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अतिवृष्टि की वजह से चौपट हुई दलहन की फसलें, किसानों ने लगाई मदद की गुहार - सतना न्यूज

सतना में अतिवृष्टि की वजह से किसानों की दलहनी फसलें पूरी तरीके से चौपट हो गई हैं. किसानों का कहना है कि किसी ने कर्ज लेकर तो किसी ने अपनी जमा पूंजी लगाकर खेती थी, लेकिन फसलें खराब होने के बाद अब किसान कर्ज में डूब गए हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द सर्वे कराकर उनको मुआवजा दिलाए.

The excess rain caused water on the hard work of the farmers
अतिवृष्टि ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी
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Published : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

सतना। कोरोनाकाल में किसानों पर अब मौसम की मार पड़ी है. जिले में अतिवृष्टि की वजह से किसानों की दलहनी फसलें पूरी तरीके से चौपट हो गई हैं. किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन प्रकृति की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. जिससे अन्नदाता बेहद परेशान हैं. उन्होंने सरकार से मदद की मांग की है.

अतिवृष्टि ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी

आसमान से बरसी आफत में सबसे अधिक नुकसान दलहनी फसलों को हुआ है. प्रकृति की मार से परेशान किसानों को अब सिर्फ प्रशासन से राहत मिलने की उम्मीद है. सतना जिले में किसानों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं. जिले के सोहावल ब्लॉक के गुड़िया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव के किसान अब सर्वे टीम का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन फसलों को नष्ट हुए एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है अभी तक राजस्व और कृषि विभाग की टीम खेतों में सर्वे के लिए नहीं उतरी हैं.

Pulled crops were destroyed
चौपट हुई दलहन की फसलें

फसलें खराब होने के बाद कर्ज में डूबे किसान

गांव के किसानों ने बताया कि इस वक्त अतिवृष्टि से सारी फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों का कहना है कि किसी ने कर्ज लेकर तो किसी ने अपनी जमापूंजी लगाकर खाद बीज खरीदा और ट्रैक्टर के डीजल का भी खर्च लगाकर जुताई कराई और जब इस फसल से हमें उम्मीदें जगने लगी तब प्रकृति की मार इस कदर पड़ी की सारी फसल चौपट हो गई. किसान का कहना है कि अब हम लोग कैसे अपना जीवन यापन करेंगे.

कई दिन बीत जाने के बाद भी नहीं आई सर्वे टीम

किसानों का कहना है कि यहां अभी तक इन फसलों का सर्वे करने के लिए कोई भी जिले का अधिकारी नहीं पहुंचा है. किसानों का कहना है कि फसल तो नष्ट हो गई अब कोरोना की वजह से हम बाहर मजदूरी भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में हमें अपना जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एसडीएम पीएस त्रिपाठी का कहना है कि इस बात की जानकारी मिली है कि सतना जिले में हुई अतिवर्षा की वजह से दलहन फसल का भारी नुकसान हुआ है. जिसका जिला कलेक्टर के निर्देश पर टीम बनाकर सर्वे कराया जा रहा है और सर्वे रिपोर्ट में जिसका 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है उन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा.

सतना। कोरोनाकाल में किसानों पर अब मौसम की मार पड़ी है. जिले में अतिवृष्टि की वजह से किसानों की दलहनी फसलें पूरी तरीके से चौपट हो गई हैं. किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन प्रकृति की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. जिससे अन्नदाता बेहद परेशान हैं. उन्होंने सरकार से मदद की मांग की है.

अतिवृष्टि ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी

आसमान से बरसी आफत में सबसे अधिक नुकसान दलहनी फसलों को हुआ है. प्रकृति की मार से परेशान किसानों को अब सिर्फ प्रशासन से राहत मिलने की उम्मीद है. सतना जिले में किसानों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं. जिले के सोहावल ब्लॉक के गुड़िया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव के किसान अब सर्वे टीम का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन फसलों को नष्ट हुए एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है अभी तक राजस्व और कृषि विभाग की टीम खेतों में सर्वे के लिए नहीं उतरी हैं.

Pulled crops were destroyed
चौपट हुई दलहन की फसलें

फसलें खराब होने के बाद कर्ज में डूबे किसान

गांव के किसानों ने बताया कि इस वक्त अतिवृष्टि से सारी फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों का कहना है कि किसी ने कर्ज लेकर तो किसी ने अपनी जमापूंजी लगाकर खाद बीज खरीदा और ट्रैक्टर के डीजल का भी खर्च लगाकर जुताई कराई और जब इस फसल से हमें उम्मीदें जगने लगी तब प्रकृति की मार इस कदर पड़ी की सारी फसल चौपट हो गई. किसान का कहना है कि अब हम लोग कैसे अपना जीवन यापन करेंगे.

कई दिन बीत जाने के बाद भी नहीं आई सर्वे टीम

किसानों का कहना है कि यहां अभी तक इन फसलों का सर्वे करने के लिए कोई भी जिले का अधिकारी नहीं पहुंचा है. किसानों का कहना है कि फसल तो नष्ट हो गई अब कोरोना की वजह से हम बाहर मजदूरी भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में हमें अपना जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एसडीएम पीएस त्रिपाठी का कहना है कि इस बात की जानकारी मिली है कि सतना जिले में हुई अतिवर्षा की वजह से दलहन फसल का भारी नुकसान हुआ है. जिसका जिला कलेक्टर के निर्देश पर टीम बनाकर सर्वे कराया जा रहा है और सर्वे रिपोर्ट में जिसका 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है उन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा.

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