरता होगी तो निश्चित तौर पर उसकी पूरी तैयारी हमने कर रखी है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए सभी को. मास्क लगाना, सैनिटाइजर का प्रयोग करना, कम से कम 2 गज की दूरी बनाकर रखना, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना है.

MP Sagar कोरोना से निपटने के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ने कमर कसी, व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा

कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था : अगर कोरोना की जांच की जरूरत पड़ती है तो जिला अस्पताल में आज से शुरू कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में पहले से ही होती रही है. जिला अस्पताल में हमारी सिविल सर्जन से चर्चा हुई है. एक फीवर क्लीनिक के नाम से जांच केंद्र जरूर बनाकर उसका बोर्ड लगवा दिया जाए. राज्य सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट को लेकर सब जगह काफी अच्छी व्यवस्था कर दी है. ऑक्सीजन के लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. हमारे पास इतना अक्सीजन ऑलरेडी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के रूप में या पीएसए प्लांट के रूप में उपलब्ध है.

MP Shahdol अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा

शहडोल। जिले के सीएमएचओ डॉ.आरएस पांडेय ने बताया कि चाइना, दक्षिण कोरिया, जापान, अमेरिका, ब्राजील, साउथ अफ्रीका जैसे देशों में काफी केस आ रहे हैं. भारत या मध्य प्रदेश में इतने केस नहीं है कि घबराने की जरूरत पड़े. लेकिन वहां वायरस है तो इंफेक्शन यहां कभी भी आ सकता है. माना जा रहा है कि जनवरी के लास्ट तक यहां भी अपने हिसाब से कोरोना वायरस पीक पर हो सकता है. इसकी तैयारी के लिए राज्य शासन के निर्देश हैं. उसी के तहत टीम काम कर रही है.

फीवर क्लीनिक नाम से टेस्टिंग : फीवर क्लीनिक नाम से टेस्टिंग करने के लिए सभी चिकित्सालय को निर्देशित किया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लैब टेक्नीशियन से सैंपल के लिए कहा है. इसके साथ ही हमारी जो पुरानी व्यवस्था थीं. आईसीयू, ऑक्सीजन प्लांट, नान आईसीयू बेड्स, आइसोलेशन बेड, उन सबके लिए हमने 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल का आयोजन किया. सीएमएचओ ने बताया कि शहडोल जिले में 6 ऑक्सीजन प्लांट हैं. जिला अस्पताल में ही 3 ऑक्सीजन प्लांट हैं. जिसमें दो पीएसए प्लांट हैं, जिसमें से एक है एक हज़ार एलपीएम का, दूसरा 570 एलपीएम का और तीसरा हमारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन एलएमओ टैंक है. ये तीनों ऑक्सीजन प्लांट हमारी सही स्थिति में हैं. इसमें किसी भी तरह की समस्या नहीं है.

आईसीयू में 10 बेड : पांडेय बताते हैं कि शहडोल जिला अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू भी है. वो भी वर्किंग कंडीशन में है. उसमें भी पूरा साफ-सफाई करके जो भी इक्विपमेंट्स थे, उनको रेडी कर लिया गया है. यहां पर जो ऑक्सीजन बेड्स हैं, उनको भी देखकर के किसी भी समय वार्ड को खाली कराकर व्यवस्था बनाई जा सकती है. बाकी हमारी मेडिकल कॉलेज के प्रशासन से भी चर्चा हुई है. उन्होंने भी अपनी पूरी तैयारी बेहतर की है. इसके अलावा सिविल अस्पताल ब्यौहारी में ऑक्सीजन बेड्स हैं. एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट भी है. पीएसए प्लांट में थोड़ी सी प्रॉब्लम है, जिसकी जानकारी राज्य सरकार को दे दी गई है. शहडोल जिला किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है. घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है.

वैक्सीनेशन बड़ी ताकत : सीएमएचओ ने बताया कि वैक्सीनेशन भी बहुत अच्छा हुआ है. हमारे यहां वैक्सीनेशन के रिजल्ट के कारण भी केस कम होने की संभावना है, लेकिन भविष्य तो कोई नहीं जानता और ना ही भविष्यवक्ता के तौर पर बताया जा सकता है. इस समय जो स्ट्रेन आ रहा है और अगर उसमें गंभीरता होगी तो निश्चित तौर पर उसकी पूरी तैयारी हमने कर रखी है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए सभी को. मास्क लगाना, सैनिटाइजर का प्रयोग करना, कम से कम 2 गज की दूरी बनाकर रखना, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना है.

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कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था : अगर कोरोना की जांच की जरूरत पड़ती है तो जिला अस्पताल में आज से शुरू कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में पहले से ही होती रही है. जिला अस्पताल में हमारी सिविल सर्जन से चर्चा हुई है. एक फीवर क्लीनिक के नाम से जांच केंद्र जरूर बनाकर उसका बोर्ड लगवा दिया जाए. राज्य सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट को लेकर सब जगह काफी अच्छी व्यवस्था कर दी है. ऑक्सीजन के लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. हमारे पास इतना अक्सीजन ऑलरेडी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के रूप में या पीएसए प्लांट के रूप में उपलब्ध है.

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