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विश्व की इस महामारी के बीच योद्धाओं में सतना की बेटी अपने घर से दूर इंदौर में दे रहीं योगदान

सतना की बेटी कोरोना जैसी बीमारी के चलते इस खतरे की घड़ी में अपने घर से दूर रहकर दौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में अपनी सेवायें दे रही हैं और कोरोना के मरीजों और आइसोलेशन में रखे गए लोगों की देख रेख कर रही हैं.

Satna's daughter is contributing away from home in Indore
सतना की बेटी अपने घर से दूर इंदौर में दे रही योगदान
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Published : Apr 7, 2020, 12:55 PM IST

सतना। देश में कोरोना वाइरस के वैश्विक आपदा के लिए हर कोई अपना योगदान दे रहा है, इस महामारी का सामना करने उतरे योद्धाओं में सतना की एक बेटी अपने घर से दूर इंदौर में अपना योगदान दे रही है.

Satna's daughter is contributing away from home in Indore
सतना की बेटी अपने घर से दूर इंदौर में दे रही योगदान
शहर के प्रेम नगर निवासी व्यवसायी मुकेश जायसवाल की होनहार बेटी डॉ ज्योति जायसवाल भी कोरोना की लड़ाई में योद्धा के रूप में हैं, सतना की बेटी डॉ ज्योति जायसवाल इन दिनों इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं और कोरोना के मरीजों तथा आइसोलेशन में रखे गए लोगों की देख रेख कर रही हैं. ज्योति ने एमबीबीएस के बाद टीबी एवं चेस्ट मेडिसिन से एमडी में दाखिला लिया है. यह उनका पहला साल है. डॉ ज्योति ने अपने सेवा धर्म को तरजीह देते हुए खुद को इस कार्य के लिए समर्पित कर दिया वहीं घर आने से इंकार कर दिया.

डॉ ज्योति के पिता मुकेश बताते हैं कि ज्योति को घर आने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए आने से इंकार कर दिया कि उन्होंने चिकित्सकीय पेशा सेवा के लिए चुना है, आज जब देश को उनकी जरूरत है तो वो घर कैसे आ सकती हैं, मुकेश बताते हैं कि ज्योति अरबिंदो हॉस्पिटल में 42 मरीजों की देख रेख कर रही हैं. उनसे दिन में सिर्फ एक बार बात हो पाती है वो भी तब जब वो कॉल करती हैं. उनके परिजनों को अपनी बेटी पर गर्व है.

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे अधिक प्रभावित शहर है और अब यह हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना जाने लगा है. प्रदेश में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी जंग इंदौर में ही लड़ी जा रही है, इंदौर का अरबिंदो हॉस्पिटल कोरोना से संबंधित इलाज का बड़ा सेंटर हैं. जहां लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है. आज जब लोग अपने घरों में ही सुरक्षित रहना चाहते हैं तब डॉ ज्योति अपने घर सतना आने का इरादा छोड़कर अस्पताल में हर वक्त संक्रमण के खतरे से घिरी रह कर मरीजों और देश की सेवा कर रही हैं.

सतना। देश में कोरोना वाइरस के वैश्विक आपदा के लिए हर कोई अपना योगदान दे रहा है, इस महामारी का सामना करने उतरे योद्धाओं में सतना की एक बेटी अपने घर से दूर इंदौर में अपना योगदान दे रही है.

Satna's daughter is contributing away from home in Indore
सतना की बेटी अपने घर से दूर इंदौर में दे रही योगदान
शहर के प्रेम नगर निवासी व्यवसायी मुकेश जायसवाल की होनहार बेटी डॉ ज्योति जायसवाल भी कोरोना की लड़ाई में योद्धा के रूप में हैं, सतना की बेटी डॉ ज्योति जायसवाल इन दिनों इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं और कोरोना के मरीजों तथा आइसोलेशन में रखे गए लोगों की देख रेख कर रही हैं. ज्योति ने एमबीबीएस के बाद टीबी एवं चेस्ट मेडिसिन से एमडी में दाखिला लिया है. यह उनका पहला साल है. डॉ ज्योति ने अपने सेवा धर्म को तरजीह देते हुए खुद को इस कार्य के लिए समर्पित कर दिया वहीं घर आने से इंकार कर दिया.

डॉ ज्योति के पिता मुकेश बताते हैं कि ज्योति को घर आने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए आने से इंकार कर दिया कि उन्होंने चिकित्सकीय पेशा सेवा के लिए चुना है, आज जब देश को उनकी जरूरत है तो वो घर कैसे आ सकती हैं, मुकेश बताते हैं कि ज्योति अरबिंदो हॉस्पिटल में 42 मरीजों की देख रेख कर रही हैं. उनसे दिन में सिर्फ एक बार बात हो पाती है वो भी तब जब वो कॉल करती हैं. उनके परिजनों को अपनी बेटी पर गर्व है.

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे अधिक प्रभावित शहर है और अब यह हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना जाने लगा है. प्रदेश में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी जंग इंदौर में ही लड़ी जा रही है, इंदौर का अरबिंदो हॉस्पिटल कोरोना से संबंधित इलाज का बड़ा सेंटर हैं. जहां लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है. आज जब लोग अपने घरों में ही सुरक्षित रहना चाहते हैं तब डॉ ज्योति अपने घर सतना आने का इरादा छोड़कर अस्पताल में हर वक्त संक्रमण के खतरे से घिरी रह कर मरीजों और देश की सेवा कर रही हैं.

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