सतना। दीपावली के पर्व पर भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने दीपदान किया. चित्रकूट में दीपावली देश भर से पहले मनाई जाती है. मान्यता है कि यहां दीपदान करने से मनोकामना पूरी होती है. जिसके लिए दीपावली के पर्व पर चित्रकूट में पहुंचे चार से पांच लाख श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी का दर्शन किया और मंदाकिनी में दीपदान किया.
दीपावली के मौके पर लगता है मेला
चित्रकूट में दीपावली के मौके पर पांच दिनों तक मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दीपदान करने के लिए आते हैं. इस साल भी करीब चार से पांच लाख श्रद्धालु मेले में पहुंचे. इस दौरान उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश दोनों ही राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी सतर्क रहे. मेले में सुरक्षा-व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही.
चित्रकूट है राम की तपोस्थली
श्रीराम ने अपने वनवास के 11 साल यहीं बिताए थे और लंका से वापस आने के समय भी श्रीराम अयोध्या से पहले चित्रकूट में ही रुके थे और कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरि की परिक्रमा लगाई थी. ग्रंथ बताते हैं कि राम अपने मित्र निषास को दिए वचन को निभाने के लिए यहां रुके थे. तब से दीपोत्सव का त्योहार सबसे पहले चित्रकूट में मनाया जाता है.
ऐसी है परम्परा
चित्रकूट में परम्परा चली आ रही है कि यहां पहुंचने वाले लोग मंदाकिनी में डुबकी लगाने के बाद कामदगिरि की परिक्रमा करते हैं फिर भगवान कामतानाथ की दरबार में दीपक जलाया जाता है और उसके बाद पूरे पांच दिनों तक दीप दान किया जाता है.