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स्कूल शिक्षा मंत्री का दावा, श्रेष्ठता के शिखर पर होंगे प्रदेश के सरकारी स्कूल

शासकीय स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम के तहत स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने इछावर और सीहोर के चार स्कूलों में पहुंचकर अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से बातचीत की.

शासकीय स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी
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Published : Oct 19, 2019, 9:47 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 12:07 AM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में 19 अक्टूबर को अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सीहोर जिले के इच्छावर के एक शासकीय स्कूल में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां उन्होंने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से बात कर उनकी समस्यों को समझा.

शासकीय स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि पहले परीक्षा के खराब परिणामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन स्कूलों को चिन्हित करके शिक्षकों की परीक्षाएं आयोजित करवाई गई. परिणाम आने पर जो शिक्षक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए उनके लिए दौबारा परीक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. इतने पर भी यदि उनका परिणाम नहीं सुधरता है तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर इतना अधिक उन्नत करेंगे कि परिणाम देखकर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर शासकीय स्कूलों में प्रवेश दिलाने पर मजबूर हो जाएंगे.कि शिक्षा विभाग में ऐसे हजारों शिक्षक थे. जो अपने गृह जिले से सैकड़ों मील दूर रहकर शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे और अपने स्थानांतरण के लिए प्रयासरत थे. स्थानांतरण प्रक्रिया को आसान करते हुए ऑनलाईन आवेदन के आधार पर हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरण किए गए हैं.

कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों ने मंत्री डॉ चौधरी को बताया कि शिक्षक-अभिभावक सम्मेलन शुरु होने से निजी स्कूलों की तरह शिक्षक-अभिभावकों का संवाद बना रहेगा और स्कूल की गतिविधियों की भी जानकारी अभिभावकों को मिलती रहेगी.

सीहोर। मध्य प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में 19 अक्टूबर को अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सीहोर जिले के इच्छावर के एक शासकीय स्कूल में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां उन्होंने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से बात कर उनकी समस्यों को समझा.

शासकीय स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि पहले परीक्षा के खराब परिणामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन स्कूलों को चिन्हित करके शिक्षकों की परीक्षाएं आयोजित करवाई गई. परिणाम आने पर जो शिक्षक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए उनके लिए दौबारा परीक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. इतने पर भी यदि उनका परिणाम नहीं सुधरता है तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर इतना अधिक उन्नत करेंगे कि परिणाम देखकर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर शासकीय स्कूलों में प्रवेश दिलाने पर मजबूर हो जाएंगे.कि शिक्षा विभाग में ऐसे हजारों शिक्षक थे. जो अपने गृह जिले से सैकड़ों मील दूर रहकर शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे और अपने स्थानांतरण के लिए प्रयासरत थे. स्थानांतरण प्रक्रिया को आसान करते हुए ऑनलाईन आवेदन के आधार पर हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरण किए गए हैं.

कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों ने मंत्री डॉ चौधरी को बताया कि शिक्षक-अभिभावक सम्मेलन शुरु होने से निजी स्कूलों की तरह शिक्षक-अभिभावकों का संवाद बना रहेगा और स्कूल की गतिविधियों की भी जानकारी अभिभावकों को मिलती रहेगी.

Intro:श्रेष्ठता के शिखर पर होंगे सरकारी स्कूल - स्कूल शिक्षा मंत्री

सीहोर- मध्यप्रदेश सरकार की मंशानुरुप शिक्षा विभाग द्वारा 19 अक्टूबर को पूरे प्रदेश के शासकीय स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसी के तहत स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने इछावर एवं सीहोर के चार स्कूलों में पहुंचकर अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से बातचीत कर उनके विचार जाने।

Body:सर्वप्रथम मंत्री डॉ चौधरी ने इछावर स्थित शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित होकर अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से चर्चा की और उनके सुझाव भी सुने। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कक्षा 5 वी 8वीं में बोर्ड द्वारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से जहां बच्चों के मन में फैल होने का भय होने से वह ठीक से पढ़ाई करेंगे वहीं शिक्षक भी रिजल्ट सुधारने की दिशा में बच्चों को पूरी लगन और ईमानदारी से पढ़ाएंगे।

पूर्व में हुई परीक्षाओं के खराब परिणामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन स्कूलों को चिन्हित कर (जहां परिणाम 30 प्रतिशत से भी नीचे था) के शिक्षकों की परीक्षाएं आयोजित करवाईं। परिणाम आने पर जो शिक्षक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाये उनके लिए दौबारा परीक्षा एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। इतने पर भी यदि उनका परिणाम नहीं सुधरता है तो उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर इतना अधिक उन्नत करेंगे कि परिणाम देखकर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर शासकीय स्कूलों में प्रवेश दिलाने पर मजबूर हो जाएंगे।

मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग में ऐसे हजारों शिक्षक थे जो अपने गृह जिले से सैकड़ों मील दूर रहकर शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे और अपने स्थानांतरण के लिए प्रयासरत् थे, स्थानांतरण प्रक्रिया को आसान करते हुए ऑनलाईन आवेदन के आधार पर हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरण किए गए हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों ने मंत्री डॉ चौधरी को बताया कि शिक्षक-अभिभावक सम्मेलन शुरु होने से निजी स्कूलों की तरह शिक्षक-अभिभावकों का संवाद बना रहेगा एवं स्कूल की गतिविधियों की भी जानकारी अभिभावकों को मिलती रहेगी।Conclusion:
Last Updated : Oct 20, 2019, 12:07 AM IST
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