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आम बजट 2021 से असंतुष्ट सागर के किसान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश कर दिया है. इस पर लगातार सभी वर्गों की प्रतिक्रियाएं आ रही है. वहीं किसानों की बात करें, वह इस बजट से नाखुश नजर आ रहे है.

farmers opinion on budget
बजट पर किसानों की राय
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Published : Feb 1, 2021, 6:21 PM IST

Updated : Feb 1, 2021, 6:43 PM IST

सागर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट का पिटारा खोल दिया है, लेकिन बजट में मध्यम वर्ग के लिए किसी तरह की राहत नजर नहीं आ रही है. वहीं किसान भी इस बजट से खुश नहीं दिख रहे हैं.

बजट में किसानों के लिए राहत देने की मंशा जाहिर करते हुए ऋण के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस पर किसान बहुत खुश नहीं है. बजट में कृषि ऋण के लिए दिए गए प्रावधान पर किसानों का तर्क है कि ऋण उपलब्ध होना अच्छी बात है, लेकिन इससे किसान कर्जदार ही बनता है, जबकि जरूरत किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की है, ना कि उसे कर्जदार बनाने की.

बजट पर किसानों की राय

किसान जागेश्वर पांडे कहते हैं कि कर्ज लेना किसान की मजबूरी है ना कि यह उनके लिए लाभ का विषय है. कोई भी सरकार वास्तविक रूप से किसान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है.

डीजल पर कृषि सेस 4 रुपये लगाने के वित्त मंत्री के फैसले पर भी किसान नाखुश हैं. उनका तर्क है कि डीजल पर सेंसर लगाने पर इसका असर महंगाई पर पड़ेगा. इसका असर साफ तौर पर किसानों को होगा.

किसानों का मानना है कि बजट के प्रावधानों से डीएपी और यूरिया के दाम भी बढ़ेंगे, जिसका सीधा असर खेती की लागत पर पड़ेगा. कभी सूखा, तो कभी अतिवृष्टि और अब ठंड के कारण फसलों को भारी नुकसान होगा. ऐसे में किसान को बजट और सरकार से राहत की उम्मीद थीं, लेकिन बजट से किसानों को कोई खास राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.

सागर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट का पिटारा खोल दिया है, लेकिन बजट में मध्यम वर्ग के लिए किसी तरह की राहत नजर नहीं आ रही है. वहीं किसान भी इस बजट से खुश नहीं दिख रहे हैं.

बजट में किसानों के लिए राहत देने की मंशा जाहिर करते हुए ऋण के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस पर किसान बहुत खुश नहीं है. बजट में कृषि ऋण के लिए दिए गए प्रावधान पर किसानों का तर्क है कि ऋण उपलब्ध होना अच्छी बात है, लेकिन इससे किसान कर्जदार ही बनता है, जबकि जरूरत किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की है, ना कि उसे कर्जदार बनाने की.

बजट पर किसानों की राय

किसान जागेश्वर पांडे कहते हैं कि कर्ज लेना किसान की मजबूरी है ना कि यह उनके लिए लाभ का विषय है. कोई भी सरकार वास्तविक रूप से किसान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है.

डीजल पर कृषि सेस 4 रुपये लगाने के वित्त मंत्री के फैसले पर भी किसान नाखुश हैं. उनका तर्क है कि डीजल पर सेंसर लगाने पर इसका असर महंगाई पर पड़ेगा. इसका असर साफ तौर पर किसानों को होगा.

किसानों का मानना है कि बजट के प्रावधानों से डीएपी और यूरिया के दाम भी बढ़ेंगे, जिसका सीधा असर खेती की लागत पर पड़ेगा. कभी सूखा, तो कभी अतिवृष्टि और अब ठंड के कारण फसलों को भारी नुकसान होगा. ऐसे में किसान को बजट और सरकार से राहत की उम्मीद थीं, लेकिन बजट से किसानों को कोई खास राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.

Last Updated : Feb 1, 2021, 6:43 PM IST
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