भोपाल: मध्य प्रदेश बीजेपी में 2025 का बरस जिले की जमीन से राजनीति चमकाने में जुटे कई नेताओं की सियासत को टेक ऑफ देगा, तो कईयों की राजनीति वाइंड अप होगी. संगठन चुनाव से गुजर रही बीजेपी में 60 जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए फीडबैक लिया जा चुका है. जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश के संगठनात्मक 60 जिलों में 5 जनवरी तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी. भोपाल में बीजेपी मुख्यालय में 2 जनवरी को होने जा रही वरिष्ठ नेताओं की बैठक में जिलाध्यक्षों के नामों पर अंतिम मुहर लगने की पूरी संभावना है.
5 जनवरी बीजेपी में फैसले का बड़ा दिन
संगठन चुनाव से गुजर रही बीजेपी में 5 जनवरी का दिन फैसले का बड़ा दिन होगा. इस दिन बीजेपी संगठन के चार ग्रामीण जिलों को मिलाकर 60 जिलों में पार्टी नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर सकती है. जिस तरह विधानसभा और लोकसभा चुनाव में रायशुमारी होती है, बिलकुल इसी तरह से रायशुमारी की गई है. उसी के आधार पर पैनल बनाकर श्रेष्ठ का चुनाव किया जाएगा. पार्टी के प्रदेश संगठन चुनाव प्रभारी सरोज पाण्डे और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश बीजेपी मुख्यालय में जिला अध्यक्षों की अंतिम सूची को तैयार करेंगे.
बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि "भारतीय जनता पार्टी की पारदर्शी अनुकरणीय लोकतांत्रिक संगठन पर्व चुनाव प्रक्रिया है. वो निरंतर आगे बढ़ रही है. सभी जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए अपेक्षित कार्यकर्ताओं से राय ले ली गई है. इसके बाद चुनाव अधिकारी और पर्यवेक्षक के साथ बैठक होना है. उसके बाद ये सभी जिलाध्यक्ष घोषित हो जाएंगे और निर्वाचित हो जाएंगे.
जिले की कमान...दिग्गजों में घमासान
बीजेपी में जिलाध्यक्ष का पद प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचने की पहली सीढ़ी कहा जा सकता है. दूसरी अहम बात ये है कि इस पद को पावर भी मिले होते हैं. लिहाजा पूरे प्रदेश में बीजेपी के जिला अध्यक्ष पद के लिए खींचतान मची हुई है. आलम ये है कि दिग्गज दांव लगा रहे हैं कि उनके समर्थक को मौका मिल जाए. ग्वालियर में जिला अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सिंधिया, तोमर अपने-अपने समर्थकों के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. वहीं भोपाल में मंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा और सांसद आलोक शर्मा भी अपनी च्वाइस के नेता को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, "जिलाध्यक्ष बीजेपी में महत्वपूर्ण पद होता है. आगे चुनावी राजनीति में भी किसी भी कार्यकर्ता की ये क्वालिफिकेशन उसके बायोडाटा को मजबूत करती है. फिर जिला बीजेपी की जो जवाबदारी संभालता है. अगर वो समर्थक हुआ तो जाहिर तौर पर उस जिले की विधानसभा या लोकसभा से जुड़े नेता की सियासत चमकाने में भी उसका सहयोग मिलता है. यही वजह है कि नेतोओं का दबाव है कि उनके च्वाईस का जिलाध्यक्ष बने. चूंकि अब मध्य प्रदेश में लगभग हर जिले की राजनीति में एक से ज्यादा दिग्गजों की राजनीति का दंगल है, लिहाजा घमासान ज्यादा है."
- कौन लेगा वीडी शर्मा की जगह! एमपी BJP प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में दिग्गज, 15 जनवरी को लगेगी मोहर
- बीजेपी का मुरैना जिला अध्यक्ष कौन? नाम देख मुहर लगाने लिस्ट दिल्ली भेजी गई
5 जनवरी तक जिला और 15 तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव
एमपी में संगठन पर्व के साथ पार्टी ने 5 जनवरी तक का लक्ष्य जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए रखा है. जबकि 15 जनवरी तक माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. निगाहें इस पर भी है कि वीडी शर्मा के कार्यकाल पूरा होने के बाद क्या उन्हें रिपीट किया जा सकता है. प्रदेश अध्यक्ष पद की कतार में नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया जैसे दिग्गज मंत्रियों के नाम हैं. वही फग्गन सिंह कुलस्ते सुमेर सिंह सोलंकी के नाम भी चर्चा में है.