Sixth Mangla Gauri Vrat 2023: सावन के इस मंगलवार को मंगला गौरी व्रत का विशेष दिन है और इस बार यह बहुत विशेष माना जा रहा है, ज्योतिषाचार्य की मानें तो 17 साल बाद आज विशेष संयोग बन रहा है, इसलिए सलाह है कि इस विशेष दिन का लोगों को लाभ उठाना चाहिए. आज के दिन शिव पार्वती की विशेष पूजा करके अपने भाग्य को बदलना चाहिए, क्योंकि ऐसे मौके बहुत कम आते हैं.
मंगलवार को मंगला गौरी व्रत: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "मंगला गौरी व्रत सावन कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि के ऊपर अष्टमी तिथि आती है तो मंगला गौरी की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है, लेकिन इस बार मलमास या कहें कि अधिकमास होने के कारण और श्रावण महीना पूर्ण महीना होने के कारण इस विशेष व्रत का महत्व बढ़ गया है. मंगला गौरी व्रत इस बार सावन कृष्ण पक्ष दिन मंगलवार सप्तमी तिथि ऊपर अष्टमी तिथि को इसका शुभ मुहूर्त है."
मंगला गौरी व्रत में ऐसे करें शिव उपासना: ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि "मंगला गौरी के दिन वो लड़कियां जिनका विवाह होने में देरी हो रही है, ऐसी लड़कियां बेसन से शिव और गौरी की मूर्ति बनाकर एक थाली में सजाकर रख लें और विधिवत धूप, दीप, नैवेद्य, दूध, दही, गंगाजल, शहद, शक्कर से स्नान कराकर पीला वस्त्र धारण करके वहां पर शिव पार्वती की एक साथ पूजन करें, तो सौभाग्य की प्राप्ति होती है और तुरंत विवाह योग बनता है."
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि "दूसरा पूजन करने का विधान है कि अगर बेसन से शिव-गौरी नहीं बना पाते हैं, तो मंदिर में जाकर जहां शिव गौरी स्थापित हों, वहां पर धूप, दीप, नैवेद्य, दूध, दही, गंगाजल, शहद, शक्कर से स्नान कराएं, फिर फूल, बेलपत्र चढ़ाएं चना की दाल अवश्य चढ़ाएं या चना के दाल के बने लड्डू वहां चढ़ाएं. जिन लड़कियों के विवाह में देरी हो रही है या लड़कियां मंगली है, ऐसा करने से ऐसी लड़कियों का कार्य बनता है. ऐसी लड़कियों को अवश्य इस विधि विधान से इस विशेष दिन शिव गौरी की पूजा करनी चाहिए, जिससे विवाह के योग जल्द बनेंगे."
कौन-कौन कर सकता है मंगला गौरी व्रत: जिन महिलाओं का विवाह हो चुका है, लेकिन संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है ऐसी महिलाएं भी मंगला गौरी का व्रत करें तो उन्हें संतान की प्राप्ति होगी और घर में खुशियां आती हैं. जिन महिलाओं की संतान भी है, समृद्धि भी है, सौभाग्यवती भी हैं, लेकिन घर में बरक्कत नहीं हो रही है, तो ऐसी माताएं मंगला गौरी का व्रत करें. शाम के समय शिव पार्वती की पूजन करें, और पूजन करने के बाद रोटी पराठा या पूड़ी बनाकर भोग लगाएं और पहले गाय को भोजन कराएं, इसके बाद लड़कियों को प्रसाद दें. बाद में बचे हुए प्रसाद को स्वयं ग्रहण करें, इससे शिवजी विशेष प्रसन्न होते हैं और उनके भक्तों की उपाशकों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.