सागर। विधानसभा चुनाव 2023 के समर में पार्टी की नैया पार लगाने के लिए कांग्रेस हारी हुई सीटों पर फोकस कर रही है. यही वजह है कि भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले बुंदेलखंड में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अगले हफ्ते 3 दिन का प्रवास करने वाले हैं. यहां वे हारी हुईं विधानसभा सीटों पर पहुंचेंगे और मंडलम सेक्टर की बैठक के अलावा संगठन और बूथ की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करेंगे. शुरुआत बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर से होने जा रही है. दिग्विजय सिंह 10 अप्रैल को सागर पहुंचकर 13 अप्रैल तक चुनावी तैयारियों पर फोकस करेंगे.
तीन दिन में बुंदेलखंड की स्थिति जानेंगे: बुंदेलखंड के 3 दिन के दौरे पर आ रहे दिग्विजय सिंह 10 अप्रैल को सबसे पहले बीना पहुंचेंगे. यहां वे मंडलम सेक्टर की बैठक के बाद ब्लॉक कार्यकारिणी सदस्य और कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारियों का फीडबैक लेंगे. इसके बाद 11 अप्रैल को दिग्विजय सिंह खुरई पहुंचेंगे. जहां वे खुरई विधानसभा सीट को लेकर रायशुमारी करेंगे. गौरतलब है कि खुरई नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का विधानसभा क्षेत्र है. खुरई के बाद दिग्विजय सिंह राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी पहुंचेंगे. सुरखी में मंडलम सेक्टर की बैठक के अलावा कार्यकर्ताओं से राजनीतिक हालातों पर फीडबैक लेंगे. सुरखी में रात्रि विश्राम के बाद 12 अप्रैल को दिग्विजय सिंह सागर जाएंगे. जहां सागर और नरयावली विधानसभा सीटों की समीक्षा करेंगे. इसके बाद दिग्विजय 13 अप्रैल को पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र रहली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. रहली में रायशुमारी के बाद दिग्विजय सिंह दमोह के लिए रवाना होंगे. यहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद हटा विधानसभा क्षेत्र जाएंगे. हटा में कार्यकर्ताओं से बैठक और रायशुमारी के बाद वे भोपाल रवाना हो जाएंगे.
सागर-दमोह में 2018 के चुनाव परिणाम: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सागर और दमोह की सीटों की तैयारियों की समीक्षा करने आ रहे हैं. अगर 2018 के चुनाव परिणाम देखें तो सागर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 3 पर जीत हासिल हुई थी. इनमें देवरी, बंडा और सुरखी विधानसभा सीटें शामिल हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद सुरखी के तत्कालीन विधायक गोविंद सिंह राजपूत भी भाजपा में शामिल हो गए थे. उपचुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की. इस तरह सागर की 8 विधानसभाओं में सिर्फ 2 पर कांग्रेस के विधायक रह गए हैं. इसी तरह दमोह जिले की बात करें तो यहां चार विधानसभा में से 2018 में 1 सीट बसपा, एक कांग्रेस और 2 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं. दमोह से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने राहुल लोधी ने भी पार्टी से बगावत कर दी. हालांकि, उपचनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. इस तरह कांग्रेस अपनी इकलौती सीट बचाने में कामयाब हो गई थी.
कांग्रेस की तैयारियां: जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद अहिरवार का कहना है कि 10 अप्रैल को दिग्विजय सिंह बीना पहुंचकर संगठनात्मक बैठक करेंगे. बीना के बाद खुरई की समीक्षा कर फिर सुरखी पहुंचेंगे. जहां समीक्षा बैठक के बाद रात्रि विश्राम करेंगे. सुरखी के बाद सागर, फिर नरयावली और इसके बाद रहली विधानसभा सीट की समीक्षा करेंगे और फिर दमोह के लिए रवाना हो जाएंगे. वे दमोह में हटा विधानसभा सीट की राजनीतिक समीक्षा करेंगे. हारी सीटों की समीक्षा के सवाल पर जिलाध्यक्ष आनंद अहिरवार कहते हैं. 'जो आप कह रहे हैं, वह स्पष्ट है. आने वाले समय में हम संगठन को कैसे मजबूत कर सकते हैं और भाजपा की दमनकारी नीति को कैसे जनता के सामने लाया जाए, इस पर फोकस रहेगा. हमारी रणनीति है कि शिवराज सरकार की विफलताएं जनता को बताई जाएं. हमें पूरा विश्वास है कि मध्यप्रदेश की जनता एक बार फिर बहुमत देते हुए कांग्रेस की सरकार बनाएगी.'