खरगोन: भारत सरकार ने रविवार की शाम पद्म आवार्ड के लिए 139 लोगों के नामों का ऐलान किया है. इनमें से 113 हस्तियों को पद्मश्री आवार्ड से सम्मानित किया गया है. जिसमें से मध्य प्रदेश के 5 लोगों को पद्मश्री आवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. खरगोन जिले के गोगांवा के जगदीश जोशीला को साहित्य के क्षेत्र में और महेश्वर शैली होल्कर को महिला बुनकरो के उत्थान के लिए पद्मश्री आवार्ड से सम्मानित किया जाएग. जिसमें जगदीश जोशीला का भी नाम है, सम्मान की घोषणा होने के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है. बधाइयां देने वालों की भीड़ लगी है. साहित्य और निमाड़ी के लिए पहली बार खरगोन और निमाड़ अंचल को पद्मश्री आवार्ड मिलने से लोगों में खुशी है.
जगदीश जोशीला के घर खुशी का माहौल
रविवार को देर रात तक जगदीश जोशीला के गोगांवा स्थित निवास पर बधाई देने वालों की भीड लगी रही. आजादी के बाद से लोक जनपदीय कवियों की बोली पंजाबी, ब्रज, गुजराती, अवधी को तो भाषा का दर्जा मिला है, लेकिन निमाड़ी को भाषा के रूप दर्जा के लिए जोशीला का संघर्ष जारी है. निमाड़ के प्रसिद्ध साहित्यकार जगदीश जोशीला का कहना है कि "ये निमाड़ी और निमाड़ का सम्मान है."
निमाड़ी में 2 उपन्यासों सहित 28 पुस्तकें लिखी
पद्मश्री मिलने पर निमाड़ी गद्य के जनक के रूप में प्रसिद्ध और अखिल निमाड़ लोक परिषद के संस्थापक 76 वर्षीय जगदीश जोशीला का मानना है कि मूल रूप से मेरी जन्मभूमि निमाड़ और निमाड़ी बोली की उपलब्धि है. अब तक 56 किताबें लिख चूका हूं. निमाड़ी में 2 उपन्यासों सहित 28 पुस्तकें लिखी हैं. इसके अलावा उन्होंने हिंदी में 28 अन्य पुस्तकें (10 उपन्यास सहित) लिखी हैं. निमाड़ी व्याकरण और शब्दकोष भी तैयार किया है.
संत सिंगाजी पर अपने 778 पेज के शोध उपन्यास के अलावा, अहिल्या माता पर 2 भागों में उपन्यास लिखा है. जिसका अंग्रेजी में अनुवाद भी हो चुका है. जगदीश जोशीला ने जननायक टंट्या मामा और आदि शंकराचार्य पर भी उपन्यास लिखे हैं. जगदीश जोशीला को पद्मश्री आवार्ड मिलने की घोषणा पर परिजन, गोगांवा सहित खरगोन और निमाड अंचल में खुशी का माहौल है.