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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से याचिकाकर्ता नाखुश, पेश की एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन, राज्य निर्वाचन आयोग को दी ये सलाह - एमपी ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का न्याय

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनावों में ओबीसी को 35% आरक्षण देने का दावा कर रही सरकार बैकफुट पर है. वहीं याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने इस फैसले पर एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन कोर्ट के समक्ष पेश कर दी है. (supreme court verdict on mp obc reserevation)

Supreme court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : May 11, 2022, 6:37 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा कि ये चुनाव बिना ओबीसी रिजर्वेशन के होंगे और राज्य निर्वाचन आयोग को 15 दिन के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनावों में ओबीसी को 35% आरक्षण देने का दावा कर रही सरकार बैकफुट पर है. वहीं याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने इस फैसले पर एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन कोर्ट के समक्ष पेश कर दी है. वहीं उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा कि वह अपनी तरफ से एप्लीकेशन फॉर क्लियर फिकेशन पेश करे. (supreme court verdict on mp obc reserevation)

क्यो बोलीं याचिकाकर्ता

कई संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख नहींः मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाने के मामले में याचिका लगाने वाली जया ठाकुर गत दिवस आए फैसले पर आज एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट में पेश कर रही हैं. जया ठाकुर का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसमें काफी सारे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख नहीं है. जया ठाकुर को उम्मीद है कि एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन से सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सुधार होगा और ओबीसी वर्ग के साथ जो अन्याय हुआ है, वह आगे नहीं होगा. उन्होंने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है. (mp obc reservation petition in supreme court)

सुप्रीम फैसले के बाद हरकत में राज्य निर्वाचन आयोग, 30 जून तक हो जाएंगे चुनाव, मंत्री बोले- जल्द लगाएंगे रिव्यू पिटीशन

क्या कहना है याचिकाकर्ता जया ठाकुर काः याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है उसका हमने और हमारी लीगल टीम ने अध्ययन किया है. उस निर्णय में हमने पाया कि उसमें काफी सारे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख नहीं है. इसी कारण पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी का रिजर्वेशन चला गया. इसी समस्या को समझते हुए मैं आज सुप्रीम कोर्ट में एप्लीकेशन फॉर मॉडिफिकेशन पेश कर रही हूं. जिससे आने वाले समय में ओबीसी समाज के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे सुधारा जा सके. उन्हें समय पर रिजर्वेशन मिल सके. कोर्ट ने निश्चित समय पर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं. इसमें राज्य निर्वाचन आयोग से मेरी गुजारिश है कि राज्य निर्वाचन आयोग भी अपनी तरफ से एप्लीकेशन ऑफ क्लियर फिकेशन पेश करे.

सागर। मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा कि ये चुनाव बिना ओबीसी रिजर्वेशन के होंगे और राज्य निर्वाचन आयोग को 15 दिन के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनावों में ओबीसी को 35% आरक्षण देने का दावा कर रही सरकार बैकफुट पर है. वहीं याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने इस फैसले पर एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन कोर्ट के समक्ष पेश कर दी है. वहीं उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा कि वह अपनी तरफ से एप्लीकेशन फॉर क्लियर फिकेशन पेश करे. (supreme court verdict on mp obc reserevation)

क्यो बोलीं याचिकाकर्ता

कई संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख नहींः मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाने के मामले में याचिका लगाने वाली जया ठाकुर गत दिवस आए फैसले पर आज एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट में पेश कर रही हैं. जया ठाकुर का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसमें काफी सारे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख नहीं है. जया ठाकुर को उम्मीद है कि एप्लीकेशन ऑफ मॉडिफिकेशन से सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सुधार होगा और ओबीसी वर्ग के साथ जो अन्याय हुआ है, वह आगे नहीं होगा. उन्होंने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है. (mp obc reservation petition in supreme court)

सुप्रीम फैसले के बाद हरकत में राज्य निर्वाचन आयोग, 30 जून तक हो जाएंगे चुनाव, मंत्री बोले- जल्द लगाएंगे रिव्यू पिटीशन

क्या कहना है याचिकाकर्ता जया ठाकुर काः याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है उसका हमने और हमारी लीगल टीम ने अध्ययन किया है. उस निर्णय में हमने पाया कि उसमें काफी सारे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख नहीं है. इसी कारण पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी का रिजर्वेशन चला गया. इसी समस्या को समझते हुए मैं आज सुप्रीम कोर्ट में एप्लीकेशन फॉर मॉडिफिकेशन पेश कर रही हूं. जिससे आने वाले समय में ओबीसी समाज के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे सुधारा जा सके. उन्हें समय पर रिजर्वेशन मिल सके. कोर्ट ने निश्चित समय पर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं. इसमें राज्य निर्वाचन आयोग से मेरी गुजारिश है कि राज्य निर्वाचन आयोग भी अपनी तरफ से एप्लीकेशन ऑफ क्लियर फिकेशन पेश करे.

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