सिवनी। (Seoni unique marriage) कुछ शादियां अपने आप में अनूठी होती हैं और यादगार भी. मगर जब शादी के 25 साल बाद मां-बाप फिर से एक खास डेस्टिनेशन पर शादी करें और उनके बच्चे, नाती-पोते भी बारात अटेंड करते दिखें तो नजारा खूबसूरत हो जाता है. एमपी के सिवनी में एक परिवार में अपने पापा की बारात में जब बच्चे शामिल हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं था. बैंड बाजे पर ऐसे थिरके मानो जमी पर आसमान उतर आया हो. यहां शादी की सिल्वर जुबली पर हुए ग्रैेड सेलिब्रेशन ने कपल्स के गुजरे लम्हों की यादें ताजा कर दीं. जिंदगी साथ बिताने के लिए जैसे एक दूजे के 25 साल पहले हुए थे ठीक वैसे ही एक बार फिर दूल्हा-दुल्हन ने वरमाला के साथ सात फेरे लिए.
ये अंदाज भी निराला है
जिंदगी साथ बिताने के लिए जिस पल आप सात फेरे लेते हैं, अगर 25 साल बाद वही लम्हा दोबारा जीने को मिले तो इससे बड़ा जश्न और क्या होगा. सिवनी शहर में हाल ही में एक कपल्स ने अपनी सिल्वर जुबली मैरिज एनिवर्सरी पर ऐसा ही किया. हल्दी, मेहंदी की रस्म के साथ बारात, वरमाला और फिर ग्रैंड सेलिब्रेशन.
सालगिरह पर शादी
आपने लोगों को शादी की सालगिरह मनाते हुए तो कई बार देखा होगा. हर साल शादी की सालगिरह आती है लेकिन ये सालगिरह कुछ खास थी.शादी के 25 साल पूरे हो गए थे. 6 जनवरी 24 को सिवनी के भैरोगंज स्थित महामाया लॉन में कुछ अलग ही नजारा था. स्टेट बैंक सिवनी में कैशियर पद पर कार्यरत मनीष सक्सेना और उनकी पत्नी प्रीति सक्सेना ने एक अलग अंदाज में अपनी शादी की सालगिरह का आयोजन किया. सालगिरह पर फिर से शादी कर ली और वो सभी रस्में पूरीं कीं जो 25 साल पहले एक दूजे का हाथ थामने पर निभाईं थीं.
सिल्वर जुबली पर ग्रैंड सेलिब्रेशन
मनीष सक्सेना ने एक बार फिर घोड़ा बग्गी पर सवार होकर डीजे और बैंड बाजे के साथ अपनी बारात निकाली. जिसमें वह शेरवानी और पगड़ी पहनकर घोड़ा बग्गी में सवार थे. बाराती जमकर थिरके तो मनीष सक्सेना के बच्चों का उत्साह तो देखते ही बन रहा था.पापा की शादी हो रही थी. उनकी दोनों बेटी की खुशी का ठिकाना ही नहीं था.इस ग्रैंड सेलिब्रेशन में दोनों जमकर थिरकीं.
बारातियों का हुआ स्वागत
जब बारात मंगल भवन से महामाया लॉन की ओर आगे बढ़ रही थी तो सभी लोग देखकर हैरान हो गए कि यह कैसी बारात है. उसके बाद बारात आगे बढ़ते हुए महामाया लॉन पहुंची तो वहां पर लड़की पक्ष ने कलश दीपक एवं द्वारचार के माध्यम से दूल्हे और बारातियों का जोरदार स्वागत किया. स्वागत करके परंपरा अनुसार दस्तूर हुआ उसके बाद दूल्हा राजा स्टेज में लगे मंडप पर विराजमान होकर दुल्हन का इंतजार करते दिखे.
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फूलों की पालकी में पहुंची दुल्हन
अब बारी थी वरमाला की. दुल्हन तैयार होकर फूलों की पालकी में स्टेज पर पहुंची. जिसे देखकर सभी लोग बहुत आनंदित हुए. उसके बाद शास्त्री जी के द्वारा मंत्र उच्चारण करके सबसे पहले अंगूठी फिर जयमाला का दस्तूर कराया. जयमाला हो जाने के पश्चात राम राम श्री राजाराम की धुन सुनते ही लोग आनंदित हो उठे और उसके पश्चात सभी ने दूल्हा-दुल्हन को बधाई दी.बाद में बारातियों ने एवं मेहमानों ने खाना खाकर वर वधु को आशीर्वाद देकर विदाई ली.