सतना। देश में कोरोना वाइरस के वैश्विक आपदा के लिए हर कोई अपना योगदान दे रहा है, इस महामारी का सामना करने उतरे योद्धाओं में सतना की एक बेटी अपने घर से दूर इंदौर में अपना योगदान दे रही है.
डॉ ज्योति के पिता मुकेश बताते हैं कि ज्योति को घर आने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए आने से इंकार कर दिया कि उन्होंने चिकित्सकीय पेशा सेवा के लिए चुना है, आज जब देश को उनकी जरूरत है तो वो घर कैसे आ सकती हैं, मुकेश बताते हैं कि ज्योति अरबिंदो हॉस्पिटल में 42 मरीजों की देख रेख कर रही हैं. उनसे दिन में सिर्फ एक बार बात हो पाती है वो भी तब जब वो कॉल करती हैं. उनके परिजनों को अपनी बेटी पर गर्व है.
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे अधिक प्रभावित शहर है और अब यह हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना जाने लगा है. प्रदेश में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी जंग इंदौर में ही लड़ी जा रही है, इंदौर का अरबिंदो हॉस्पिटल कोरोना से संबंधित इलाज का बड़ा सेंटर हैं. जहां लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है. आज जब लोग अपने घरों में ही सुरक्षित रहना चाहते हैं तब डॉ ज्योति अपने घर सतना आने का इरादा छोड़कर अस्पताल में हर वक्त संक्रमण के खतरे से घिरी रह कर मरीजों और देश की सेवा कर रही हैं.