सतना। शहर की हालत पिछले 3 वर्षों से बद से बदतर हो चुकी है. सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं. आए दिन इन सड़कों में बने गड्ढे के कारण लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. दरअसल केके स्पान नाम की कंपनी शहर में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन का काम कर रही है. इस प्रोजेक्ट को 2019 में पूरा होना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 20 फीसदी कार्य ही हो पाया है.
सीवर लाइन डालने के लिये सड़कें खोद दी गईं, मगर उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है और जहां सड़कें बनाई जा रही हैं, वहां घटिया निर्माण कर लीपापोती की जा रही है. कंपनी की लापरवाही को देखते हुये नगर निगम ने काम बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है. निगम अधिकारी और कंपनी की मिलीभगत से रात में काम किया जा रहा है.
सीवर लाइन निर्माण के लिए जगह- जगह सड़कें खोदकर कंपनी हुई नदारद, लोगों को करना पड़ रहा है मुसीबतों का सामना - मप्र समाचार
सतना में अमृत योजना के तहत चल रहे सीवर लाइन प्रोजेक्ट को लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. 183 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और मनमानी हो रही है. शहर भर में चल रहे सीवर लाइन के कार्य से शहर की सूरत ही बिगड़ चुकी है. शहर की सड़कों को खोदकर निर्माण एजेंसी नदारद हैं और सड़कों की मरम्मत में लापरवाही बरती जा रही है.
सतना। शहर की हालत पिछले 3 वर्षों से बद से बदतर हो चुकी है. सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं. आए दिन इन सड़कों में बने गड्ढे के कारण लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. दरअसल केके स्पान नाम की कंपनी शहर में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन का काम कर रही है. इस प्रोजेक्ट को 2019 में पूरा होना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 20 फीसदी कार्य ही हो पाया है.
सीवर लाइन डालने के लिये सड़कें खोद दी गईं, मगर उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है और जहां सड़कें बनाई जा रही हैं, वहां घटिया निर्माण कर लीपापोती की जा रही है. कंपनी की लापरवाही को देखते हुये नगर निगम ने काम बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है. निगम अधिकारी और कंपनी की मिलीभगत से रात में काम किया जा रहा है.
स्मार्ट से सतना में अमृत योजना के तहत चल रहे सीवर लाइन प्रोजेक्ट को लेकर नगर निगम कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है । 183 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और मनमानी हो रही है । निगम अमला हाथ में हाथ रख कर बैठा हुआ है। शहर भर में चल रहे सीवर लाइन के कार्य में जहां लोग परेशान है वही शहर की सूरत ही बिगड़ चुकी है । शहर की सड़कों को खोदकर निर्माण एजेंसी नदारद हो चुकी है जहां सड़कों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है वह कार भी गुणवत्ता वहीं कर सिर्फ लीपापोती की जा रही है ।
Body:Vo 1--
सतना शहर की हालत पिछले 3 वर्षों से बद से बदतर हो चुके हैं सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं । लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो चुका है आए दिन रहेगी इन सड़कों में बने गड्ढे मैं गिरकर घटना दुर्घटना का शिकार होते हैं। दरअसल केके स्पान नाम की कंपनी सतना शहर में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन का काम कर रही है । इस प्रोजेक्ट समय सीमा 2019 में पूरा होना था । लेकिन अभी तक सिर्फ 20% ही कार्य पूरे शहर में हो पाया है। इतना ही नहीं सड़कें खोद दी गई मगर उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है और जहां सड़के बनाई जा रही हैं वहां सिर्फ घटिया निर्माण के चलते हैं लीपापोती की जा रही है । यह तस्वीरें इस बात का प्रमाण है कि सड़क निर्माण में डस्ट पूरी तरह से प्रतिबंधित है मगर केके स्पान कंपनी द्वारा पूरी सड़कों का निर्माण डस्ट से कराया जा रहा है । और 40 एमएम की गिट्टी की जगह 10 एमएम की गिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है । हाला की गुणवत्ता भी इनकार करने की वजह से नगर निगम ने के के स्पान को सीवर लाइन का काम बंद करने का प्रस्ताव पारित कर रखा । मगर कंपनी और निगम अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते रात के अंधेरे में काम कर रही है और दिन में काम बंद कर चुकी । शिवा लाएंगे कार्यों को लेकर ना केवल स्थानीय शिकवा शिकायत कर चुके हैं बल्कि वार्ड पार्षद भी मुखर होकर शिकायत कर रहे हैं मगर नतीजा ढाक के तीन पात ही है ।
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मीना माधव -- वार्ड क्र. 1 पार्षद नगर निगम सतना ।
Vo 2--
कहने को तो नगर निगम में 45 वाट चलाने वाले सिविल लाइन का काम देखरेख के लिए आधा दर्जन उपयंत्री और सहायक यंत्रीओं की टीम बनी है । लेकिन इस प्रोजेक्ट की देखरेख के लिए एक मुख्य अभियंता भी तैनात नहीं है मगर शायद इन अधिकारियों को कुछ गलत नहीं दिख रहा । इस बारे पर नगर निगम आयुक्त की माने तो काम की सतत निगरानी की जा रही है और घटिया निर्माण कर प्लांटी भी लगाई जा सकती है।
byte --
संदीप राजप्पा -- कमिश्नर नगर निगम सतना ।
Conclusion:Vo 3---
बरहाल मौसम बरसात का आने वाला है शहर की सड़कें जगह-जगह पर को दी गई लेकिन मरम्मत का कार्य सिर्फ लीपापोती के आधार पर चल रहा है घटिया निर्माण होने की वजह से थोड़ी सी बरसात में ही लोग घरों में कैद हो सकते हैं ।खोदे गए गड्ढों में पानी भर जाना और लोगों के लिए घटना दुर्घटना का कारण बना बी सबसे बड़ी समस्या है । अब सवाल निगम अमले पर उठ रहा है। जिस निर्माण कार्य के समय सीमा समाप्त होने वाली हो उसका कार्य कब तक पूरा होगा । वही सरकार का सतना को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना अभी किसी भयानक सपने से कम नहीं है ।