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स्वास्थ्य मंत्री ने शहडोल जिला अस्पताल का किया निरीक्षण, सिविल सर्जन व CMHO पर गिरी गाज - Minister Prabhuram Chaudhary

शहडोल जिला अस्पताल में अब तक 18 बच्चे दम तोड़ चुके हैं. इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंचे. उन्होंने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को हटाने के निर्देश दिए. इसी बीच खबर आई कि बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी एक बच्चे की मौत हो गई.

Divisional meeting
संभागीय बैठक
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Published : Dec 9, 2020, 1:05 AM IST

शहडोल। जिला अस्पताल में सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिसे लेकर अब हड़कंप मचा हुआ है. ये मामला अब राजनीतिक तूल भी पकड़ने लगा है. जिसके बाद मंगलवार को शहडोल जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने के लिए खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी पहुंचे. जहां उन्होंने पहले जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया. फिर कलेक्टर कार्यालय में बैठक ली. इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने सीएमएचओ राजेश पांडे और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने के निर्देश भी दिए.

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी

अब तक 18 बच्चों ने तोड़ा दम

शहडोल जिला चिकित्सालय में 26 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच 18 बच्चों की मौत हो चुकी है. जिसके चलते कहीं ना कहीं सीएमएचओ राजेश पांडे के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. कांंग्रेस व अन्य दल के नेताओं ने भी सीएमएचओ हटाने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था.

बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे की मौत

इधर मंत्री कर रहे थे निरीक्षण, उधर एक और बच्चे की मौत

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी शहडोल जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर रहे थे, इसी दौरान एक और बच्चे की मौत की खबर आई.बच्चे की मौत बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई है. बच्चे की उम्र करीब 4 माह बताई जा रही है.

'मृत हालात में लाया गया था बच्चा'

बच्चा अमलाई से गंभीर हालत में इलाज के लिए बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर्स ने बच्चे का इलाज नहीं किया. वहीं डॉक्टर निशांत मिश्रा का कहना है कि बच्चा मृत अवस्था में लाया गया था. मैंने खुद चैक किया था. इसके बाद बीएमओ ने भी दोबारा चैक किया था. उन्होंने भी कंफर्म किया था कि बच्चे की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि परिजन बच्चे का इलाज कई दिनों से एक झोलाझाप डॉक्टर से करा रहे थे.

मामले की जानकारी ले रही हूंः छवि भारद्वाज

एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज ने कहा कि मैं इस मामले की जानकारी लूंगी. ये बहुत स्पष्ट है कि हमें रेफरल बिल्कुल नहीं करना है. हमारे पास सफिसिएंट संख्या में मेडिकल ऑफिसर्स स्टाफ नर्सेस व गायनोलॉजिस्ट यहां पर पोस्टेड हैं. लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें.यहां पर एक मात्र बड़ा अस्पताल यही है. अभी रेफरल रेट भी बहुत ज्यादा है.सभी मेडिकल ऑफिसर्स को भी निर्देशित किया गया है, कि रेफरल न करें. और जो बच्चे की मौत का मामला है उसकी जानकारी ली जा रही है. अगर कोई लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

शहडोल। जिला अस्पताल में सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिसे लेकर अब हड़कंप मचा हुआ है. ये मामला अब राजनीतिक तूल भी पकड़ने लगा है. जिसके बाद मंगलवार को शहडोल जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने के लिए खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी पहुंचे. जहां उन्होंने पहले जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया. फिर कलेक्टर कार्यालय में बैठक ली. इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने सीएमएचओ राजेश पांडे और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने के निर्देश भी दिए.

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी

अब तक 18 बच्चों ने तोड़ा दम

शहडोल जिला चिकित्सालय में 26 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच 18 बच्चों की मौत हो चुकी है. जिसके चलते कहीं ना कहीं सीएमएचओ राजेश पांडे के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. कांंग्रेस व अन्य दल के नेताओं ने भी सीएमएचओ हटाने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था.

बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे की मौत

इधर मंत्री कर रहे थे निरीक्षण, उधर एक और बच्चे की मौत

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी शहडोल जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर रहे थे, इसी दौरान एक और बच्चे की मौत की खबर आई.बच्चे की मौत बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई है. बच्चे की उम्र करीब 4 माह बताई जा रही है.

'मृत हालात में लाया गया था बच्चा'

बच्चा अमलाई से गंभीर हालत में इलाज के लिए बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर्स ने बच्चे का इलाज नहीं किया. वहीं डॉक्टर निशांत मिश्रा का कहना है कि बच्चा मृत अवस्था में लाया गया था. मैंने खुद चैक किया था. इसके बाद बीएमओ ने भी दोबारा चैक किया था. उन्होंने भी कंफर्म किया था कि बच्चे की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि परिजन बच्चे का इलाज कई दिनों से एक झोलाझाप डॉक्टर से करा रहे थे.

मामले की जानकारी ले रही हूंः छवि भारद्वाज

एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज ने कहा कि मैं इस मामले की जानकारी लूंगी. ये बहुत स्पष्ट है कि हमें रेफरल बिल्कुल नहीं करना है. हमारे पास सफिसिएंट संख्या में मेडिकल ऑफिसर्स स्टाफ नर्सेस व गायनोलॉजिस्ट यहां पर पोस्टेड हैं. लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें.यहां पर एक मात्र बड़ा अस्पताल यही है. अभी रेफरल रेट भी बहुत ज्यादा है.सभी मेडिकल ऑफिसर्स को भी निर्देशित किया गया है, कि रेफरल न करें. और जो बच्चे की मौत का मामला है उसकी जानकारी ली जा रही है. अगर कोई लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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