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अवैध निर्माण पर चला जिला प्रशासन का बुलडोजर, अदालत के आदेश के बाद प्रशासन की कार्रवाई - illeagal land in maihar

भटिगवा गांव में अदालत के आदेश पर प्रशासन ने चरनोई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया. इस दौरान कई आदिवासियों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया. जिसका आदिवासियों ने काफी विरोध किया. उसका आरोप है कि गांव के कई दबगों ने भी जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. लेकिन प्रशासन उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

अवैध निर्माण पर चला नगर निगम का बुलडोजर
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Published : Sep 3, 2019, 11:27 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 7:21 PM IST

सतना। मैहर के भटिगवा गांव में अदालत के आदेश पर प्रशासन ने चरनोई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया. इस भूमि पर कई आदिवासियों ने अपने घर बना लिए थे. जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना में बने मकान भी शामिल थे. जिस पर पुलिस ने बुलडोजर चला दिया. जिसका आदिवासियों ने कड़ा विरोध किया लेकिन भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात होने से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया. आदिवासियों का आरोप है कि गांव के कई दबंगों ने भी इस जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. लेकिन प्रशासन उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

अवैध निर्माण पर चला नगर निगम का बुलडोजर


दरअसल गांव के ही एक व्यक्ति रघुनाथ पटेल ने जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. जिस पर अदालत ने प्रशासन को इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया था. आदेश के बाद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, जिसके बाद फरियादी की अर्जी पर अदालत ने कोर्ट ऑफ कंडक्ट की नोटिस जारी किया. जिस पर प्रशासन पूरे दल- बल के साथ गांव पहुंच कर इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा दिया.


आदिवासियों का आरोप है कि बरसात के मौसम में विना पुनर्वास की व्यवस्था किए उन्हें बेघर कर दिया गया. इस दौरान उन्हें समान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया. आदिवासी परिवार ने प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है. वहीं तहसीलदार का कहना है कि इन आदिवासियों के पास गांव की बस्ती में पहले से मकान हैं, इन्होंने यहां पर अवैध कब्जा कर रखा था, इस लिए यह कार्रवाई की गई.

सतना। मैहर के भटिगवा गांव में अदालत के आदेश पर प्रशासन ने चरनोई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया. इस भूमि पर कई आदिवासियों ने अपने घर बना लिए थे. जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना में बने मकान भी शामिल थे. जिस पर पुलिस ने बुलडोजर चला दिया. जिसका आदिवासियों ने कड़ा विरोध किया लेकिन भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात होने से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया. आदिवासियों का आरोप है कि गांव के कई दबंगों ने भी इस जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. लेकिन प्रशासन उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

अवैध निर्माण पर चला नगर निगम का बुलडोजर


दरअसल गांव के ही एक व्यक्ति रघुनाथ पटेल ने जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. जिस पर अदालत ने प्रशासन को इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया था. आदेश के बाद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, जिसके बाद फरियादी की अर्जी पर अदालत ने कोर्ट ऑफ कंडक्ट की नोटिस जारी किया. जिस पर प्रशासन पूरे दल- बल के साथ गांव पहुंच कर इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा दिया.


आदिवासियों का आरोप है कि बरसात के मौसम में विना पुनर्वास की व्यवस्था किए उन्हें बेघर कर दिया गया. इस दौरान उन्हें समान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया. आदिवासी परिवार ने प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है. वहीं तहसीलदार का कहना है कि इन आदिवासियों के पास गांव की बस्ती में पहले से मकान हैं, इन्होंने यहां पर अवैध कब्जा कर रखा था, इस लिए यह कार्रवाई की गई.

Intro:एंकर --
मैहर तहसील के भटिगवा गांव में चरनोई भूमि पर वर्षो से आबाद अदिवाशियो के आशियाने पर आज जमकर बुलडोजर चला.दो दर्जन आदिवासी परिवार के आशियाने उजाड़ कर चरनोई भूमि को अतिक्रमड मुक्त कराया गया.दरअसल गाँव के रघुनाथ पटेल ने इस जमीन को अतिक्रमड मुक्त कराने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.न्यायालय ने जिला प्रशासन को जमीन को अतिक्रमड मुक्त करने के आदेश दिए.इसी आदेश के परिपालन में आज जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण हटाया.इस मामले में सब से चौकाने बाली बात ये थी यहां अदिवाशियो के प्रधानमंत्री आवाश को भी अतिक्रमड माना गया और उन्हें भी धराशाई कर दिया गया.प्रशासन की इस कार्यवाही का आदिवासियों ने विरोध किया मगर वल पूर्वक उन्हें दबा दिया गया.बरसात के मौसम में विना पुनर्वास की व्यवस्था के अदिवाशियो को बेघर कर दिया गया.आदिवासी परिवार का करुण क्रंदन से जिला प्रशासन का दिल नही पसीजा और न्यायालय के आदेश का पालन कर कोट आफ कंटम से जिला प्रशासन बच गया.हालकि इस जमीन पर एक दर्जन से ज्यादा दबंग खेती कर रहे.उन्हें अतिक्रमण की इस कार्यवाही से मुक्त रखा गया जिसको लेकर आदिवासी परिवार और नाराज है और प्रशासन पर भेदभाव करने के आरोप लग रहे ।

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जिले के भटिगवा गाव में चारागाह के लिए आरक्षित भूमि वर्षो से अतिक्रमड की चपेट में थी.दो दर्जन आदिवासी परिवार यहां कब्जा कर आवास बनाकर रह रहे थे तो कुछ जमीन पर गाव के लोग खेती कर रहे थे.गाँव के रघुनाथ पटेल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की अपील की.न्यायालय ने जमीन से अतिक्रमड हटाने के आदेश जिला प्रशासन को जारी किए.जिला प्रशासन इस आदेश को लेकर गंभीर नही हुया और याचिका कर्ता ने कोर्ट ऑफ कंटम की नोटिस जारी कराई.ऐसे में जिला प्रशासन वचाव की मुद्रा में आया और आज दलबल के साथ अतिक्रमड हटा दिया न किसी को सामान निकलने का समय दिया और न ही उनकी बात ही सुनी.जिस किसी ने विरोध करने की कोशिश की उन्हें वल पूर्वक रोक दिया.इतना ही नही अदिवाशियो के चार प्रधानमंत्री आवास में भी बुलडोजर चला दिया गया.जिनके लिए सरकार ने राशी दी थी.मगर उन दबंगो के कब्जे को नजर अंदाज किया गया जो इसी जमीन पर वर्षो से कब्जा कर खेती कर रहे.पीडित आदिवासी की माने तो उनके घर गृहस्ती का सामान तक नही निकालने दिया गया !
बरसात के मौसम में बिना विस्थापन की व्यवस्था किये अतिक्रमण हटाने के मामले में जिला प्रशासन की दलील है कि सभी कब्जेधारी का अन्य जगहों पर आवास बना है ।

Conclusion:Byte --
मालती आदिवासी -- पीड़ित महिला ।

Byte --
रमेश कोल -- तहसीलदार मैहर !
Last Updated : Sep 4, 2019, 7:21 PM IST
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