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ये आराम का मामला है ! डूयूटी का वक्त है सुबह 9 बजे, दोपहर तक पहुंचते हैं डॉक्टर साहब - सिवनी

सिवनी जिले के छपारा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले देवरी कला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पदस्थ डॉक्टर पीयूष जैन सप्ताह में या 15 दिन में 1 दिन ही अस्पताल पहुंचते है. जिससे मरीजों को परेशानी होती है. डॉक्टर की इस लापरवाही का पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

देवरी स्वास्थ्य कला में देर से पहुंचते है डॉक्टर
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Published : Aug 6, 2019, 12:00 AM IST

सिवनी। एक तरफ प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीज परेशान रहते है, तो दूसरी तरफ डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों की परेशानी और बढ़ा देती है. स्वास्थ्य मंत्री भले ही सख्ती की बात करते हो. लेकिन इस सख्ती की झलक देवरी स्वास्थय केंद्र पर जरा सी भी नहीं दिखती.

डूयूटी का वक्त है सुबह 9 बजे, दोपहर तक पहुंचते हैं डॉक्टर साहब

स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. पीयूष जैन की लापरवाही का आलम यह है, कि वे महीनें भर में एक- दो दिन ही अस्पताल पहुंचते हैं. इलाज के लिए मरीज हर दिन अस्पताल पहुंते है, घंटों डॉक्टर का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन न डॉक्टर साहब अस्पताल पहुंचते है और न मरीजों को इलाज मिलता है. लिहाजा मरीज हर दिन डॉक्टर का इंतजार करते- करते वापस लौट जाते हैं.

ग्रामीणों ने बताया डॉ पीयूष जैन सप्ताह में या 15 दिन में 1 दिन अस्पताल पहुंचते है. बाकी के दिन वे गायब ही रहते हैं. बड़ी बात यह है कि डॉक्टर साहब अस्पताल तो रोज पहुंचते नहीं है. लेकिन रजिस्टर में उनकी अटेंडेंस हर दिन डाली जाती है. वही इस मामले में जब बीएमओ डॉ देवाशीष बनर्जी से बात करने की कोशिश की गई तो वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.

स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ फार्मासिस्ट रोहित भारद्वाज ने बताया कि डॉक्टर, पीयूष जैन रोज क्यों नहीं आते, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, वह तो मरीजों को दवाईयां दे देते हैं. अब बड़ा सवाल यह है प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों को सुबह 9 बजे अस्पताल में पहुंचने के आदेश हैं. लेकिन देवरी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर महोदय महीनें भर में एक दो दिन ही वक्त पर पहुंचते हैं.

सिवनी। एक तरफ प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीज परेशान रहते है, तो दूसरी तरफ डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों की परेशानी और बढ़ा देती है. स्वास्थ्य मंत्री भले ही सख्ती की बात करते हो. लेकिन इस सख्ती की झलक देवरी स्वास्थय केंद्र पर जरा सी भी नहीं दिखती.

डूयूटी का वक्त है सुबह 9 बजे, दोपहर तक पहुंचते हैं डॉक्टर साहब

स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. पीयूष जैन की लापरवाही का आलम यह है, कि वे महीनें भर में एक- दो दिन ही अस्पताल पहुंचते हैं. इलाज के लिए मरीज हर दिन अस्पताल पहुंते है, घंटों डॉक्टर का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन न डॉक्टर साहब अस्पताल पहुंचते है और न मरीजों को इलाज मिलता है. लिहाजा मरीज हर दिन डॉक्टर का इंतजार करते- करते वापस लौट जाते हैं.

ग्रामीणों ने बताया डॉ पीयूष जैन सप्ताह में या 15 दिन में 1 दिन अस्पताल पहुंचते है. बाकी के दिन वे गायब ही रहते हैं. बड़ी बात यह है कि डॉक्टर साहब अस्पताल तो रोज पहुंचते नहीं है. लेकिन रजिस्टर में उनकी अटेंडेंस हर दिन डाली जाती है. वही इस मामले में जब बीएमओ डॉ देवाशीष बनर्जी से बात करने की कोशिश की गई तो वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.

स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ फार्मासिस्ट रोहित भारद्वाज ने बताया कि डॉक्टर, पीयूष जैन रोज क्यों नहीं आते, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, वह तो मरीजों को दवाईयां दे देते हैं. अब बड़ा सवाल यह है प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों को सुबह 9 बजे अस्पताल में पहुंचने के आदेश हैं. लेकिन देवरी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर महोदय महीनें भर में एक दो दिन ही वक्त पर पहुंचते हैं.

Intro:स्वास्थ्य केंद्र देवरी कला में नहीं पहुंचते चिकित्सक

मरीजों को झेलनी पड़ रही परेशानी


Body:केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आम नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं को अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मिलकर पलीता लगाया जा रहा है हालांकि इन योजनाओं को संचालित करने के लिए विभागीय स्तर पर कागजी खानापूर्ति का बदस्तूर खेल जारी है प्रदेश सरकार द्वारा बीते माह स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने के समय में बढ़ोतरी करते हुए प्रातः 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक कर दिया गया है इसके बाद भी आम जनों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर अधिकतर खानापूर्ति की जा रही है जिला मुख्यालय तो कुछ हद तक ठीक है लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के हाल बेहाल हैं जिले में विकासखंड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित ग्राम पंचायत स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलना तो दूर की बात रही इन केंद्रों में पदस्थ चिकित्सकों के दर्शन ग्रामीणों को महीने में दो चार बार ही हो पाते हैं।

वीओ-1-
जिले के छपारा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले देवरी कला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है जहां पर ग्रामीणों का उपचार करने के लिए डॉक्टर पीयूष जैन को पदस्थ किया गया है जानकारी के अनुसार उक्त चिकित्सक के दर्शन स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों को महीने में बमुश्किल दो चार दिन ही हो पाते हैं बाकी दिन ग्रामीण के दर्शन किए बिना ही स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मचारी से दवाइयां लेकर वापस हो जाते हैं ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवरी कला में पदस्थ फार्मासिस्ट रोहित भारद्वाज द्वारा अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवाइयां दे दी जाती हैं यहां पर पदस्थ चिकित्सक डॉ पीयूष जैन सप्ताह में या 15 दिन में 1 दिन अस्पताल पहुंचकर हाजिरी रजिस्टर में हाजिरी भर कर खानापूर्ति पूरी करके चले जाते हैं।

बाइट-1- शहजादा कुरैशी (ग्रामीण एवं विधायक प्रतिनिधि)
बाइट-2-ओमप्रकाश सोनी (ग्रामीण)
बाइट-3- रोहित भारद्वाज (फार्मासिस्ट)


Conclusion:वहीं जब इस पूरे मामले में डॉ पीयूष जैन से उपस्थिति ना देने के संबंध में बात करना चाहा तो मीडिया को देखते ही बचते नजर आये।

वहीं इस पूरे मामले में छपारा बीएमओ डॉ देवाशीष बनर्जी भी मीडिया के कैमरे के सामने आकर बोलने से पीछे हटते हुए फोन पर चर्चा करते हुए कह रहे हैं कि मेरे द्वारा चिकित्सक को प्रतिदिन ओपीडी समय प्रातः 9:00 से शाम 4:00 बजे तक मरीजों का उपचार करने हेतु आदेशित किया गया है और रजिस्टर में इनकी हाजिरी प्रतिदिन दर्शाई भी जा रही है लेकिन फर्जी हाजिरी को लेकर सवाल करने पर बीएमओ कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं जिससे सवाल यही खड़ा होता है कि डॉक्टर पीयूष जैन पर बीएमओ को संरक्षण प्राप्त हो रहा है जिससे देवरी कला में पदस्थ डॉ पीयूष जैन अस्पताल में न बैठने से डर नहीं रहे।

वहीं मुख्य चिकित्सा जिला अधिकारी इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले पर कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं।

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