सीहोर। न फेरे न मंगलसूत्र, न मांग में सिंदूर, शादी की इन रश्मों को छोड़ सीहोर में एक नवदंपती ने एक अनूठा विवाह रचाया है. भारती नगर निवासी हेमन्त और मधु ने भारत के संविधान की शपथ लेकर शादी रचाई और जीवनभर एक दूसरे का साथ देने का संकल्प लेकर वैवाहिक बंधन में बंध गए.
इस अनूठी शादी को लोग देखते रह गए. बारात में दूल्हा हाथ में संविधान की किताब को लेकर चल रहा था. वर-वधु के स्टेज पर बौद्ध और डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र रखे हुए थे. जिनको साक्षी मानकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई, उसके बाद वर-वधु को भारत के संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई, जीवनभर एक दूसरे का साथ देने का संकल्प लेकर विवाह संपन्न हुआ.
![Bride and groom taking oath of constitution](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6093350_thum.png)
शादी का कार्ड भी था खास
शादी के निमंत्रणपत्र पर भी बुद्ध और डॉ अंबेडकर के चित्र अंकित कराए गए हैं. सब्बमंगलम, प्रज्ञा, शील, करूणा कुछ इस प्रकार के गौतम बुद्ध के संदेश विवाह निमंत्रण पत्र पर अंकित किए गए. शादी के निमंत्रण पत्र भारत का संविधान, हमारा स्वाभिमान जैसे स्लोगन भी अंकित हैं.
संविधान हाथ में लेकर बारात लाया दूल्हा
घर से जब बारात निकली तो दूल्हा हेमंत हाथ में भारतीय संविधान की प्रस्तावना किताब लेकर चल रहा था. हेमंत ने बताया कि बाबा साहब से ही हमारा सब कुछ है. बाबा साहब के दिए हुए संविधान से ही हमारा मान, सम्मान और स्वाभिमान है, इसलिए हमने संविधान को साक्षी मानकर शादी की और हमारे बड़े बुजुर्गों से हमें यह प्रेरणा मिली है.
![The groom brought the procession with the book of the constitution in his hand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6093350_thumb.png)
दूल्हे के बड़े भाई कमलेश दोहरे ने बताया कि इस शादी में हमने संविधान की शपथ दिलाई, संविधान के प्रस्तावना का वाचन किया गया. संविधान की तरफ जितना देश बढे़गा उतना अनूठा होगा.
हमारे देश की नींव ही संविधान है और इस नवदंपती ने संविधान को अपने नए बंधन की नींव बना एक मिसाल पेश की है. ईटीवी भारत भी इस जोड़े की इस पहल की सराहना करता है.